कर्नाटक संकट : बागी गैरहाज़िर तो कुमारस्वामी हारे

कोर्ट ने साफ किया है कि ये बागी विधायक विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने या न लेने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी ये विधायक 18 जुलाई को बहुमत परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के समय अनुपस्थित रह सकते हैं.

नई दिल्‍ली: कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच बागी विधायकों के इस्‍तीफे के संबंध में विधानसभा स्पीकर के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला स्पीकर पर छोड़ा. कोर्ट ने कहा स्पीकर उचित समय के भीतर फैसला लें लेकिन उचित समय क्या होगा, यह स्पीकर को ही तय करना है.

हालांकि इसके साथ ही बागी 16 विधायकों को कोर्ट से राहत भी मिली है. कोर्ट ने साफ किया है कि ये बागी विधायक विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने या न लेने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी ये विधायक 18 जुलाई को बहुमत परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के समय अनुपस्थित रह सकते हैं. ऐसी स्थिति में 224 सदस्‍यीय विधानसभा में कुमारस्‍वामी के नेतृत्‍व में जेडीएस-कांग्रेस सरकार के पक्ष में बहुमत का आंकड़ा नहीं रह जाएगा. इस सूरतेहाल में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर सकती है.

सीटों का गणित
कर्नाटक विधानसभा
कुल सीटें- 224
बागी विधायक -15
बची सीट 209

बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा- 105
कुमारस्वामी सरकार के पास विधायक (जेडीएस-कांग्रेस)- 101 (बहुमत से 4 कम)

भाजपा की स्थिति- 105 सीटें (इसके अलावा दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्‍त)

भाजपा की प्रतिक्रिया
इससे पहले कर्नाटक बाग़ी विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि स्पीकर 15 विधायकों के इस्तीफ़े पर विचार करें. स्पीकर खुद से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्हें समय सीमा के भीतर निर्णय लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि इस केस में संवैधानिक मसले को देखते हुए इसमें विस्तृत फैसला देना पड़ेगा. हालांकि कर्नाटक सरकार को झटका देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि 15 बागी विधायकों को भी सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए बाध्य न किया जाए.

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री और वरिष्‍ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्‍पा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री के पास बहुमत नहीं है, उनको कल इस्‍तीफा देना चाहिए. मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्‍वागत करता हूं. यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है. ये बागी विधायकों की नैतिक जीत है. हालांकि कोर्ट का ये अंतरिम आदेश है, स्‍पीकर की शक्तियों के संबंध में कोर्ट भविष्‍य में फैसला करेगा. विधानसभा स्‍पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि मैं इस मसले पर निर्णय करूंगा, जोकि किसी भी तरह संविधान, कोर्ट और लोकपाल के विपरीत नहीं होगा. मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी ने फैसले पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply