आजम खान का नाम भू माफिया के तौर पर दर्ज करने की कवायद में यूपी सरकार
राज्य के राजस्व विभाग की शिकायत में यह भी कहा गया है कि गरीब किसानों की जमीन हड़पने में अपने पद (उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, 2012-2017 के रूप में) का दुरुपयोग करने वाले आजम खान ने 5,000 हेक्टेयर की विशाल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. राजस्व अधिकारी ने कहा, ‘यह भूमि नदी किनारे की है, इसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, राजस्व रिकॉर्ड जाली थे और बाद में कई सौ करोड़ की यह जमीन जौहर अली विश्वविद्यालय के रूप में अवैध रूप से हथिया ली गई.’
नई दिल्ली:
दो दर्जन से भी अधिक मामलों में फंसे समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और रामपुर से सांसद आजम खान अपने राजनीतिक जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. पिछले कुछ समय में उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन उनकी मुसीबत सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं. सपा नेता के पैतृक शहर रामपुर का जिला प्रशासन अब राज्य सरकार के ‘एंटी भू-माफिया’ पोर्टल पर आजम खान को भूमि माफिया के रूप में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रहा है. उत्तर प्रदेश में 2017 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफिया की पहचान करने और जमीन कब्जाने से संबंधित लोगों की शिकायत दर्ज कराने के लिए इस पोर्टल की शुरुआत की थी.
पुलिस के अनुसार, नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य आजम खान पर 30 से भी ज्यादातर मामले दर्ज हैं. जिनमें सबसे ज्यादा मामले सरकारी जमीन और गरीबों की जमीन हथियाने के हैं. रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया कि जमीन हथियाने के कई मामलों को ध्यान में रखते हुए आजम खान का नाम ‘एंटी-भू माफिया’ पोर्टल में सूचीबद्ध करने पर विचार किया गया है.
उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “जिलाधिकारी और मैं जिले के विभिन्न थानों में आजम खान और उनके सहयोगियों द्वारा जमीन हथियाने को लेकर दर्ज रिपोर्ट (एफआईआर/मामले) पर समीक्षा करेंगे. उसके बाद ही उनके नाम को सरकारी भू माफिया पोर्टल पर सूचीबद्ध करने की सिफारिश की जाएगी.” इससे पहले शुक्रवार को रामपुर के अजीम नगर पुलिस थाने में राजस्व विभाग द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर आजम खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
एफआईआर में खुलासा किया गया है कि आजम खान और उनके करीबी सहयोगी अलेहसन खान नामक एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर 26 किसानों से जमीन हड़प ली और इस जमीन का उपयोग सपा नेता ने अपनी करोड़ों की मेगा परियोजना- मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में किया. राजस्व विभाग की प्राथमिकी के बाद रामपुर के 26 किसान, जिन्हें कथित रूप से जाली भूमि बिक्री विलेख पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रताड़ित किया गया था, अब अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.
राज्य के राजस्व विभाग की शिकायत में यह भी कहा गया है कि गरीब किसानों की जमीन हड़पने में अपने पद (उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, 2012-2017 के रूप में) का दुरुपयोग करने वाले आजम खान ने 5,000 हेक्टेयर की विशाल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. राजस्व अधिकारी ने कहा, “यह भूमि नदी किनारे की है, इसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, राजस्व रिकॉर्ड जाली थे और बाद में कई सौ करोड़ की यह जमीन जौहर अली विश्वविद्यालय के रूप में अवैध रूप से हथिया ली गई.”
अधिकारी के अनुसार, नदी के किनारों पर कब्जा करने के लिए व धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से बनाए गए जाली दस्तावेज, आजम खान के खिलाफ मजबूत सबूत के तौर पर उपलब्ध हैं. पुलिस सूत्रों ने कहा कि आजम खान या उनके सहयोगियों द्वारा जमीन हड़पने के अन्य मामलों से संबंधित कई शिकायतें रामपुर पुलिस अधीक्षक को मिली हैं.
आजम पर दर्ज हैं ये मुकदमे
- जमीन संबंधी मामलों में राजस्व परिषद में आजम के खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन बिना अनुमति के खरीदने और सरकारी जमीन के बदले में अनुपयोगी जमीन देने के आरोप हैं।
- 26 किसानों से जमीन हड़प कर जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के संबंध में अब तक पांच मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें यूनिवर्सिटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आले हसन को भी नामजद किया गया है। दो मुकदमे प्रशासन ने दर्ज कराए हैैं और तीन मुकदमे तीन किसानों दर्ज कराए हैैं। इसके अलावा 23 किसानों ने आजम खां और मुख्य सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दे रखी है।
- लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक आचार संहिता उल्लंघन और आपत्तिजनक बयान देने में 15 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं।
इस बीच, आजम खान के समर्थकों का कहना है कि उनके नेता को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह जिले में विपक्ष की एकमात्र आवाज हैं और सांसद के तौर पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते रहते हैं. लखनऊ में एक एसपी के पदाधिकारी ने कहा, “उनके (आजम खान) खिलाफ कार्रवाई उचित नहीं है. उन्होंने अपने निजी इस्तेमाल के लिए कोई जमीन नहीं ली.”
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!