Monday, December 23

पंचकूला, 4 सितम्बर:

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड ने कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे कृषि उत्पादन को ओैर अधिक बढाने की बजाए गुणात्मक उत्पादन पर बल दे। उन्होंने कहा कि भावी पीढियों को शुद्ध वातावरण व शुद्ध आहार उपलब्ध करवाना विशेष प्राथमिकता होनी चाहिये और इसके लिये कृषि क्षेत्र में जहरीली दवाओं व रासयानिक खादों के प्रयोग में कमी लाना सबसे बडी चुनौती है । उन्हांेन कहा कि इसके लिये राज्य और जिला मुख्यालयोें पर प्रयोगशालाएं स्थापित करना पर्याप्त नही है बल्कि हर व्यक्ति को मिट्टी की जांच की प्रक्रिया का ज्ञान होना चाहिये । उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिक्षा विभाग के साथ मिलकर दो या तीन गांवों के लिये विद्यालय स्तर पर मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना करने की कार्य योजना तैयार करे । उन्होंने कहा कि इस से जहां किसानों को अपने नजदीकी स्थान पर जांच सुविधा उपलब्ध होगी वहीं विद्यार्थियों को भी मृदा जांच की प्रक्रिया का ज्ञान उपलब्ध हो सकेंगा ।

धनखड आज सैक्टर-21 पंचकूला में कृषि भवन में भूमि परीक्षण प्रयोगशाला के द्वितीय व तृतीय तल के भवन का शिलान्यास करने के उपरान्त उपस्थित प्रतिभागगियों को सम्बोधित कर रहे थे । इस विस्तार भवन के निर्माण पर 309ः76 लाख रूपये की राशि खर्च की जायेगी और यह कार्य एक वर्ष में पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि धरती सभी जीवों का मां की तरह पोषण करती है और जीवों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये मां का स्वास्थ्य ठीक रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों के अन्धाधूंध प्रयोग के कारण भूमि की सेहत खराब हुई है और इसका प्रभाव मनुष्य व जीवों के स्वास्थ्य पर भी विभिन्न घातक बीमारियों के रूप में देखा जा सकता हेै ।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रगति के साथ साथ प्रकृति का संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है । उन्होंने कहा कि इसके लिये किसानों को जागरूक करने के लिये जन आन्दोलन बनाने की आवश्यकता है और कृषि अधिकारी इसके लिये जमीनी स्तर पर कार्य करे । उन्होंने कहा कि प्रदेश को केवल धान और गेंहू के कटोरे तक सीमित ना रखे बल्कि किसानों की आय में बढौतरी करने के लिये फल,सब्जियां,फूल,अण्डा और मछली उत्पादन से जुडे कार्यो के लिये किसानों को प्रेरित करने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि कृषि को व्यावसाय का रूप देकर किसान की आय को एक लाख रूप्ये प्रति एकड तक लेजाने का लक्ष्य निधारित करके प्रधानमंत्री द्वारा किसानों की आय 2022 तक दौगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। श्री धनखड ने कहा कि पिछले दशकों में कृषि के क्षेत्र में जाने-अनजाने में जो खामियां रही है,उनकी पहचान करके उनके सुधार के लिये तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है ।
इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, महानिदेशक अजीतबाला जी जोशी, वरिष्ठ अतिरिक्त निदेशक सुरेश गहलावत, संयुक्त निदेशक प्रशासन कुलधीर सिंह सहित कृषि विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे ।