रेलवे कर्मचारियों को बोनस और ई-सिगरेट प्रतिबंधित
कैबिनेट की बैठक में 11 लाख रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का वेतन बोनस देने का फैसला किया गया है. साथ ही ई-सिगरेट का आयात-निर्यात, बिक्री वितरण पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है.
उधर, ई-सिगरेट का समर्थन करने वालों की दलील है कि यह धूम्रपान करने वाले तंबाकू की तुलना में कम हानिकारक है.
- रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा 78 दिन का बोनस
- मोदी कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर भी लगाया बैन
- ई-सिगरेट का आयात-निर्यात, बिक्री वितरण प्रतिबंधित
नई दिल्ली:
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध:
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि 11 लाख रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता बोनस के तौर पर 78 दिन का वेतन दिया जाएगा. मीडिया से बात करते वक्त यहां मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ई-सिगरेट को पूरी तरह से बैन करने का कैबिनेट ने फैसला लिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह समाज में एक नई समस्या को जन्म दे रहा है और बच्चे इससे अपना रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट को बनाना, आयात/निर्यात, बिक्री, वितरण, स्टोर करना और विज्ञापन करना सब पर प्रतिबंध होगा. वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि ‘ई-सिगरेट ऑर्डिनेंस 2019’ को मंत्रियों के समूह ने कुछ समय पहले ही इस पर विमर्श किया था. ऑर्डिनेंस के ड्रॉफ्ट में स्वास्थ मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया था कि पहली बार कानून का उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रुपये का जुर्माना और एक साल की सजा का प्रावधान हो.
इससे पहले बीते अगस्त में ई-सिगरेट निषेध अध्यादेश, 2019 प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद एक जीओएम को भेजा गया था. अध्यादेश के मसौदे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रुपये के जुर्माने के साथ एक साल कैद की अधिकतम सजा का प्रस्ताव था. मंत्रालय ने बार-बार अपराध करने वालों के लिए पांच लाख रुपये का जुर्माना और अधिकतम तीन साल की जेल की सिफारिश की थी. मोदी सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे में ई-सिगरेट सहित अन्य वैकल्पिक धूम्रपान उपकरणों पर प्रतिबंध लगाना शामिल था.
उधर, ई-सिगरेट का समर्थन करने वालों की दलील है कि यह धूम्रपान करने वाले तंबाकू की तुलना में कम हानिकारक है. हालांकि सरकार यह कहते हुए प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रही है कि उसमें पारंपरिक सिगरेट के समान ही जोखिम है. शीर्ष मेडिकल शोध निकाय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने ऐसे उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की थी
क्या है ई-सिगरेट :
ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक बैटरी-चालित डिवाइस होती है, जो तम्बाकू या गैर-तम्बाकू पदार्थों की भाप को सांस के साथ भीतर ले जाती है. आमतौर पर सिगरेट, बीड़ी या सिगार जैसे धूम्रपान के लिए प्रयोग किए जाने वाले तम्बाकू उत्पादों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली ई-सिगरेट तम्बाकू जैसा स्वाद और एहसास देती है, जबकि वास्तव में इसमें कोई धुआं नहीं होता है. ई-सिगरेट एक ट्यूब के आकार में होती है, और इनका बाहरी रूप सिगरेट और सिगार जैसा ही बनाया जाता है.
न्यूयॉर्क में भी ई-सिगरेट बैन
आज ही न्यूयॉर्क में भी ई-सिगरेट को प्रतिबंधित किया गया है. ई-सिगरेट के कारण हुई कई मौत के बाद यह कदम उठाया गया. इन मौत के साथ ही इस उत्पाद को लेकर डर बढ़ गया है जिसे लंबे समय से धूम्रपान से कम नुकसानदेह माना जाता रहा है. सुगंधित ई-सिगरेट के प्रयोग को गैरकानूनी घोषित करने के गवर्नर एंड्रु क्योमो के प्रस्ताव पर एक स्वास्थ्य परिषद ने आपात कानून पारित किया. फेफड़ों से संबंधित गंभीर बीमारी के अचानक बढ़ते प्रकोप के बाद यह प्रस्ताव पेश किया गया. इस बीमारी के चलते सात लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों बीमार हो गए. यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इस प्रतिबंध की घोषणा करने वाला मिशिगन पहला राज्य था, लेकिन कानून लागू होना अब भी बाकी है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह बहुत जल्द ई-सिगरेट उत्पादों को प्रतिबंधित करने वाला है.
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