दवाएं दुकानदार की और नौकरियाँ ठेकेदार की ज़िम्मेदारी, सरकार बीच में से गायब

अपने अधीनस्थ किसी भी डॉक्टर की अपेक्षा पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टर भंसाली से अपनी डायबिटीज़ का इलाज करवाने वाले मंत्री अपने प्रदेश की हस्पतालों की दयनीय दशा को बहुत ही हल्के में लेते हैं। यही नहीं आर्थिक कारणों से आत्महत्या करने वाले हस्पताल के कर्मचारी दंपति पर भी स्वास्थ्य मंत्री का मानना है की जब सरकार ने ठेकेदारी प्रथा लागू करवा दी है तो अब ठेकेदार जाने और कर्मचारी जाने। सरकार की कोई ज़िम्मेदारी नहीं बनती।

पंचकूला 10 जुलाई ( सारिका तिवारी)

” लोग सामान्य दवाइयों से हो सकता है ठीक हो जाते हों इस लिए अपग्रेडेड दवाइयां नहीं रखी जाती होंगी ” ये मानना है स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का। आज वह पंचकूल में कार्यकर्ताओं से रू ब रु कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे।
पत्रकार वार्ता में जब उनसे पूछा गया कि सेक्टर 6 के सिविल अस्पताल में केवल मेटफॉर्मिन और गलिम्प्रिण्ड नामक दवाईयां ही उपलब्ध हैं जो कि 2006 से चल रही हैं जबकि डायबिटीज के लिए अब अपग्रेडेड दवाईयां उपलब्ध हैं जबकि यदि इस बीमारी की स्टेज बढ़ जाए तो इन दोनो दवाईयों से इलाज कैसे होगा तो उन्होंने इस बात का सरसरी ढंग स जवाब देते हुए कहा कि हो सकता है मरीज़ इन्हीं दवाईयों से ठीक हो जाते हों। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इतने गम्भीर सवाल का इतने गैर जिम्मेदाराना तरीके से जवाब देने वाले मंत्री स्वयं भी डियाबेटीज़ से ग्रस्त हैं और अपना इलाज अपने अधीनस्थ किसी सरकारी अस्पताल से न करवा कर चंडीगढ़ में पी जी आई के डॉ भन्साली से करवाते हैं।
इसके अतिरिक्त कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों की नियुक्ति और उनके वेतन भुगतान पर सवाल पूछने पर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जब हम आउटसोर्सिंग करते हैं तो ज़िम्मेदारी ठेकेदार की है उनकी नहीं। आपको बता दें कि दो दिन पहले सेक्टर 6 अस्पताल में ही ठेकेदार के माध्यम से नौकरी करने वाले पति पत्नी ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। यह तो सर्वविदित है कि असल में ठेकेदारों द्वारा कर्मियों को पूरी तनख्वाह नहीं दी जाती और कागजी करवाई पूरी की जाती है। सम्बंधित कर्मचारी अपना रोजगार बचाने के लिए चुप्पी साध लेते हैं कि कहीं उनकी नौकरी न चली जाए।

संगठन पर बात करते हुए विज ने कहा भाजपा के कार्यकता हमेशा सक्रीय रहते हैं कभी भी बैरकों में नहीं जाते उन्होंने कार्यकर्ताओं को सक्रीय और संगठित रह कर आगामी विधान सभा चुनावों की तैयारी करने को कहा।

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