शनि जयंती का 100 साल बाद बना ऐसा दुर्लभ संयोग, सोमवती अमावस और वट सावित्री सहित 6 योग

नई दिल्ली। शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या पर 3 जून सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूरे दिन और रात में सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। साथ ही वटसावित्री व्रत, भावुका अमावस्या और सोमवती अमावस्या का संयोग भी है। इस दिन बुध, मंगल और राहु का त्रिग्रही योग भी बन रहा है। साथ ही केतु के साथ शनि की उपस्थिति होने के कारण इसका व्यापक असर प्रत्येक जातक पर पड़ने वाला है। खासकर उन लोगों के लिए यह खास दिन होगा जो शनि की साढ़ेसाती, शनि के ढैया या जन्मकुंडली में शनि की महादशा, अंतर्दशा या शनि की खराब स्थिति के कारण परेशान चल रहे हैं। वे लोग इस खास योग में आ रही शनि जयंती पर शनि की पीड़ा शांत करने का मौका अपने हाथ से ना जाने दें।

शनि जयंती पर सर्वार्थसिद्धि योग अमावस्या सोमवार के दिन रोहिणी नक्षत्र तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में आ रही है। इस दिन सूर्यादय के समय से सर्वार्थसिद्धि योग भी प्रारंभ हो जाएगा। जिसका प्रभाव संपूर्ण दिन और रात में भी रहेगा। इस दिव्य योग की साक्षी में शनिदेव की आराधना जातक को विशिष्ट शुभफल प्रदान करेगी।

संकटों से रक्षा करेगा शनि वज्रपिंजर कवच शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन शनि के वैदिक तथा बीज मंत्र ऊं खां खीं खूं सः मंदाय स्वाहाः के 21 माला जाप करें। शनि स्तवराज, महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ तथा मंदिर में शनिदेव का तेलाभिषेक करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। जिन जातकों को निरंतर शारीरिक पीड़ा रहती है, वे शनि जयंती पर शनिवज्रपिंजर कवच के 11 पाठ करें और उसके बाद हर दिन एक पाठ नियमित करते जाएं। इससे समस्त प्रकार के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

स्टील के बर्तन करें दान शनि की शांति के लिए शनि जयंती के दिन काला उड़द, काला तिल, स्टील-लोहे के बर्तन, श्रीफल, काले वस्त्र, लकड़ी की वस्तुएं, औषधि आदि का दान करना चाहिए। भिक्षुकों को भोजन कराने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। जो गरीब लोग अपनी दवाई का खर्चा उठाने में असमर्थ हों उनके इलाज का इंतजाम करवाएं और उन्हें दवाई भेंट करें, इससे शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं।

मंगल-बुध-राहु का त्रिग्रही योग ग्रह गोचर की गणना के अनुसार अमावस्या पर इस बार बुध, मंगल और राहु मिथुन राशि में त्रिग्रही युति बना रहे हैं। अमावस्या के दिन सात्विक ग्रह बुध के साथ मंगल और राहु की उपस्थिति होने के कारण लोगों में आपसी मतभेद, दुष्ट प्रवृत्तियों के लोगों का प्रभाव बढ़ने जैसी घटनाएं होंगी। योग के प्रभाव से भीषण गर्मी, बारिश, आंधी-तूफान की आशंका भी रहेगी। राजनेताओं के लिए यह समय कष्टप्रद रहेगा। प्रत्येक राशि वाले जातकों पर किसी न किसी प्रकार का कष्ट आ सकता है। इस दिन शनिदेव के साथ हनुमानजी की आराधना श्रेष्ठ फल प्रदान करेगी। जो लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं उन्हें इस दिन हनुमान जी को बेसन के लड्डू या हलवे का भोग अवश्य लगाना चाहिए इससे आर्थिक सम्पन्नता आती है।

सोमवती अमावस आज है खास योग

सोमवती अमावस्या के व्रत से मिलता है शुभ फल

इस साल यानी 2019 में पूरे साल में केवल तीन सोमवती अमावस्या तिथि पड़ रही है। इसमें पहली सोमवती अमावस्या 4 फरवरी, दूसरी 3 जून और तीसरी 28 अक्टूबर 2019 को पड़ रही है। इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद मौन व्रत रखकर जाप करने से मन की शुद्धि होती है। कुंभ मेले का एक स्नान मौनी अमावस्या का भी होता है।

