मन की बात की 10 मुख्य बातें जो प्रधान मंत्री ने सांझा कीं

नई दिल्ली : 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की दूसरी ‘मन की बात’ रविवार को की. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि त्योहारों पर लगने वाले मेलों के जरिए जल संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाई जाए. प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को में आयोजित ‘वर्ल्ड चिल्ड्रंस विनर्स गेम्स’ में पदक जीतने वाले भारतीयों को दी बधाई. साथ ही प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के सफल प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए स्कूली छात्रों के लिए क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने की घोषणा की जिसके विजेता को सात सितंबर को श्रीहरिकोटा में चंद्रयान 2 की लैंडिंग के क्षण का साक्षी बनने का मौका मिलेगा. पीएम ने इसके साथ ही कहा, आप सबको यह जानकर भी बहुत खुशी होगी की उत्तर पूर्व का खूबसूरत राज्य मेघालय देश का पहला ऐसा राज्य बना गया है, जिसने अपनी जल नीति तैयार की है. मैं वहां की सरकार को बधाई देता हूं.

  1. पिछली बार मैंने प्रेमचंद जी कहानियों की एक पुस्तक के बारे में चर्चा की थी और हमने तय किया था कि जो भी बुक पढ़ें, उसके बारे में कुछ बातें नरेंद्र मोदी ऐप के जरिए सबके साथ शेयर करें. मैं दखे रहा था कि बड़ी संख्या में लोगों ने अनेक प्रकार के पुस्तकों की जानकारी साझा की है. मुजे अच्छा लगा कि लोग साइंस, तकनीक, खोज, इतिहास, संस्कृति, बिजनेस, जीवन चरित्र, ऐसे कई विषयों पर लिखी गईं किताबों पर और उसको लेकर चर्चा कर रहे हैं.
  2. क्यों न हम नरेंद्र मोदी ऐप पर एक पर्मानेंट बुक कॉर्नर ही बना दें. जब भी हम नई किताब पढ़ें, उसके बारे में वहां लिखें, चर्चा करें और आप हमारे इस बुक कॉर्नर के लिए कोई अच्छा सा नाम भी सुझा सकते हैं. मैं चाहता हूं कि यह बुक कॉर्नर पाठकों और लेखकों के लिए एक सक्रिय मंच बना जाए. आप पढ़ते-लिखते रहें और ‘मन की बात’ के सारे साथियों के साथ साझा भी करते रहें. 
  3. झारखंड़ में रांची से कुछ दूर, ओरमांझी प्रखंड के आरा केरम गांव में वहां के ग्रामीणों ने जल प्रबंधन को लेकर जो हौंसला दिखाया है, वो हर किसी के लिए मिसाल बन गया है. ग्रामीणों ने श्रम दान करके पहाड़ से बहते झरने को एक निश्चित दिशा देने का काम किया. वो भी शुद्ध देसी तरीका. इससे न केवल मिट्टी का कटाव और फसल की बर्बादी रुकी है. बल्कि खेतों को भी पानी मिल रहा है. ग्रामीणों का ये श्रमदान, अब पूरे गांव के लिए जीवन दान से काम नहीं है. 
  4. आप सबको यह जानकर भी बहुत खुशी होगी की उत्तर पूर्व का खूबसूरत राज्य मेघालय देश का पहला ऐसा राज्य बना गया है, जिसने अपनी जल नीति तैयार की है. मैं वहां की सरकार को बधाई देता हूं.
  5. प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए स्कूली छात्रों के लिए क्विज प्रतियोगिता आयोजित किए जाने की घोषणा की जिसके विजेता को सात सितंबर को श्रीहरिकोटा में चंद्रयान 2 की लैंडिंग के क्षण का साक्षी बनने का मौका मिलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को में आयोजित ‘वर्ल्ड चिल्ड्रंस विनर्स गेम्स’ में पदक जीतने वाले भारतीयों को दी बधाई.
  6. हरियाणा में, उन फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनमें कम पानी की जरूरत होती है और किसान का भी कोई नुकसान नहीं होता है. मैं हरियाणा सरकार को विशेष रूप से बधाऊ देना चाहूंगा कि उन्होंने किसानों के साथ संवाद करे, उन्हें परम्परागत खेती से हटकर, कम पानी वाली फसलों के लिए प्रेरित किया. 
  7. अब तो त्योहारों का समय आ गया है, त्योहारों के अवसर पर कई मेले भी लगते हैं. जल संरक्षण के लिए क्यों ना इस मेलों का भी उपयोग करें? मेलों में समाज हर वर्ग के लोग पहुंचते हैं. इन मेलों में पानी बचाने का संदेश हम बड़े ही प्रभावी ढंग से दे सकते हैं, प्रदर्शन लगा सकते हैं. नुक्कड़ नाटक कर सकते हैं, उत्सवों के साथ-साथ जल संरक्षण का संदेश बहुत आसानी से हम पहुंचा सकते हैं.
  8. मैं अपना कर रहा हूं कि पानी के विषय में इन दिनों हिन्दुस्तान के दिलों को झकझोर दिया है. जल संरक्षण को लेकर, देशभर में अनेक विद, प्रभावी प्रयास चल रहे हैं. लोगों ने पारंपरिक तौर-तरीकों के बारे में जानकारियों तो शेयर की हैं. मीडिया ने जल संरक्षण पर कई रोचक मुहीम शुरू हुई हैं. सरकार हो, एनजीओ हो, युद्ध स्तर पर कुछ न कुछ कर रहे हैं. सामूहिकता का सामर्थ्य देखकर, मन को बहुत अच्छा लग रहा है, बहुत संतोष हो रहा है.
  9. अंतरिक्ष की दृष्टि से 2019 भारत के लिए बहुत अच्छा साल रहा है. हमारे वैज्ञानिकों ने मार्च में A-SAT लॉन्च किया था और उसके बाद चंद्रयान-2. चुनाव की आपाधापी में उस समय ए-सेट जैसी बड़ी और अहम खबर की ज्यादा चर्चा नहीं हो पाई थी. जबकि हमने ए-सेट मिसाइल से महज तीन मिनट में, तीन सो किलोमीटर दूर सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता हासिल की है. उस उपलब्धि हासिल करने वाला भारत, दुनिया का चौथा देश बना. 
  10. अब 22 जुलाई को पूरे देश ने गर्व के साथ देखा कि कैसे चंद्रयान-2 ने श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ाए. चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की तस्वीरों ने देशवासियों को गौरव और जोश से, प्रसन्नता से भर दिया. 
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