Monday, December 23

चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग को लेकर असमंजस बरकरार है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) के प्रमुख के सिवन (K Sivan) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चंद्रयान -2 से चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर संपर्क टूट गया. इसरो (ISRO) में मौजूद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि देखिए जीवन में उतर चढ़ाव आते रहते हैं. ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है. फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है

मिशन नाकाम नहीं हुआ है बल्कि हमे आंशिक सफलता मिली है, हम बहुत करीब पहुंचे। ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भेजेगा। ऑर्बिटर अभी भी ट्रैक पर है और डेटा भेज रहा है। हिन्दुस्तान से बातचीत में इसरो के वरीय वैज्ञानिक और चंद्रयान 2 मिशन के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर अमिताभ ने यह जानकारी दी। इसके अलावा लैंडर के क्रेश होने के सवाल पर इसरो के वैज्ञानिक देवी प्रसाद कार्णिक ने जवाब दिया कि डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। हमारे पास अभी तक कोई परिणाम नहीं है। इसमें समय लगता है। अभी कुछ भी कहना सही नहीं है। 

चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था।लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। ‘विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग और ‘फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं। इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे। उन्होंने घोषणा की कि ‘विक्रम लैंडर को चांद की सतह की तरफ लाने की प्रक्रिया योजना के अनुरूप और सामान्य देखी गई, लेकिन जब यह 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था तो तभी इसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। डेटा का अध्ययन किया जा रहा है।