माघ सोमवती अमावस्या का है खास महत्व

प्रत्येक हिंदी मास के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवी तिथि को अमावस्या होती है। अमावस्या का बहुत खास महत्व होता है। इस दिन को पितृ तर्पण से लेकर स्नान-दान आदि कार्यों के लिए काफी शुभ माना जाता है। इसे मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या भी कहते हैं। माघ अमावस्या धार्मिक रूप काफी खास होता है। वैसे तो किसी कार्य के लिए अमावस्या की तिथि शुभ नहीं मानी जाती, लेकिन तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कार्यों के लिए अमावस्या तिथि काफी शुभ होती है। इस दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए उपवास और पूजा भी की जाती है।

सोमवती अमावस्या से दूर होते हैं अशुभ योग

किसी भी माह में सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन खासकर पूर्वजों को तर्पण किया जाता है। इस दिन उपवास करते हुए पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करना चाहिए और पीपल के पेड़ के चारों ओर 108 बार परिक्रमा करते हुए भगवान विष्णु तथा पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। खासकर यह व्रत महिलाओं द्वारा संतान के दीर्घायु रहने की लिए की जाती है।  

सोमवती अमावस्या के उपाय

– सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।– इसके बाद क्षमता के अनुसार दान किया जाता है।– सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्त्व है।– इस दिन मौन भी रखते हैं, इस कारण इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।– माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहने के साथ ही स्नान और दान करने से  हजार गायों के दान करने के समान फल मिलता है। 

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

सोमवती अमावस्या की पौराणिक कथा के मुताबिक एक व्यक्ति के सात बेटे और एक बेटी थी। उसने अपने सभी बेटों की शादी कर दी लेकिन, बेटी की शादी नहीं हुई। एक भिक्षु रोज उनके घर भिक्षा मांगने अाते थे। वह उस व्यक्ति की बहूओ को सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद तो देता था लेकिन उसने उसकी बेटी को शादी का आशीर्वाद कभी नहीं दिया। बेटी ने अपनी मां से यह बात कही तो मां ने इस बारे में भिक्षु से पूछा, लेकिन वह बिना कुछ कहे वहां से चला गया। इसके बाद लड़की की मां ने एक पंडित से अपनी बेटी की कुंडली दिखाई। पंडित ने कहा कि लड़की के भाग्य में विधवा बनना लिखा है। मां ने परेशान होकर उपाय पूछा तो उसने कहा कि लड़की सिंघल द्वीप जाकर वहां रहने वाली एक धोबिन से सिंदूर लेकर माथे पर लगाकर सोमवती अमावस्या का उपवास करे तो यह अशुभ योग दूर हो सकता है। इसके बाद मां के कहने पर छोटा बेटा अपनी बहन के साथ सिंघल द्वीप के लिए रवाना हो गया। रास्ते में समुद्र देख दोनों चिंतित होकर एक पेड़ के नीचे बैठ गए। उस पेड़ पर एक गिद्ध का घोंसला था। मादा गिद्ध जब भी बच्चे को जन्म देती थी, एक सांप उसे खा जाता था। उस दिन नर और मादा गिद्ध बाहर थे और बच्चे घोसले में अकेले थे। इस बीच सांप अाया तो गिद्ध के बच्चे चिल्लाने लगे। यह देख पेड़ के नीचे बैठी साहूकार की बेटी ने सांप को मार डाला। जब गिद्ध और उसकी पत्नी लौटे, तो अपने बच्चों को जीवित देखकर बहुत खुश हुए और लड़की को धोबिन के घर जाने में मदद की। लड़की ने कई महीनों तक चुपचाप धोबिन महिला की सेवा की। लड़की की सेवा से खुश होकर धोबिन ने लड़की के माथे पर सिंदूर लगाया। इसके बाद रास्ते में उसने एक पीपल के पेड़ के चारों ओर घूमकर परिक्रमा की और पानी पिया। उसने पीपल के पेड़ की पूजा की और सोमवती अमावस्या का उपवास रखा। इस प्रकार उसके अशुभ योग का निवारण हो गया। 

आज का पांचांग

पंचांग 03 जून 2019

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः ज्येष्ठ़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष, 

तिथिः अमावस अपराहन् 03.32 तक, 

वारःसोमवार, 

नक्षत्रः रोहिणी रात्रि 12.05 तक है, 

योगः सुकृत प्रातः 9.43 तक, 

करणः नाग, 

सूर्य राशिः वृष, 

चंद्र राशिः वृष, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.27, 

सूर्यास्तः 07.11 बजे।

नोटः आज सोमवती अमावस व्रत है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

