‘अंकल नेल्सन’ ने कैसे उन्हें कहा था कि उनको पहले ही राजनीति में आ जाना चाहिए: प्रियंका
कॉंग्रेस की रीत अनूठी है, अध्यक्ष पद के लिए शर्मनाक हार का सेहरा सर पर होना ज़रूरी है। बस एक शर्त और है की शर्मनाक हार दिलवाने वाला गांधी-वाड्रा परिवार का हो। प्रियंका गांधी जिसे पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गयी थी वह वहाँ से अपनी माँ की 1 सीट तो बचा गयी, यह बात दीगर है की अमेठी जैसी पारंपरिक, पारिवारिक सीट बुरी तरह से हार गयी, वह भी तब जब उन्होने अपने भाई की अमेठी सांसदिया क्षेत्र में अपनी पूरी जान लगा दी थी। इस प्रचंड हार के पश्चात राहुल ने इस्तीफा दे दिया और बाकी सभी से भी अपेक्षा की कि वह अपनी ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें। बस यही बात प्रियंका को रास नहीं आई, उन्होने अपनि इच्छा को अपने ट्वीट में ज़ाहिर कर दिया।सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी को पार्टी की कमान संभालने के लिए मनाने में विफल होने पर पुराने कांग्रेसी अब प्रियंका का नाम ले रहे हैं.
नई दिल्ली: कांग्रेस में पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए प्रियंका गांधी को पार्टी की बागडोर सौंपने की मांग उठने लगी है लेकिन नेतृत्व का संकट जल्द समाप्त होता नहीं दिख रहा है क्योंकि पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं.
सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी को पार्टी की कमान संभालने के लिए मनाने में विफल होने पर पुराने कांग्रेसी अब प्रियंका का नाम ले रहे हैं. पुराने कांग्रेसियों की पहली पसंद अब प्रियंका गांधी हैं जबकि राहुल गांधी इस जिद पर अड़े हैं कि नया अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा. परिवार के बाहर से पार्टी के शीर्ष पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट शायद पसंद हो सकते हैं.
हालांकि प्रियंका गांधी की ओर से राजनीति में बड़ी भूमिका को लेकर कोई संकेत नहीं है. सिवा यह कि उन्होंने गुरुवार को नेल्सन मंडेला को याद करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि ‘अंकल नेल्सन’ ने कैसे उन्हें कहा था कि उनको पहले ही राजनीति में आ जाना चाहिए.
उन्होंने मंडेला के 101वीं जयंती पर ट्वीट करके कहा, ‘दुनिया को नेल्सन मंडेला जैसे शख्स की कमी आज भी खलती है. उनका जीवन सत्य, प्यार और स्वतंत्रता का प्रमाण है.’
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