एबीपी न्यूज के एक पत्रकार नीतीश कुमार पांडेय ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के सहयोगी संदीप सिंह के खिलाफ अभद्रता और धमकी देने का मामला दर्ज कराया है. खबरों के मुताबिक पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी इसी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र आई थीं. तब उन्होंने कांग्रेस महासचिव से धारा 370 पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही थी. उसी दौरान संदीप सिंह ने उसे ऐसा करने से रोका था. साथ ही उन्हें गाली देते हुए उनके कैमरे को भी धक्का दिया था.
वहीं सोनभद्र जिले के घोरावल पुलिस थाने के अधिकारी सीपी पांडेय ने इस शिकायत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि एबीपी न्यूज के पत्रकार की यह शिकायत इसी थाने में दर्ज करवाई गई है. पुलिस ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन शुरू कर दी है. इधर, इस पूरी घटना का सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ है.
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए इसकी आड़ में प्रियंका गांधी को घेरने की कोशिश की है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए एक ट्वीट किया है. इसके जरिये उन्होंने कहा है, ‘प्रियंका गांधी जी! कृपया आप सोनभद्र के गरीबों का आंसू पोंछने का नाटक बंद कीजिए. मीडिया की स्वतंत्रता की दुहाई देने वाले कहां है जब प्रियंका वाड्रा के सचिव एक पत्रकार के साथ बदसलूकी कर रहे हैं और वे कुछ नहीं बोल रहीं.’ इसी ट्वीट से मृत्युंजय कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध भी बताया है.,…
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए इसकी आड़ में प्रियंका गांधी को घेरने की कोशिश की है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए एक ट्वीट किया है. इसके जरिये उन्होंने कहा है, ‘प्रियंका गांधी जी! कृपया आप सोनभद्र के गरीबों का आंसू पोंछने का नाटक बंद कीजिए. मीडिया की स्वतंत्रता की दुहाई देने वाले कहां है जब प्रियंका वाड्रा के सचिव एक पत्रकार के साथ बदसलूकी कर रहे हैं और वे कुछ नहीं बोल रहीं.’ इसी ट्वीट से मृत्युंजय कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध भी बताया है.
इससे पहले पहले इसी मंगलवार को प्रियंका गांधी सोनभद्र के उम्भा गांव में हुए हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए पहुंची थीं. तब कुछ पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के अधिकांश प्रावधानों को हटाने के लिए अपनाए गए तरीके को उन्होंने असंवैधानिक बताया था. साथ ही उसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के भी विरुद्ध कहा था.