अलगाववादी बयानों को लेकर घिरे ओवैसी

मोदी की रहनुमाई में भाजपा की इंकलाबी जीत की आँधी में तिनके की तरह उड़े विपक्ष के एक मुस्लिम अलगाववादी नेता ओवैसी ने मोदी के “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के बदले में मक्का मस्जिद में मुस्लिम बिरदरान को भड़काते हुए कहा की ‘मुसलमान यहाँ हिस्सेदार है न कि किरायेदार’ उनके इस बयान से उनकी हताशा ओर निराशा तो नज़र आती ही है साथ ही उनकी कुंठित सोछ जो उनके अपने ही समाज को ले कर है नज़र आती है, गहन निराशा में डूबे ओवैसी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर घिर गए हैं।

Madhav Bhandar a file photograph

नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के किरायेदार वाले बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी नेता माधव भंडारी ने असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा- उन्हें सोच समझकर बोलना चाहिए, उनको किसी ने किरायेदार नहीं कहा, लेकिन हिस्सेदारी की भाषा बोलेंगे तो वो 1947 में दे दी, तो मामला ही खत्म हो गया. 

क्या बोले थे ओवैसी
बता दें कि 1 जून को ओवैसी ने बीजेपी की जीत पर तंज कसते हुए कहा था, अगर कोई ये समझ रहा है कि हिंदुस्तान के वजीर-ए-आजम 300 सीट जीतकर हिंदुस्तान पर मनमानी करेंगे तो यह नहीं हो सकेगा.

उन्होंने कहा, वजीर-ए-आजम से हम कहना चाहते हैं, संविधान का हवाला देकर ओवैसी ने कहा कि मैं आपसे लडूंगा, मजलूमों के इंसाफ के लिए. उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान को आबाद रखना है, हम हिंदुस्तान को आबाद रखेंगे, हम यहां पर बराबर के शेहरी है, किरायेदार नहीं है, हिस्सेदार रहेंगे. 

साक्षी महाराज का प्रश्न विवादास्पद कैसे और ममता के कृत्य संवैधानिक कैसे???

जब ममता जय श्री राम बोलने वालों पर लाठीयां भांजवाती है, उन्हे गुंडागर्दी अथवा देशद्रोह जैसे मामलों में फंसवाने की बात करती है और तब भी जब जय श्रीराम बोलने वालों की खाल में भूसा भरवा देने की बात कहती है तब सब कुछ ठीक रहता है और तब भी जब हम सुनते हैं की जय श्री राम असंवैधानी है। बस विवाद तब उत्पन्न होता है जब साक्षी महाराज कहते हैं कि “जय श्रीराम कहने वालों को यातनाएं दी जा रही है. उन्‍हें जेल में भेजा जा रहा है.  क्या ममता हरिण्याक्ष के परिवार से है?” तब यह बयान विवादास्पद हो जाता है।

हरिद्वार : हरिद्वार पहुंचे उन्नाव के बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बंगाल की जब बात आती है तो त्रेता युग याद आता है. एक राक्षसराज था हिरण्यकश्यप. उसके बेटे ने कह दिया था ”जय श्रीराम” तो बाप ने बेटे को जेल में बंद कर दिया था. बहुत सारी यातनाएं दी थीं और अब वही दोहराया जा रहा है. उन्‍होंने पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में तो ऐसा लगता है कि कहीं हिरण्यकश्यप के ही खानदान की तो नहीं हैं ममता बनर्जी. 

साक्षी महाराज ने कहा कि जय श्रीराम कहने वालों को यातनाएं दी जा रही है. उन्‍हें जेल में भेजा जा रहा है. परिणाम यह हो गया कि यह स्थिति हो गई है कि जय श्रीराम कहने से वो खिसियाने लगी हैं. वह गालियां देने लगी हैं. सड़कों पर उतरने लगी हैं. उसके विरोध में न जाने क्या क्या योजना बनाने लगी है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल में इस चुनाव में तमाम विरोधों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को 41 परसेंट वोट मिला है, 18 सीटें हम लेकर आए हैं तो मैं पूरे विश्वास के साथ मां गंगा के तट पर यह कह सकता हूं कि विधानसभा के चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी.

