पोल खुलने पर आजम की जान को खतरा

“कुल 26 किसानों ने आज़म खान और उनके सहयोगी आले हसन के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया है. उन पर आरोप हैं कि मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी के लिए दबाव डालकर उन्होंने ज़मीनों का अधिग्रहण किया था. दोनों आरोपियों का नाम भू-माफिया के तौर पर लिखा गया है.” उन्होंने कहा कि जिन जमीनों की रजिस्ट्री 12-14 साल पहले हो चुकी है और पेमेंट भी कर दिया गया है, उस जमीन के लिए झगड़ा खड़ा किया जा रहा है.


:उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गुरुवार को उन्हें भू-माफिया लिस्ट में शामिल कर दिया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा उनके खिलाफ दर्ज की गई 23 एफआईआर फर्जी है और ये बदले की भावना से किया जा रहा है. जिसे सारा देश रहा है.

जो हो रहा है देश देख रहा है
रामपुर सांसद ने कहा कि आज मेरे साथ जो हो रहा है, उसे पूरा देश देख रहा है. कुछ लोग मेरे लिए दुआ कर रहे हैं. मेरी जेड सिक्योरिटी को भी खत्म कर दिया गया है. उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए कहा कहीं ये नफरत मेरी जान न ले ले.

लेकिन जौहर यूनिवर्सिटी की बात पर वापिस आते हैं. लोगों ने दो महीनों पहले आज़म खान पर आरोप लगाए कि उन्होंने दबाव डालकर और औने-पौने दाम पर अपनी जौहर यूनिवर्सिटी के ज़मीन खरीद ली. लोगों ने कहा कि तहसीलदार और लेखपाल को बुलाकर गांव में बिठा दिया गया और ज़मीन की रजिस्ट्री करा ली गयी. डरा-धमकाकर.

“कुल 26 किसानों ने आज़म खान और उनके सहयोगी आले हसन के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया है. उन पर आरोप हैं कि मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी के लिए दबाव डालकर उन्होंने ज़मीनों का अधिग्रहण किया था. दोनों आरोपियों का नाम भू-माफिया के तौर पर लिखा गया है.”

मामला धीरे-धीरे बढ़ता गया. और आज़म खान के खिलाफ मुक़दमे दर्ज हुए और अब आधिकारिक रूप से आज़म खान भू-माफिया घोषित हो गए हैं. भू-माफिया मतलब वो व्यक्ति जो ज़मीन से जुड़े घपले करता है. इन मामलों में आज़म खान और उनके सहयोगी और पूर्व कप्ताल आले हसन के खिलाफ 15 मुक़दमे दर्ज किए गए हैं. और ये सारे मुकदमे इस एक महीने के भीतर.

12-14 पहले हो चुकी है रजिस्ट्री
इस मामले पर उन्होंने कहा कि जिन जमीनों की रजिस्ट्री 12-14 साल पहले हो चुकी है और पेमेंट भी कर दिया गया है, उस जमीन के लिए झगड़ा खड़ा किया जा रहा है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोग शिक्षा के लिए जमीन देते हैं, लेकिन बीजेपी इसे जमीन छीनने के लिए काम कर रही है.

मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी. शुरुआत तब हुई जब प्रदेश में सपा की सरकार थी. चूंकि रामपुर आज़म खान का गढ़ है तो आज़म खान ने जिम्मा उठाया. साल 2006 में यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई. और 350 एकड़ की ज़मीन पर फैला हुआ. जहां 24 विषयों की पढ़ाई करवाई जा सकती है.

जब से विश्वविद्यालय प्रकाश में आया, तब से ही ये बात होने लगी कि इसके निर्माण में कई सारे नियमों की अनदेखी हुई है. किसानों की ज़मीनें छीनी गयी हैं ताकि आज़म खान पैसा कमा सकें, ऐसे आरोप लगते हैं. अब आज़म खान का नाम यूपी सरकार के एंटी भू माफिया पोर्टल पर बाकायदे दर्ज है.

लेकिन आज़म खान अपने बचाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. जब इस मामले की सुगबुगाहट शुरू हुई थी, तभी आज़म खान ने लोकसभा की लगभग हर बहस में जौहर यूनिवर्सिटी का नाम लेना शुरू कर दिया था. हर दूसरी बात में वे जौहर यूनिवर्सिटी का ज़िक्र लेकर चले आते थे, बिल-बजट-क़ानून की बहस में भी.

