चंडीगढ़:
हरियाणा के विधान सभा चुनाव लड़ रहे 117 उम्मदीवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमे सबसे ज्यादा संख्या कांग्रेस पार्टी और सबसे कम संख्या भाजपा के उम्मदीवारों की है. इस बार चुनाव मैदान में कुल 1138 उम्मदीवार हैं. चुनाव लड़ रहे पांच उम्मदीवारों के खिलाफ महिलाओं से सबंधित आपराधिक मामले और 5 उम्मदीवारों के खिलाफ हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं. दो उम्मदीवार ऐसे भी है जिन पर रेप के मामले दर्ज हैं. यह आंकड़ा The Haryana Election Watch and Association for Democratic Reforms की रिपोर्ट में सामने आया है.
1168 में से 1138 उम्मदीवारों की तरफ से चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट का निरीक्षण किया है. उधर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक उम्मीदवारों को चुनाव से पहले अपने खिलाफ दर्ज अपारधिक मामलों की जानकारी अखबारों और टी वी चैनल्स के माध्यम से जनता तक पहुंचानी लाजिमी है. The Haryana Election Watch and Association for Democratic Reforms ने जिन 1138 उम्मदीवारों के चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट का आंकलन किया है.
कौन है एडीआर (ADR):
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की स्थापना 1999 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद के प्रोफेसरों के एक समूह द्वारा की गई थी। 1999 में, उनके द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के साथ पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) दायर किया गया था, जिसमें चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की आपराधिक, वित्तीय और शैक्षिक पृष्ठभूमि का खुलासा करने का अनुरोध किया गया था। इसके आधार पर, 2002 में सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद 2003 में, चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग के साथ एक हलफनामा दायर करके चुनाव से पहले आपराधिक, वित्तीय और शैक्षिक पृष्ठभूमि का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया गया।
उसके मुताबिक़ कांग्रेस पार्टी ने 15 फीसदी ऐसे उम्मदीवारों को टिकट दिया है जिन के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. Association for Democratic Reforms द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक़ कांग्रेस के 87 में से 13 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस के बाद दूसरे नंबर बहुजन समाज पार्टी का है. जिसके 86 में से 12 उम्मदीवार यानि 14 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
तीसरे नंबर पर जन नायक जनता पार्टी है जिसने 87 में से 10 ऐसे उम्मदीवार मैदान में उतारे हैं. इनेलो के 80 उम्मदीवारों में से 7 उम्मदीवार इस श्रेणी में हैं जबकि भाजपा ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मदीवार मैदान में उतारने से सबसे ज्यादा परहेज किया है. भाजपा के 89 में से केवल 3 उम्मदीवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक़ इन आपराधिक मामलों में बात यदि घंभीर आपराधिक मामलों की करें तो इस मामले में बहुजन समाज पार्टी सबसे आगे हैं. बहुजन समाज पार्टी के 9 उम्मदीवार , कांग्रेस के 8 उम्मदीवार, जान नायक जनता पार्टी के 6 उम्मदीवार इनेलो के 5 उम्मदीवार और भाजपा का एक उम्मदीवार ऐसा है जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि 5 उम्मदीवार ऐसे चुनाव लड़ रहे हैं जिनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध से सबंधित मामले दर्ज हैं और इनमे से 2 उम्मदीवारों के खिलाफ तो रेप के मामले दर्ज हैं. 5 उम्मदीवारों के खिलाफ हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं.
कुल 90 सीटों में से 15 सीटों को रेड अलर्ट की श्रेणी में रखा गया है जिसका मतलब है कि इन 15 सीटों में हर सीट पर तीन या तीन से ज्यादा ऐसे उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं जिनके खिलाफ अपारधिक मामले दर्ज हैं. बहरहाल जनता का भरोषा जीतने चुनाव मैदान में उतरे आपराधिक उम्मदीवार अपनी अपारधिक पृष्ठभूमि जनता से छिपा कर नहीं रख सकेंगे.
हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाक्टर इंदरजीत रंगा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत उम्मदीवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी जनता को देनी होगी जिसके लिए उम्मदीवारों को चुनाव से पहले पहले तीन बार अखबारों और टी वी चैनल्स के माध्यम से अपने खिलाफ दर्ज मामलों का इश्तिहार देना जरुरी है.
पिछले विधान सभा चुनाव के मुकाबले इस साल का आंकड़ा कुछ ज्यादा है. पिछले विधान सभा चुनव वर्ष 2014 में कुल 1343 उम्मदीवारों ने चुनाव लड़ा था जिनमे से 94 उम्मदीवारों के खिलाफ मामले दर्ज थे. बहरहाल हरियाणा की जनता आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को कितना समर्थन देगी यह चुनाव के नतीजे ही बता पाएंगे.