देशभर में ‘वन स्टॉप सेंटर’ का जाल बिछाना चाहती हैं स्मृति ईरानी

ईरानी ने इस साल मई के अंत में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाला था. तब से लेकर अभी तक हर महीने 21 से अधिक नए केंद्रों की दर से देश में 85 नए ओएससी स्थापित किए जा चुके हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कुल 471 ओएससी केंद्र स्थापित किए गए थे. प्रति महीने की दर से देखें तो उस दौरान एक महीने में 10 केंद्र खोले गए.

नई दिल्ली:

महिला एवं बाल विकास मंत्री का पदभार संभालने के चार महीने बाद स्मृति ईरानी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की समस्या से निपटने के लिए वन स्टॉप सेंटर की स्थापना पर विशेष जोर दिया है. ईरानी ने इस साल मई के अंत में मंत्रालय का कार्यभार संभाला था. तब से लेकर अभी तक हर महीने 21 से अधिक नए केंद्रों की दर से देश में 85 नए ओएससी स्थापित किए जा चुके हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कुल 471 ओएससी केंद्र स्थापित किए गए थे. प्रति महीने की दर से देखें तो उस दौरान एक महीने में 10 केंद्र खोले गए.

अधिक केंद्र स्थापित करने के अलावा मंत्रालय ने ओएससी में हिंसा प्रभावित महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) पर भी जोर दिया है. ईरानी ने ओएससी और 181 महिला हेल्पलाइन्स में शिकायतों के प्रभावी व कुशल प्रबंधन के लिए एक विशेष आईटी प्लेटफॉर्म ‘सखी डैशबोर्ड’ भी विकसित किया है.

नए ओएससी केंद्रों में सर्वाधिक तेलंगाना में 16 केंद्र स्थापित किए गए हैं. इसके बाद हरियाणा में 10 और नागालैंड व पंजाब में नौ-नौ केंद्र बनाए गए हैं. जबकि गुजरात में सात और अरुणाचल प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में छह-छह केंद्रों की स्थापना की गई है. मंत्रालय का लक्ष्य पूरे देश के प्रत्येक जिले में एक ओएससी स्थापित करना है.

ईरानी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के पहले 100 दिनों में 85 वन स्टॉप सेंटर स्थापित करना महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता दिखाता है.’

वन स्टॉप सेंटर निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक छत के नीचे समर्थन और सहायता प्रदान करते हैं. इन केंद्रों के जरिए हिंसा से प्रभावित 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों सहित सभी महिलाओं को मदद मुहैया कराई जाती है.

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply