कॉंग्रेस अरनाता में अपनी चालों से जनता का ध्यान हटाने के लिए नए नए हंगामे कर या रच रही है। कभी कांग्रेसी नेता अपने दलबल के साथ राहस्त्रीय मार्ग पर धारणा दे देते हैं तो कभी लोकसभा में हँगामा कर सदन को बाधित करने का प्रयास करते हैं। आज सदन में स्पीकर ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में हंगामा कर रहे विपक्ष के सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि आप संसद के किसी स्टाफ को हाथ न लगाएं.
नई दिल्ली: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में हंगामा कर रहे विपक्ष के सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा कि आप संसद के किसी स्टाफ को हाथ न लगाएं. उनकी टिप्पणी उस समय आई जब कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सांसद प्रश्न काल के दौरान हंगामा करते हुए वेल में आ गए. हंगामा करने वाले सांसद कर्नाटक की स्थिति पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन स्पीकर ने इससे इनकार कर दिया. इससे विपक्ष के सांसद नाराज हो गए.
स्पीकर ने नाराज सांसदों से वापस अपनी सीट पर बैठने और प्रश्न काल जारी रखने का अनुरोध किया लेकिन विपक्ष के सांसद “हमें न्याय चाहिए’ और “तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाने लगे. इस पर स्पीकर ने कहा, “आप सभी ने निर्णय लिया था कि राज्य से संबंधित मामलों की चर्चा सदन में नहीं की जा सकती. यह एक राज्य विशेष का मामला है और संवैधानिक पद से संबंधित है.”
कुछ समय बाद, स्पीकर ने फिर से प्रश्नकाल जारी रखने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “मैंने आपको इस मामले को दो बार उठाने की अनुमति दी है. इसके बावजूद, मैं आपको सदन में पेपर रखे जाने जाने के बाद इस पर शून्य काल के दौरान बोलने का मौका दूंगा.”
बिरला ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर इशारा किया जिन्होंने पिछले सप्ताह इस मामले को उठाया था. स्पीकर के आश्वासन के बाद, विपक्ष के सांसद वापस अपनी सीट पर चले और प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ी.
कर्नाटक मामले को लेकर विपक्ष ने लोकसभा से किया बॉयकट
कर्नाटक संकट को लेकर कांग्रेस, डीएमके व टीएमसी सहित विपक्ष ने शुक्रवार को लोकसभा से बॉयकट किया. विपक्ष ने बीजेपी पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के शून्य काल के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को इस मुद्दे पर बहुत कम समय के लिए बोलने की इजाजत दी, इस पर सांसद एकत्र हुए और बॉयकट कर गए.