Monday, December 23

पिछले दिनों www.demokraticfront.com द्वारा पंचकूला के आसपास के इलाको में फ़र्ज़ी प्रमाण पत्रों के आधार पर मेडिकल और पैरा मेडिकल प्रैक्टिस करने वालों के विषय में एक समाचार प्रकाशित किया गया।

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www.demokraticfront.com पर अनावश्यक दबाव बनाने और इस संवाददाता को काम करने से रोकने, कार्य क्षेत्र में छवि बिगाड़ने के लिए और गलत तरीके से अपना गोरख धंधा चलाये रखने के लिए पिंजौर के एक स्थानीय केमिस्ट गुरमेल सिंह जो कि स्वंम्भू चिकित्सक है ने इस संवाददाता और सम्पादक के खिलाफ पिंजौर थाने में गत एक सितम्बर को शिकायत दी जिसमें उसने आरोप लगाए कि संवाददाता ने उसके खिलाफ खबर न लगाने के लिए रिश्वत मांगी। पुलिस स्टेशन से फोन आने पर www.demokraticfront.com की सम्पादक सारिका तिवारी और संवाददाता पंकज गुप्ता पुलिस स्टेशन पहुंचे और रिश्वत मांगने के सबूत मांगे परन्तु गुरमेल सिंह ने कोई भी सबूत होने से इन्कार किया ।

सनद रहे प्रकाशित समाचार में किसी भी व्यक्ति विशेष या दुकान का नाम लिखा नहीं गया था।

पिंजौर थानाध्यक्ष यशदीप ने पत्रकारों को अपनी पहचान की पुष्टि के लिए अपने पहचानपत्र थाने में दिखाने के लिए कहा है जो की सराहनीय है। अगर आगे भी केवल चेहरे की पहचान के साथ साथ सभी पत्रकारोँ के पहचान पत्रों द्वारा पुष्टि की जाएगी तो जनता और सरकार को सही समाचार मिलेंगे और स्वंम्भू पत्रकार भी किसी को अनावश्यक परेशान नहीं कर पाएंगे। यह इसलिए भी आवश्यक है सिटिज़न रिपोर्टर चूंकि पत्रकार नहीं हैं इसलिए उचित प्रशिक्षण के आभाव में समाचार की संजीदगी समझ नहीं पाते और लोग भरम की स्थिति में रहते हैं।

इसी कड़ी में पंचकूला मिनि सचिवालय स्थित जनसंपर्क विभाग में कार्यरत एक कर्मी सुखवीर जो कि शायद पिंजौर निवासी है को शिकायतकर्ता गुरमेल सिंह ने सम्पादक सारिका तिवारी से बात करने को कहा। जन सम्पर्क विभाग में दिन दहाड़े शराब के नशे में सुखवीर ने कहा कि इस मामले पर लिखना बन्द करो । बात करते समय उक्त कर्मचारी शराब के नशे में था जब उससे पूछा गया कि क्या वह नशे में है तो वह भागता दिखाई दिया।