अब आज़म खान घेरे गए हैं

रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने मीडिया से बातचीत में जानकारी दी है कि इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक एसआईटी यानी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है, जो आज़म खान के खिलाफ आरोपों की जांच करेगा.

मामले की जांच के लिए टीम गठित
रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि अब तक एसपी सांसद आजम खान के खिलाफ 23 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. आजम खान का कनेक्शन भूमि अतिक्रमण से है. किसानों द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, पुलिस अधिकारी उन्हें देकर अवैध रूप से जमीन हड़पते थे. मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है.

3 बार की दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित नहीं रहीं, वह 81 वर्ष की थीं

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन हो गया है. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. आज यानी शनिवार सुबह उन्हें दिल्ली के एसकॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दोपहर 3.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस लीं.

शीला दीक्षित दिसंबर 1998 से दिसंबर 2013 तक दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी थीं. मुख्यमंत्री रहने के बाद शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रह चुकी थीं. वर्तमान में वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष थीं. वे लंबे समय से थीं बीमार चल रही थीं. 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. ​वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्य मंत्री थीं. 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांगेस पार्टी की मुख्यमंत्री पद लिए उम्मीदवार घोषित की गई थीं.

शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था. वे इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्‍तर-पूर्व दिल्‍ली से लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं थीं. हालांकि, उन्हें भाजपा के मनोज तिवारी ने हरा दिया था. निधन से कुछ दिनों पहले तक वह राजनीति में बहुत सक्रिय थीं. हाल ही में उन्होंने दिल्ली के कुछ जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी की थी. उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता था.

शीला दीक्षित ने राजनीति के गुर सीखे अपने ससुर उमाशंकर दीक्षित से सीखे, जो इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में गृहमंत्री थे और बाद में कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे. उनका विवाह उमाशंकर दीक्षित के बेटे से हुआ था. इनके पति विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे.

अपनी आत्मकथा ‘सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ’ में उन्होंने लिखा है कि विनोद यूपी के उन्नाव के कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार से आते थे. उनके ससुर जिन्हें लोग दादाजी कहते थे, ने शीला दीक्षित से कहा था कि, शादी के लिए उन्हें दो हफ्ते, दो महीने या दो साल तक इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि विनोद की माता जी को अंतरजातीय विवाह के लिए मनाना था. 11 जुलाई, 1962 को शीला दीक्षित का विवाह विनोद दीक्षित से हुआ था.

गवर्नर का नाम आते ही सभा स्थगित कर दी गयी

कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. शाम होते ही जैसे ही येडियरप्पा ने कहा की हम रात 12 बजे तक रुकने को तैयार हैं आप गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें स्पीकर ने विधान सभा स्थगित कर दी। स्पीकर का आचरण संदेहास्पद हो रहा है।

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. बाद में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी. स्पीकर ने जब विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित की तब सदन में जो चर्चा हो रही थी, वह इस प्रकार है: 

एचके पाटिल (कांग्रेस): हमें इस सदन में सच को सामने लाने की जरूरत है. आप हमसे यहां शाम साढ़े सात बजे या रात साढ़े आठ बजे तक बैठने के लिए कह सकते हैं लेकिन आपको सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी होगी. विधयकों ने दावा किया है कि वे मुंबई सुरक्षा कारणों के चलते गए हैं, हमें उन्हें वापस लाने के लिए मनाना चाहिए. प्रसाशन के वरिष्ठ अधिकारी को मुंबई उनसे मिलने जाना चाहिए. यह सदन की गरिमा का सवाल है. इस सदन के संरक्षक होने के नाते, मैं आपसे यह इस प्रक्रिया को शुरू करने का आग्रह करता हूं.

स्पीकर: मैं यहां साढ़े सात बजे तक बैठ सकता हूं, आप लोग एकमत हो जाएं और मुझे बताएं. 

जीटी देवगौड़ा (जेडीएस) : गठबंधन सरकार और इसके सदस्यों के संबंध में सवाल उठाए गए. मधुस्वामी ने कहा है कि हमें इसे अभी समाप्त करना चाहिए लेकिन राज्यपाल ने पूर्व में कभी इस तरह से हस्तक्षेप नहीं किया.  

