अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग पोस्ट मेंट्रिक स्कॉलरशिप में तीन जिलों सोनीपत, रोहतक व झज्जर में 26 करोड़ का घपला सामने आया । इस मामले में राज्य चोकसी ब्यूरो ने गत शाम को एफआईआर दर्ज की गई। इस बारे में पत्रकारवार्ता में हरियाणा राज्य चोकसी ब्यूरो डॉ के॰पी॰सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं को मिलने वाली पोस्ट मेंट्रिक स्कीम में गड़बड़ी पाई गईं। इस मामले में धारा 218, 409, 420, 466, 467, 468, 471, 120-बी के तहत दो उप निदेशकों, 3 जिला कल्याण अधिकारियों, डाटा एंट्री ओपरेटर सहित 5 प्राईवेट लोगों पर तीन एफआईआर क्रमशः रोहतक,करनाल व पंचकूला के चैकसी ब्यूरो थानों में दर्ज किए गए हैं।
1981 में शुरू हुई यह स्कीम 2015 तक ऑफ लाइन रही । 2015 के बाद जब यह स्कॉलरशिप ऑनलाइन की गई , इस स्कीम के ऑनलाइन होने के बाद स्टेट बैंक आॅफ इंडिया द्वारा प्रदेश के कल्याण मंत्रालय को विद्यार्थियों के एकाउंट नंबर व आधार कार्ड के मिलान में गड़बड़ी की सूचना प्रेषित की। इस पर प्रदेश कल्याण विभाग ने जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज करवाई।
इस जांच में पाया गया कि अधिकतर गड़बड़ी हरियाणा के जिलों में पाई गई है, इस पर यह मामला हरियाणा सरकार ने यह सारा मामला राज्य चैकसी ब्यूरो को सौंप दिया। इस जांच में राज्य चैकसी ब्यूरो में तीन जिलों सोनीपत, रोहतक व झज्जर की जांच की जिसमें पाया गया कि फर्जी संस्थान, फर्जी छात्र-छात्राओं के अकाउंट नंबर के साथ फर्जी आधार जोड़कर स्काॅलरशिप की रकम प्राप्त की गई।
जांच में यह भी पाया गया है कि 30 से 40 प्रतिशत फर्जी छात्र व 25 से 30 प्रतिशत फर्जी संस्थानों को राशि का आबंटन किया गया। इस मामला का मुुख्य सूत्रधार जिला सोनीपत रहा।
हरियाणा के तीन अन्य जिलों हिसार, पानीपत व फतेहाबाद में भी गड़बड़ी अधिक होगी, ऐसी प्रारंभिक जांच में निकल कर आ रहा है।