हार के लिए राहुल नहीं सपा-बसपा जिम्मेदार – कांग्रेस की राहुल को सांतव्ना

अमेठी की हार के लिए राहुल गांधी का आभिजात्य वर्ग के व्यक्ति की भांति पेश आना है, प्रियंका गांधी का दंभ और सबसे ऊपर “चौकीदार चोर है”। राहुल के इर्द गिर्द जो चाटुकारों का समाज है वह राहुल की आँखों के आगे एक ऐसी पट्टी चढ़ा देते हैं की ऊनहे अमेठी जैसे संसदीय क्षेत्र में समृति ईरानी की प्रचंड जीत नहीं दीख पड़ती अपितु कुच्छ मतों से राहुल की हार दीखती है (जिसे कांग्रेस फिर से स्मृति की हार बताती हैं)। कांग्रेस राहुल गांधी की अमेठी में हार ने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है, क्योंकि यह सीट 1980 से ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है। यहाँ से राहुल का 2 अथवा 3 मतों से हारना भी राहुल गांधी के लिए एक बड़ी शर्मना हार है, फिर समृति ई उपस्थित ने अमेठी का ऐसा दिल जीता के राहुल अमेठी छोड़ वायनाड़ दौड़ लिए। लेकिन कांग्रेस राहुल को सच का सामना करवाने के बजाए स्पा- बसपा ही में उलझाए रखना चाहती है।

अमेठी: 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के परिवार का गढ़ रहे अमेठी संसदीय क्षेत्र में उनकी हार के कारणों का पता लगाने वाली कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति को बताया गया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सहयोग नहीं मिलना उनकी हार के लिए जिम्मेदार है. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में उनके प्रतिनिधि कांग्रेस सचिव जुबेर खान और के. एल. शर्मा को स्पष्ट तौर पर बताया गया कि सपा और बसपा की अमेठी इकाइयों ने कांग्रेस को सहयोग नहीं किया और उनके एक बड़े वर्ग का वोट बीजेपी को चला गया.

एक स्थानीय नेता ने बताया, “सरल गणित है. राहुल गांधी को 2014 के लोकसभा चुनाव (4.08 लाख वोट) से ज्यादा वोट 2019 (4.13 लाख वोट) मिले. बसपा प्रत्याशी को 2014 में 75,716 वोट मिले. अगर यह वोट कांग्रेस को मिला होता तो कांग्रेस की जीत होती. भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55,000 वोटों के अंतर से शिकस्त दी.”

अमेठी के जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी इस आरोप का समर्थन किया कि सपा और बसपा ने कांग्रेस के साथ सहयोग नहीं किया, जबकि उनके नेताओं ने राहुल के पक्ष में समर्थन का एलान किया था. योगेंद्र मिश्रा ने कहा, “सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के पुत्र अनिल प्रजापति खुलेआम स्मृति ईरानी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे. गौरीगंज से सपा विधायक राकेश सिंह अपने ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों को बचाए रखने के लिए भाजपा के साथ गए.”

हालांकि राकेश सिंह ने इस आरोप का खंडन किया. राहुल को अमेठी के चार विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली और गौरीगंज में हार का अंतर सबसे ज्यादा (18,000) था. वह अमेठी में आगे रहे, लेकिन तिलाई, जगदीशपुर और सलोन विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ गए. दो सदस्यीय समिति ने गौरगंज और तिलोई में पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया ली.  समिति अगले दो दिनों के दौरान जगदीशपुर, सलोन और अमेठी में कार्यकर्ताओं से मिलेगी.

अंतिम रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को अगले सप्ताह सौंपी जाएगी. राहुल गांधी की अमेठी में हार ने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है, क्योंकि यह सीट 1980 से ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है.

‘नए सुधारवादी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध सरकार’ राजीव कुमार

राजीव कुमार ने नई सरकार के प्रधानमंत्री किसान योजना में दो हेक्टेयर खेत की सीमा को हटाकर इसका लाभ सभी किसानों को देने के निर्णय का स्वागत किया है.

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने, निजी निवेश बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए नए सुधारवादी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. राजीव कुमार ने आयुष मंत्रालय की ओर से शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम से इतर कहा कि सरकार अगले 100 दिनों में नए सुधारवादी कदम उठाना शुरू करेगी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े आने के बाद कुमार का यह बयान अहम माना जा रहा है. सीएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, आर्थिक वृद्धि चौथी तिमाही में सुस्त होकर 5.8 प्रतिशत पर आ गई. यह पांच साल का निम्नतम स्तर है. 