ईश्वर खांद्रे (कांग्रेस) : पूरा देश देख रहा है कि ऑपरेशन लोटस यहां चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में, बीजेपी ने कहा है कि बहुमत परीक्षण तत्काल होना चाहिए लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और इससे देश को एक संदेश दिया जाना चाहिए. 

एबी पाटिल: मैं 1998 में सांसद था, तब बाजपेयी जी का फ्लोर टेस्ट 9 दिन चला था. क्या अब नियम बदल गए हैं? 

येदियुरप्पा: मैं आपसे अपील करता हूं, गवर्नर ने मुख्यमंत्री से आज शाम तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है. हम यहां 12 बजे रात तक बैठे रहेंगे. हम आपको सहयोग देंगे. मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वे गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें. 

स्पीकर: मैं अब यहां और नहीं बैठ सकता. सदन सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित किया जाता है.

सियासी संकट को कॉंग्रेस-जेडीएस ने संवैधानिक संकट बना दिया

हिमाचल प्रदेश में एक छोटा सा शहर है ‘कुमारहट्टी’ वहाँ से कुछ बच्चे डगशाई पढ़ने जाते थे, एक बार स्कूल से आते से आते हुए एक बच्चा पिट गया। तो रोते हुए पीटने वाले बच्चे से बोला की तू अब के पीट, तुझे अपने दोस्तों से पिटवाऊंगा, बेचारा फिर पिटा। आगे जाने पर बोला कोने वाली दुकान वाले अंकल से पिटवाऊंगा तू अबके मार, बेचारा फिर पिटा। आखिर में बोला की तूने अबके पीटा तो आंटी के कुत्ते से कटवाऊंगा बेचारा फिर पीट गया। यह कहानी अटपटी ज़रूर है लेकिन दर्शाती है की जिसने पीटना है वह तो पीटेगा ही, चाहे आप लाख धमका लो दलीलें दे लो। काँग्रेस-जेडीएस पीटने वाले हैं और संविधान पिटने वाला। स्पीकर के पद में बहुत ताकत होती है, इतनी कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को भी अमान्य कर सकता है, कर्नाटका में कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने तय समय सीमा की कोई बंदिश न लगा कर अपनी इज्ज़त बचाई।

माना की स्पीकर के पास बहुत ताकत है पर यह कहाँ लिखा है की राज्यपाल के आदेशों की खिल्ली उड़ाई जाये? कर्णाटक में यही हुआ। राज्यपाल समय देते रहे कॉंग्रेस-जेडीएस राज्यपाल के आदेशों को ‘प्रेमपत्र’ कह कर खिल्ली उड़ाते रहे। राज्यपाल ने केवल समय दिया था की आप शक्ति परिक्ष्ण करवा लो, कॉंग्रेस-जेडीएस ने स्पीकर के साथ मिल कर्नाटक विधान सभा को एक मज़ाक बना कर रख दिया। कुमार स्वामी स्वयं को निर्लिप्त व्यक्ति बताते हैं परंतु सत्ता लोलुप भ्रष्ट नेता की भांति आचरण कर रहे हैं। अलग अलग मुद्दों के साथ सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को नज़रअंदाज़ कर उन फैसलों को फिर से चुनौती दे रहे हैं। विधान सभा चुनावों में हाशिये पर आए कुमारस्वामी लोक सभा चुनावों में बुरी तरह पिट गए। अपने राजनैतिक भविष्य को भाँपते हुए वह मुख्यामन्त्री की कुर्सी से ऐसे चिपके हैं की न हिल पा रहे हैं न हिलाये जा पा रहे हैं। कर्नाटका का राजनैतिक संकट जल्द ही संवैधानिक संकट बन कर खड़ा हो जाएगा।

बेंगलुरू: कर्नाटक में जारी सियासी संकट और गहरा गया है. अब यह संवैधानिक संकट का रूप लेता जा रहा है. कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. अंत में, स्पीकर ने सदन को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

कर्नाटक में सियासी नाटक जारी, आज ये तीन संभावनाएं बन सकती हैं: 
1.
 कर्नाटक में आज सबकी निगाहें राज्यपाल पर टिक गई हैं. तीन बार लिखे पत्रों की अवहेलना हुई है. राज्यपाल केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे. देखना होगा कि केंद्र इस रिपोर्ट पर क्या रुख अपनाता है.  

2. सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर की याचिका पर सुनवाई हो सकती है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शीर्ष अदालत से 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण की मांग की जिसमें 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने के विकल्प चुनने की अनुमति प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति परीक्षण करने के संबंध में राज्यपाल हस्तक्षेप कर रहे हैं. उधर, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि न्यायालय का 17 जुलाई का आदेश पार्टी के अपने विधायकों को व्हिप जारी करने के अधिकार का हनन करता है. 

3. बीजेपी पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन कर सकती है. बीजेपी विधायकों ने बहुमत परीक्षण में देरी होने पर गुरुवार को विधानसभा में पूरी रात धरना दिया था. बीजेपी नेता येदियुरप्पा लगातार दावा कर रहे हैं कि उनके पास 106 विधायकों का समर्थन है. बीजेपी अपने विरोध-प्रदर्शन का दायरा बढ़ा सकती है. 

आज का राशिफल

Aries

20 जुलाई 2019:  नया ऑफिस या दुकान खरीदने का मन बन सकता है. कारोबार के लिए यात्रा होगी. प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग हो सकती है. नौकरीपेशा और बिजनेस वाले लोग सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए किसी अनुभवी की सलाह लें तो ही अच्छा है. बिजनेस या नौकरी के किसी काम सेयात्रा हो सकती है. कामकाज में सुधार होगा. जीवनसाथी या लवर आपको कोई गिफ्ट दे सकता है. आपके प्रेम संबंध भी मजबूत होंगे. आप किसी भी मामले में भावुक न हों.

Taurus

20 जुलाई 2019:  आज आप आलस और थकान भी महसूस कर सकते हैं. विपरीत लिंग के कुछ लोगों से बहस हो सकती है. मतभेद के भी योग हैं. काम को लेकर किसी तरह का डर मन में न रखें. आज आप पुराने कामों का फॉलोअप जरूर लें. अपने प्रेजेंटेशन या प्लान एक बार चेक करें. किसी खास व्यक्ति के बारे में आपको नई बात पता चल सकती है. जरूरत के मुताबिक पैसों की व्यवस्था हो सकती है. साथी का रवैया आपको परेशान कर सकता है, लेकिन शादीशुदा लोगों के लिए दिन अच्छा है.

Gemini

20 जुलाई 2019:  बिजनेस में दोस्तों से मदद मिल सकती है. रोजमर्रा के मामलों में दिन बहुत अच्छा हो सकता है. अपने पेशे में पूरी तरह सफल हो सकते हैं. अधूरे काम निपट सकते हैं. पुरानी चीजों में सुधार या बदलाव की संभावना है. संपत्ति के कामों में रुचि बढ़ने के योग हैं. फायदा हो सकता है. अविवाहित प्रेमियों के लिए दिन अच्छा हो सकता है, लेकिन कुछ पुरानी बातों को भूलना होगा तो सब ठीक हो जाएगा. छोटी-सी बात पर गुस्सा कर के आप अपनी बनी-बनाई बात बिगाड़ भी सकते हैं.

Cancer

20 जुलाई 2019:  आज रोजमर्रा के कामों में मन नहीं लगेगा. मन में आती कुछ बातें आपको दुखी कर सकती हैं. भावनाओं और गुस्से पर कंट्रोल करें. आप अति उत्साह और जल्दबाजी में कोई काम बिगाड़ भी सकते हैं. ऑफिस में आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है. भोजन के मामले में आप थोड़े लापरवाह हो सकते हैं. आगे बढ़ने के लिए लगातार कोशिश करते रहें. आप किसी काम को पूरा करने के लिए जितनी कोशिशें करेंगे उतने ही सफल हो सकते हैं. प्रेमियों के लिए दिन अच्छा है.

Leo

20 जुलाई 2019:  आप ऑफिस के फालतू विवादों से दूर रहने की कोशिश करें. अधिकारी आपसे खुश हो सकते हैं. साथ काम करने वाले लोगों से सहयोग मिल सकता है. पैसों से जुड़े कुछ वादे या बड़े प्लान आप बना सकते हैं. कामकाज या बिजनेस के सिलसिले में किसी यात्रा का कार्यक्रम बनसकता है. बिजनेस में फायदेमंद सौदे होने की संभावना है. आपको कुछ समझौते करने पड़ सकते हैं. महत्वपूर्ण कामों पर ध्यान दें. सोचे हुए काम पूरे हो सकते हैं. नए प्लान बन सकते हैं.

