पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने शनिवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर बांटे जा रहे टिकटों की खरीद-बिक्री का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: UPDATE
अशोक तंवर ने प्रेस वार्ता में कहा कि वह काँग्रेस में पिछले 26 सालों से काम कर रहे हैं, उन्होने कहा कि सोनिया गांधी मातृतुल्या हैं और वह पिछले 12 सालों से राहुल गांधी के साथ काम कर रहे हैं, उन्होने यह भी बताया की राहुल पार्टी से ठेकेदारी प्रथा को खत्म करना चाहते थे जो अब पुन: सर उठा चुकी है। उन्होने कहा:
जाको प्रभु दारुण दु:ख देई ताकि मती पहले हर लेई
घर घर ‘रावण’, घर घर ‘लंका’ इतने ‘राम’ कहाँ से लाऊं
अंत मेन तंवर ने कहा की आशा है कि उनकी हत्या नाहन की जाएगी जैसे करीब 3 साल पहले भी कोशिश की जा चुकी है।
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर बांटे जा रहे टिकटों की खरीद-बिक्री का आरोप लगाया है. आपको बता दें कि अशोक तंवर की काफी दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से तनातनी चल रही थी. हाल में अशोक तंवर से प्रदेश की कमान छीनकर कुमारी शैलजा को दी गई है. हरियाणा में बीच चुनाव के बीच अशोक तंवर का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है.
सूत्रों की मानें तो पार्टी आला कमान को इस बात का पहले ही से अंदेशा था, पार्टी के सूत्र बताते हैं कि तंवर के पार्टी छोडने कि बात बहत पहले ही जान ली गयी थी, क्षतिपूर्ति के लिए तंवर को स्टार प्रचारकों में शामिल करने कि खानापूर्ति भी कर दी गयी थी। पार्टी को इस बात का अंदेशा उसी दिन हो गया था जिस दिन तंवर ने 10 जनपथ पर धारणा प्रदर्शन किया था। पार्टी के सूत्रों क सुनें तो तंवर ने अपना इस्तीफा दे कर आपनी इज्ज़त बचाने का असफल प्रयास किया है। काँग्रेस इस्तीफे स्वीकार नहीं करती, समय आने पर ख़ुद निकलती है।
आज कि तारीख में अशोक तंवर के इस्तीफे का इन चुनावों में कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला जान पड़ता, तंवर कि नराज़गी कि वजह ही उनके इस्तीफे के कारण खटाई में पड़ गयी जान पड़ती है।हम आ जीतने भी कयास लगाएँ असल फर्क तो नतीजे आने पर ही पता लगेगा।