INX मीडिया हेराफेरी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज सुबह भी दो बार सीबीआई की टीम चिदंबरम के जोर बाग स्थित घर पर गई थी लेकिन वह नहीं मिले। जानकारों का मानना है की यदि चिदम्बरम आत्मसमर्पण नहीं करते और आने वाले एक या डेढ़ सप्ताह जमानत मिलने तक फरार रहते हैं तो यह उनके राजनैतिक भविष्य के लिए एक आत्मघाती कदम रहेगा, उन्होने आगे कहा कि चिदम्बरम को कौनसा जेल में रहना है, सुबह गिरफ्तारी के बाद दोपहर तक उनके पेट में दर्द होगा और वह 5 सितारा सुविधा वाले हस्पताल पहुंचा दिये जाएँगे। कितना मुश्किल होगा चिदम्बरम के लिए।
नई दिल्ली:
INX मीडिया हेराफेरी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। चिदम्बरम पर कल से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। चिदंबरम की ओर से आज सुबह जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच से जल्द सुनवाई की मांग की गयी जिसे जस्टिस रमन्ना ने माना कर दिया और उच्च न्यायालय के फैसले की यथा स्थिति बररर रखी। जाएगी. दरअसल, मंगलवार को गिरफ्तारी से बचने के लिए पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. चिदंबरम ने अपनी याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती थी. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से जस्टिस रमन्ना के सामने मामले को बुधवार को रखने को कहा था.
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस सुनिल गौर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया था. यह अग्रिम जमानत याचिका चिदंबरम ने सीबीआई और ईडी के केस में दायर की थी. याचिका खारिज होते ही चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है. पिछले साल से ही चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट की अंतरिम रोक थी. इससे पहले CBI और ED ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था. हालांकि हाईकोर्ट ने चिदंबरम को निर्देश दिया था कि वह ED और CBI की जांच में सहयोग करें और बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर ना जाएं.
क्या है पूरा मामला
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी. वहीं INX मीडिया हेराफेरी मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर हेराफेरी करने का आरोप है.