Virgo

20 जुलाई 2019:  नौकरी में बेकार के कामों में आप उलझ सकते हैं. अच्छे नतीजों के लिए जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है. नौकरी बदलने का मूड है तो संभलकर रहें. आज ऐसी कोशिश न करें. छोटी-मोटी बहस से मूड खराब होने के योग हैं. अपने मन की बात किसी से शेयर नकरें. आज आप जरूरी कामों पर ध्यान दें. वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा. प्रेम संबंधों में सफलता के योग हैं. सरदर्द और कफ रोग की संभावना है. आज अपनी सेहत का ध्यान रखें.

Libra

20 जुलाई 2019:  बिजनेस में फायदे के योग हैं. कार्यस्थल पर वातावरण भी आपके फेवर में हो सकता है. ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है, लेकिन दिन भी अच्छा रहेगा. आप दूसरों की जितनी मदद करेंगे, खुद भी उतने ही फायदे में हो सकते हैं. नई योजनाएं आज बन सकती हैं. कामकाज मेंसुधार होने के योग हैं. प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. लवर की किसी बात से आप दुखी हो सकते हैं. शादीशुदा लोगों को जीवनसाथी की मदद मिल सकती है. सेहत के मामले में लापरवाही न करें.

Scorpio

20 जुलाई 2019:  मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी. कामकाज का टेंशन भी बढ़ सकता है. पुराने मुद्दे न उठाएं. प्रेम जताने में संकोच न करें. वाहन चलाते वक्त सावधानी जरूरी है. नौकरी और बिजनेस के मामले में तनाव और फालतू खर्चे के योग हैं. ऑफिस में कुछ लोग आपके काम को नोटिसकरेंगे. करियर में गंभीरता से विचार करें. आपके कामकाज में बदलाव हो सकता है. नए काम की प्लानिंग आपके दिमाग में चलती रहेगी. पार्टनर आपकी भावनाओं का सम्मान करेगा.

Sagittarius

20 जुलाई 2019:  दिनभर व्यस्त हो सकते हैं. अधिकारी आपकी बातों को महत्व देंगे. कार्यक्षेत्र में सम्मान मिलेगा. ज्यादा मेहनत करने से ही सफलता मिल पाएगी. रुका हुआ पैसा मिल सकता है. बिजनेस अच्छा चलेगा. इनकम बढ़ने के योग हैं. आज महत्वपूर्ण लोगों से कॉन्टैक्ट के योग बन रहे हैं.आपकी कार्यक्षमता बढ़ सकती है. आपकी सेहत में भी सुधार होने के योग हैं. पति-पत्नी की लव लाइफ अच्छी हो सकती है.

Capricorn

20 जुलाई 2019:  आज आपका कारोबार बढ़ सकता है. जूनियर भी आपकी मदद करेंगे. कोई टेंशन भी आज खत्म हो सकती है. समझदारी से काम लें. मकान की समस्या सुलझ जाएगी. बिजनेस में कोई फायदेमंद एग्रीमेंट होने के योग बन रहे हैं. पैसों की स्थिति में सुधार के लिए आप पूरी कोशिश करेंगे. कोई पार्ट-टाइम काम भी शुरू कर सकते हैं. व्यस्तता के कारण थकान हो सकती है. पूरा आराम भी जरूर करें.

Aquarius

20 जुलाई 2019:  समय आपके फेवर में रहेगा. बिजनेस में प्रगति के योग बन रहे हैं. नौकरी के इंटरव्यू आपके फेवर में होने की संभावना बन रही है. जॉब या बिजनेस में आगे बढ़ने के अच्छे ऑफर्स मिल सकते है. अधिकारियों से संबंध सुधरेंगे. नौकरी-धंधे में फायदा देने वाले एग्रीमेंट हो सकते हैं. नए लोगों से मुलाकात हो सकती है. आपसे कुछ लोग इम्प्रेस भी हो सकते हैं. उन पर आपका पॉजिटिव असर पड़ेगा. आज आप लोगों से अपनी बातें मनवाने में भी सफल हो सकते हैं.

Pisces

20 जुलाई 2019:  बिजनेस में फायदा कुछ कम होगा. ट्रांसफर की स्थिति बन सकती है या ऐसी कोई खबर भी आपको मिल सकती है. नौकरी और कारोबार में पैसों का मामला उलझ सकता है. टेंशन बना रह सकता है. कोई खास काम निपटाना भी भूल सकते हैं. पुराने दोस्त अचानक सामने आसकते हैं और उनसे मदद मिल सकती है. जहां जरूरत लगे, वहां समझौता करने के लिए तैयार रहें.

