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चंडीगढ़, 7 सितंबर 2019 (सारिका तिवारी)

काँग्रेस में रणदीप सिंह सुरजेवाला के खेमे में बड़ी दरार के आन बैठने का अंदेशा तो पहिले ही से था लेकिन सुरजेवाला को कमजोर कौन करेगा इस पर कयास लगाए जा रहे थे। आज काँग्रेस और भाजपा के सूत्रों की मानें तो वह नाम है ‘सुमित्रा चौहान’

सूमित्रा चौहान न केवल रणदीप के कुशल रणनीतिकारों में से एक है आपितु संगठन को सुगठित करने और उसके विस्तार में इनका बहुत योग दान रहा है। जींद उपचुनाव के बाद इनकी ओर सुरजेवाला की अनबन हो गयी थी जो बाद में बढ़ती ही गयी। रही सही कसर लोकसभा चुनावों ने पूरी कर दी।

सुमित्रा चौहान हाल ही में काँग्रेस से भाजपा में शामिल हुए संजय सिंह के वरदहस्त में भाजपा में शामिल होंगी। समित्रा के सोनीपत सांसद रमेश चन्द्र कौशिक के साथ भी घरेल संबंध हैं। अत: उन्हे भाजपा में काम करते हे कोई भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। इतना ज़रूर है की काँग्रेस को इस क्षतिपूर्ति में बहुत समय लगेगा।

सुमित्रा पर सुष्मिता देव और राहुल गांधी बहुत विश्वास करते थे। राहुल गांधी के त्याग पत्र देने के बाद अपना त्याग पत्र देने वाली पहली नेत्री थीं सुमित्रा। अपनी कार्यशैली से वह संगठन में जमीनी कार्यकर्ता से लेकर पार्टी अध्यक्ष त तालमेल बना लेतीं थीं। हरियाणा में महिला कॉंग्रेस को एक तरह से पुनर्गठित कर उसमे जान फूंकने का काम भी इसी नेत्री के नाम जाता है।

अभी अभी खबर मिली है कि सुमित्रा चौहान किसी भी क्षण भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की औपचारिकता पूरी करने वाली है। पहले खबर थी कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रोहतक की जनसभा में भाजपा में शामिल होने की घोषणा करेंगे। परंतु अभी सूचना मिली है कि वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की औपचारिकताएं पूरी करने की तैयारी में है। उनके सहयोगी इसकी पुष्टि कर रहे है। अब यह माना जा रहा है कि वह कांग्रेस में बडा डेंट लगाने में अहम भूमिका अदा करने वाली है। इसलिए कि वे एक सक्षम नेत्री है ।अच्छी संगठन कर्ता है। यह कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है