कर्नाटक सरकार पर संकट गहराया
कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिरने की कगार पर है. बागी कांग्रेस विधायक रोशन बेग ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया है. वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. ये पूरा राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब राज्य में 12 जुलाई से मानसून सत्र होना है. दोनों दलों के नेता सरकार बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. देखना होगा कि उन्हें इसमें कहां तक सफलता मिलती है.
बेंगलुरू: कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिरने की कगार पर है. कांग्रेस के 22 मंत्रियों और जनता दल-सेकुलर (जेडीएस) के सभी नौ मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. सोमवार को यह संकट और बढ़ गया जब निर्दलीय नागेश ने लघु उद्योग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया. नागेश के साथ क्षेत्रीय पार्टी के पीजेपी के आर.शंकर ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है. रही सही कसर बागी कांग्रेस विधायक रोशन बेग ने पूरी कर दी है. बेग ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया है. वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें: रौशन बेग ने भाजपा में शामिल होंगे
उधर, कर्नाटक बीजेपी प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने पार्टी को विधानसभा में समर्थन मिलने की बात कही है. येदियुरप्पा का कहना है कि विधानसभा में अब बीजेपी की सदस्य संख्या 107 हो गई है. उन्होंने कुमारस्वामी से इस्तीफे की मांग की है. यह समस्या शनिवार को शुरू हुई जब सरकार पर अविश्वास जताते हुए कांग्रेस के 10 व जेडीएस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. शनिवार को इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों ने कर्नाटक छोड़ दिया है और वे मुंबई में ठहरे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफा देने वाले विधायक मंगलवार को बेंगलुरू लौटकर स्पीकर से मुलाकात कर सकते हैं. इस्तीफा का दौर शुरू होने से पहले गठबंधन के पास 118 विधायकों का समर्थन था जो कि 113 के बहुमत के आंकड़े से 5 ज्यादा था.
नजरें विधानसभा अध्यक्ष पर टिकीं
विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे के बाद सभी की नजरें विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार पर टिकी हैं. उन्हें इन इस्तीफों पर अभी निर्णय लेना है. उधर, कर्नाकट कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने स्पीकर से बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अपील की है. मजेदार बात यह है कि ये पूरा राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब राज्य में 12 जुलाई से मानसून सत्र होना है. दोनों दलों के नेता सरकार बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. देखना होगा कि उन्हें इसमें कहां तक सफलता मिलती है.
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!