आज का पांचांग

पंचांग 20 जुलाई 2019  

विक्रमी संवत्ः 2076,

 शक संवत्ः 1941, 

मासः श्रावण़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष, 

तिथिः तृतीया प्रातः 9.14 तक, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः शतभिषा(की वृद्धि है जो कि रविवार को प्रातः 7.25 तक), 

योगः सौभाग्य (की वृद्धि है जो कि रविवार को प्रातः 6.18 तक है), 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः कर्क, 

चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालःप्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 05.40, 

सूर्यास्तः 07.15 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

सिद्धू के परने विभाग की अति महत्वपूर्ण फ़ाइलें गायब, दिये जांच के आदेश

चंडीगढ़: कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पूर्व विभाग से महत्वपूर्ण सरकारी फाइलें गायब हो चुकी हैं. इस बड़ी गड़बड़ी में एक फाइल मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के 1,144 करोड़ रुपये के लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले से जुड़ी है. लोकल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट की दूसरी गायब फाइलों में लुधियाना में कृषि भूमि पर अनधिकृत निर्माण से संबंधित शामिल है.

विजलेंस ब्यूरो ने पहले ही अमरिंदर सिंह, उनके बेटे रनिंदर सिंह व अन्य को लुधियाना सिंटी सेंटर घोटाले में क्लीन चिट दे दी है. 

सिद्धू ने 14 जुलाई को दिया था इस्तीफा 
सिद्धू को 6 जून को लोकल गवर्नमेंट व पर्यटन व संस्कृति मामले के पोर्टफोलियो से हटा दिया गया और कैबिनेट फेरबदल में बिजली व नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय दिया गया. यह फेरबदल लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद किया गया था.

हालांकि, कैबिनेट फेरबदल के बाद अमरिंदर सिंह व सिद्धू के बीच मतभेद गहरा गए और सिद्धू ने 14 जुलाई को बिजली व नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया. इस पोर्टफोलियो का उन्होंने प्रभार नहीं संभाला था. उनके इस्तीफे को अब तक मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया है.

‘फाइलों का पता लगाने के प्रयास जारी’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने  कहा, ‘फाइलों का पता लगाने के लिए प्रयास जारी है. हम सिद्धू से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्हें इस बारे में जानकारी हो सकती है.’ लोकल गवर्नमेंट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने गायब फाइलों के लिए विभागीय जांच का अदेश दिया है, जिसमें लुधियाना में लक्जरी अपार्टमेंट परियोजना को मंजूरी दिए जाने की भी फाइल है. सिद्धू से संपर्क नहीं हो सका. 

लोक सभा स्पीकर ने टीएमसी सांसद को बंगाल की मार्किटिंग करने से रोका

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘आप यहां पश्चिम बंगाल सरकार की मार्केटिंग करने के लिए नहीं आए हैं. अपना सवाल पूछें.’

नई दिल्ली: आयुष्मान भारत योजना को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं कराए जाने के केंद्र सरकार के आरोप पर सदन में राज्य सरकार का बचाव करते तृणमूल कांग्रेस के सांसद को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि वे यहां पश्चिम बंगाल सरकार की ‘मार्केटिंग’ न करें.

प्रश्नकाल के दौरान, जब तृणमूल सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ‘स्वास्थ्य साथी प्रकल्प’ योजना लाई है, जिसके माध्यम से प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपये हर साल दिए जा रहे हैं. 

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार 2019 में केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से पीछे हट गई. बंद्योपाध्याय उनके इसी आरोप का जवाब दे रहे थे. 

तृणमूल सांसद ने जैसे ही राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना का नाम लिया, लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘आप यहां पश्चिम बंगाल सरकार की मार्केटिंग करने के लिए नहीं आए हैं. अपना सवाल पूछें.’

इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने मंत्री से यह जानना चाहा कि क्या बंगाल के अलावा किसी और राज्य ने भी 2018 में शुरू हुई आयुष्मान भारत योजना को अपनाने से इनकार किया है?  जवाब में हर्षवर्धन ने बताया कि पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, दिल्ली, ओडिशा, राजस्थान और पंजाब ने अभी तक इस योजना को नहीं अपनाया है. 

