चन्द्र यान – 2 आज अंतरिक्ष में बजेगा भारत का डंका
चंद्रयान-2 को इसरो अपने बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से चांद पर भेजेगा. चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी. पूर्णतया भारतीय और महिला सशक्तीकर्ण की उम्दा मिसाल
नई दिल्ली : भारत 15 जुलाई यानी कल एक और विश्व कीर्तिमान बनाने जा रहा है. सोमवार को पूरे विश्व की नजरें भारत पर होंगी क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस दिन अपना चंद्रयान-2 अभियान शुरू करेगा. सुबह-सुबह करीब 02:51 बजे इसरो चंद्रयान-2 को चांद के लिए लांच करेगा. इसे चंद्रयान-2 को इसरो अपने बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से चांद पर भेजेगा. चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी. इसरो की ओर से ट्वीट में जानकारी दी गई है कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की उल्टी गिनती रविवार सुबह 6:51 बजे शुरू हो गई है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन ने शनिवार को कहा कि भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 रोबोटिक अंतिरिक्ष खोज की दिशा में देश का पहला कदम है और यह ज्यादा जटिल व पेचीदा है. राधाकृष्णन इस समय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानुपर के बोर्ड ऑफ गवनर्स के चेयरमैन हैं.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोरमेशन टेक्नोलोजी डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग (आईआईआईटीडीएम), कांचीपुरुम के सातवें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि चांद की कक्षा की परिक्रमा करने वाला विक्रम कं पास करीब 6,000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की परिक्रमा करते हुए खुद अपनी रफ्तार को कम और ज्यादा करने की क्षमता होगी और यह चांद के अपरिचित क्षेत्र में सुरक्षित उतर सकता है.
उन्होंने कहा, “यह पूरा कार्य 16 मिनट के भीतर होगा और उतरते समय यह खुद ही उतरने की जगह भी तय करेगा. पूरे देश की नजर इसकी ओर है.” राधाकृष्णन 2009 में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख बने और प्रथम चंद्रयान मिशन के एक साल बाद 2014 तक इस पद पर बने रहे.
भारत के बड़े मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह है और इसे लाइव देखने के लिए अब तक 7,134 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. दरअसल 15 जुलाई को इसरो के शक्तिशाली रॉकेट ‘बाहुबली’ पर सवार होकर चंद्रयान-2 अपने मिशन पर निकलेगा, जिसे देखने के लिए लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. इसरो ने हाल ही में आम लोगों के लिए रॉकेट लॉचिंग प्रक्रिया को लाइव देखने की शुरुआत की है. लोग विशेष तौर पर बनाई गई एक गैलरी में बैठकर इसरो के लॉन्च देख सकते हैं. इसमें कुल 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है, इसलिए इसरो की योजना है कि धीरे-धीरे दर्शकों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
चंद्रयान-2 अभियान के लिए कानपुर आईआईटी ने इसरो की महत्वपूर्ण मदद की है. 2009 में कानपुर आईआईटी और इसरो के बीच दो एएमयू साइन हुए थे, जिसमें पहला एएमयू चंद्रयान -2 के लिए मैप बनाने का और दूसरा एएमयू रास्ता दिखाने का था, जिसे कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने बनाकर इसरो को सौंप दिया.
आईआईटी कानपुर में पढ़ाने वाले प्रोफेसर केए वेंकटेश और प्रोफेसर आशीष दत्ता ने मिलकर कई सालों की मेहनत से ये प्रोजेक्ट तैयार किया है. प्रोफेसर आशीष दत्ता बताते हैं कि अंतरिक्ष परियोजना चंद्रयान-2 के चांद पर पहुंचते ही मोशन प्लानिंग का काम शुरू हो जाएगा.
विदेशी मीडिया ने भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को हॉलीवुड फिल्म ‘एवेंजर्स एंडगेम’ से कम खर्चीला बताया है. विदेशी मीडिया और वैज्ञानिक जर्नलों में चंद्रयान-2 की लागत को हॉलीवुड फिल्म एवेंजर्स एंडगेम के बजट के आधे से भी कम बताया है. भारत इस मिशन की सफलता के साथ अपने अंतरिक्ष अभियान में अमेरिका, रूस और चीन के समूह में आ जाएगा.
स्पूतनिक ने कहा, ‘चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की. यह लागत एवेंजर्स की लागत की आधी से भी कम है. इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर है.’
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