हर समय लोकतन्त्र को धता बता कर लोकतन्त्र ही की दुहाई देने वाली कॉंग्रेस के लिये आज चहुं ओर से बुरी ख़बरें ही आ रहीं हैं। एक ओर जहां कॉंग्रेस तेलंगाना में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है वहीं कर्नाटक में अपनी सत्ता गंवा चुकी है ओर गुजरात में तो और भी बुरा हाल है। जहां जूनागढ़ नगरपालिका की 56 सीटों पर लड़े गए चुनावों में कॉंग्रेस मात्र 1 सीट पर सिमट कर रह गयी है।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. जूनागढ़ महानगर पालिका में भाजपा ने 54 जबकि एनसीपी 4 पर तथा कांग्रेस 1 सीट पर जीत दर्ज की है. जिला पंचायतों की पांच सीट के उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. जूनागढ़ महानगर पालिका के चुनाव रविवार को हुए थे. मनपा के 15 वार्ड की 59 सीट के लिए रविवार को 56 सीटों पर वोट डाले गए थे. 3 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे. एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन पत्र भरने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी को समर्थन दे दिया था.
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इस परिणाम से ऐसा लगता है कि जूनागढ़ नगर निगम से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. चुनाव प्रचार के समय, कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहा गया था कि जूनागढ़ के कुछ वार्डों के लोग भाजपा उम्मीदवार को बाहर कर देंगे. लेकिन इस चुनाव का परिणाम बता रहा है के लोगों ने भाजपा की बजाय कांग्रेस को साफ करने का निर्णय लिया है.
खास बात यह है कि जूनागढ़ नगर निगम का मुस्लिम बहुल इलाके में है. यह चुनाव एक बार फिर संकेत दे रहे हैं कि जमीन पर कांग्रेस बिलकुल खत्म होती जा रही है. हार की सबसे बडी वजह यह है की कांग्रेस जूनागढ़ में नेतृत्व संकट से जूझ रही है.
भाजपा अध्यक्ष जीतू भाई वाघाणी ने कहा कि यह प्रजा व लोकतंत्र की जीत है, विधानसभा, लोकसभा व स्थानीय निकाय हर चुनाव में जनता भाजपा के साथ रही जबकि कांग्रेस ने जाति वर्ग में लोगोंको बांटकर चुनाव जीतने का प्रयास किया.