उन्होंने कहा कि यह योजना लोगों की भलाई के लिए लाई गई है और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को चाहिए कि वे इसमें भागीदारी करें. 

वेंकइया नायडू ने मंत्री को गैरहाज़िर रहने पर लताड़ा

वेंकैया नायडू ने मंत्री को गलती फिर न दोहराने को लेकर आगाह किया. 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंत्रियों के संसद की कार्यवाही से गायब रहने पर नाखुशी जाहिर करने के बाद राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को पशुपालन, मत्स्य पालन व डेयरी राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान को हाल में उनका नाम पुकारे जाने के बाद अनुपस्थित रहने को लेकर फटकार लगाई. इस स्थिति की वजह से सरकार को शर्मिदा होना पड़ा.

नायडू ने मंत्री को गलती फिर न दोहराने को लेकर आगाह किया. सभापति ने कहा, ‘मंत्रीजी, परसों आपका नाम कार्यसूची में था, लेकिन जब पुकारा गया तो आप मौजूद नहीं थे. कृपया ध्यान रखें कि भविष्य में ऐसा फिर नहीं होना चाहिए.’ बालियान ने गैरहाजिर रहने के लिए अफसोस जताया और भरोसा दिया कि ऐसा फिर नहीं होगा.

इसके बाद सदन में शून्यकाल के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए. बिहार के नेताओं ने राज्य में भीषण बाढ़ का मुद्दा उठाया. बाढ़ से करीब एक दर्जन जिले प्रभावित हुए हैं.

संसदीय समितियों के गठन में देरी, नायडू ने पार्टियों से नाम मांगे
राजनीतिक दलों द्वारा संसद की विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्यों को नामित न किए जाने से नाराज राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सभी पार्टियों को जल्द से जल्द संसदीय समितियों के लिए नाम भेजने की अपील की. सभापति ने कहा, ‘मुझे कहते हुए खेद है कि रिमाइंडर के बावजूद कुछ पार्टियों को अभी नाम देने हैं. मैं पार्टियों का नाम नहीं लेना चाहता. यह मेरा उद्देश्य नहीं है. मैं सभी राजनीतिक दलों से जल्द से जल्द नाम देने की अपील करता हूं, जिससे कि हम जल्दी से स्थायी समितियों का गठन कर सकें.’

सभापति की यह प्रतिक्रिया तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन के अनुरोध के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि स्थायी समितियों द्वारा बहुत से विधेयकों की उचित तरीके से जांच नहीं की जा रही है, और सरकार ज्यादा से ज्यादा विधेयक मंजूरी के लिए ला रही है.

सदस्य ने कहा कि सरकार ने अगले सप्ताह के लिए कार्य की सूची में नौ से ज्यादा विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर की समीक्षा स्थायी समिति द्वारा नहीं की गई है.

ओ’ब्रायन ने कहा, ‘स्थायी समितियों का गठन नहीं किया गया है. इन विधेयकों (सरकार द्वारा आगामी सप्ताह के लिए सूचीबद्ध) में से प्रत्येक, मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को छोड़कर किसी की जांच नहीं की गई है.’

उन्होंने कहा, ‘श्रीमान, मेरी आप के जरिए सरकार से अपील है कि हम पहले ही बिना जांच के विधेयकों को पारित कर चुके हैं. आगामी सप्ताह के लिए नौ और सूचीबद्ध हैं. इसके मतलब 11 और 8, 19 विधेयक कानून बने के लिए पारित होने जा रहे हैं और कोई संसदीय जांच व स्थायी समिति नहीं है.’


संख्या बल पूरा होने तक शक्ति परीक्षण टलता रहेगा

राज्यपाल ने पहले 1:30 बजे तक बहुमत साबित करने की बात काही थी, फिर राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री को शुक्रवार शाम 6 बजे बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा. इस पर मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने तंज़ कसते हुए राज्यपाल के आदेश ओ प्रेमपत्र कह कर बुलाया और इसकी जिम्‍मेदारी स्‍पीकर पर डाल दी. स्‍पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्‍थग‍ित कर दी. अब यदि सत्तापक्ष के पास सोमवार को बहुमत साबित करने का आंकड़ा विधायाकों के रूप में हुआ तो फ्लोर टेस्‍ट सोमवार को ही होगा अन्यथा सर्वोच्च न्यायालय में कॉंग्रेस अपील डाल चुकी है, उसका सहारा लिया जाएगा।

गलुरू: कर्नाटक में सत्‍ता की लड़ाई का अंत दूसरे दिन भी नहीं हुआ. दूसरे दिन दिन भर चली बहस और राज्‍यपाल के द्वारा दो बार समय देने के बावजूद कर्नाटक की कांग्रेस और जेडीएस सरकार ने शुक्रवार को बहुमत परीक्षण का सामना नहीं किया. स्‍पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्‍थग‍ित कर दी. अब फ्लोर टेस्‍ट सोमवार को होगा. हालांकि बीजेपी फ्लोर टेस्‍ट पर अड़ी हुई है. येद‍ियुरप्‍पा ने कहा, हम आज ही फ्लोर टेस्‍ट चाहते हैं.

इससे पहले कांग्रेस-जेडीएस सरकार के कहने पर विधानसभा स्‍पीकर ने फ्लोर टेस्‍ट के लिएगुरुवार 18 जुलाई का दिन तय किया, लेकिन पहले दिन फ्लोर टेस्‍ट नहीं हो सका. राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी से शुक्रवार को दोपहर 1.30 बजे बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा. लेकिन दूसरे दिन भी सरकार ने डेढ़ बजे बहुमत साबित नहीं किया. राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री को शुक्रवार शाम 6 बजे बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा. इस पर मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने इसकी जिम्‍मेदारी स्‍पीकर पर डाल दी.

सभी बड़े बड़े टीवी चैनलों पर विधानसभा में मात्र 37 सीटों वाले कुमारस्वामी “मुझे सत्ता का लालच नहीं है’ दोहराते दिखाई पड़े लेकिन असल में उन्होने ओर काँग्रेस ने अभी तक शक्ति परीक्षण को टालने के कोई भी प्रयास नहीं छोड़े। सर्वोच्च न्यायालय में जाना, प्रियंका का उत्तरप्रदेश में हँगामा करना जिससे राष्ट्रिय मीडिया का ध्यान कॉंग्रेस-जेडीएस के कुत्सित प्रयासों से हट सके। उधर काँग्रेस की तरफ से बागी विधायकों की धर पकड़ भी जारी है।

इस बीच राज्‍यपाल के द्वारा शाम 6 बजे की मोहलत भी खत्‍म हो गई. कांग्रेस ने कहा है कि फ्लोर टेस्‍ट सोमवार को किया जाए. वहीं बीजेपी आज ही फ्लोर टेस्‍ट की मांग पर अड़ी हुई है.

अब मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी राज्‍यपाल के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्‍होंने राज्‍यपाल के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सरकार को बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट से आदेश स्पष्ट करने की मांग की. पार्टी व्हिप जारी करने के संवैधानिक अधिकार का उठाया मुद्दा. राज्यपाल के बहुमत साबित करने का समय तय किए जाने को भी बताया ग़लत. कुमारस्वामी ने कहा- 17 तारीख के आदेश की वजह से पार्टी के व्हिप जारी करने का अधिकार प्रभावित हुआ है.

इससे पहले मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने विधानसभा में बहस के दौरान कहा, बहुमत कब साबित करना है इसकी जिम्‍मेदारी मैं स्‍पीकर पर छोड़ता हूं. उन्‍होंने कहा, आप मेरे हितों की रक्षा कीजिए. इसके निर्देश दिल्‍ली से नहीं मिलने चाहि‍ए. जो पत्र मुझे गवर्नर ने भेजा है, उससे मेरी रक्षा कीजिए. कुमारस्‍वामी ने कहा, मेरे मन में गवर्नर के प्रत‍ि पूरी इज्‍जत है. लेकिन उन्‍होंने जो मुझे दूसरा लव लेटर भेजा है, इससे मुझे दुख हुआ. वह कर्नाटक में चल रहे हॉर्स ट्रेड‍िंग के बारे में भी जानते हैं.

राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे तक का समय दिया गया था, लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. इस समयसीमा के अंदर गठबंधन सरकार की ओर से बहुमत साबित नहीं करने के बाद विपक्ष हावी हो गया और विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग उठी.

विपक्षी भाजपा नेता बी. एस. येदियुरप्पा के कहा कि मुख्यमंत्री शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे तक बहुमत साबित करने में विफल रहे हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की. विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पूरी होने से पहले हालांकि, अध्यक्ष ने फ्लोर टेस्ट से इंकार कर दिया.