उन्होंने कहा, “सरकार आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सुधार की नई पहल शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम वृद्धि में तेजी, निजी निवेश बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए अगले 100 दिनों में कदम उठाएंगे.” कुमार ने नई सरकार के प्रधानमंत्री किसान योजना में दो हेक्टेयर खेत की सीमा को हटाकर इसका लाभ सभी किसानों को देने के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा. 

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने आयुर्वेद औषधि में शोध के लिए ज्यादा संसाधन देने की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रीय एकीकृत चिकित्सा परिषद की स्थापना करना चाहते हैं, जो कि पारंपरिक औषधि प्रणाली के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करेगा.” 

अतिरिक्त ‘8’ सीटों ने राहुल को सरकार पर तंज़ कसने का हौसला दिया

राहुल गांधी के जोश भरे भाषण से कॉंग्रेस ने क्या पाया पता नहीं, परंतु एक बात सर्व – विदित हो गयी की संसद में एक बार फिर अगले पाँच साल तक सिर्फ हँगामा ही होगा। राहुल के बयान से जाहिर होता है की जब हम 44 थे तब ही हमने इतने रोड़े अटका दिये थे अब तो हम फिर 52 हैं सोचो क्या क्या कर सकते हैं? दूसरे उन्होने आज के भारत की तुलना अंग्रेजों के राज से कर दी जिसकी भरपूर भर्त्सना की जा रही है। राहुल यहाँ एक बार फिर आज़ादी गैंग के साथ खड़े दिखाई पड़ते हैं। उन्होने अपने बयान मे भारत की हर सरकारी संस्था को कांग्रेस विरोधी बताया जबकि हालात बिलकुल उलटे नज़र आते हैं। राहुल न तो संस्थाओं में विश्वास रखते जान पड़ते हैं अपितु वह अपने अनुयाइयों को भी संस्थाओं के विरुद्ध प्रेरित करते जान पड़ते हैं। हार से कांग्रेस ने कुछ सबक लिया हो ऐसा कहीं नहीं जान पड़ता।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की पहली बैठक में कहा, ‘आप स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले ऐसे लोग हैं, जो किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं, बल्कि देश की हर संस्था के खिलाफ चुनाव लड़े. ऐसी कोई संस्था नहीं थी जो लोकसभा चुनाव में आपसे लड़ी नहीं हो और आपको रोकने की कोशिश नहीं की हो. आप ऐसी हर संस्था से लड़े और लोकसभा पहुंचे. इस पर आपको गौरवान्वित होना चाहिए.’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मुझे जरा भी संदेह नहीं है कि कांग्रेस फिर से मजबूत होगी. आगे ऐसी कोई संस्था नहीं है जो आपको सहयोग करेगी, कोई नहीं करेगी. यह ब्रिटिश काल जैसा है जब किसी एक संस्था ने भी कांग्रेस का सहयोग नहीं किया था, इसके बावजूद हम लड़े और जीते. हम फिर जीतेंगे.’ बाद में उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हम अपने संविधान और संस्थाओं की रक्षा के लिए बब्बर शेर की तरह काम करेंगे और संसद में भाजपा को वाकओवर का कोई मौका नहीं देंगे.

सदस्‍यों में जोश भरने की कोश‍िश
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद निराश पड़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में जोश भरते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में 52 सांसद होने के बावजूद उनकी पार्टी अगले पांच वर्षों तक भाजपा के खिलाफ इंच-इंच लड़ेगी और जीतेगी. गांधी ने कहा कि संविधान और देश की संस्थाओं को बचाने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘बब्बर शेर’ की तरह काम करेंगे.

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आपको पहले समझना होगा कि आप क्या हैं. अगर आप लड़ने जा रहें तो यह पता होना चाहिए कि किसके लिए लड़ने जा रहे हैं? आप इस देश के संविधान के लिए लड़ रहे हैं. आप इस देश के हर नागरिक के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं चाहे उसका रंग, धर्म, लिंग और राज्य कुछ भी हो.’ गांधी ने कहा, ‘‘यह भी समझिए कि आपके खिलाफ कौन लड़ रहे हैं? घृणा, कायरता और गुस्सा आपके खिलाफ लड़ रही है. विश्वास का अभाव, आत्मविश्वास का अभाव आपके खिलाफ लड़ रहे हैं. जो लोग इस संसद में हमारा विरोध कर रहे हैं वो नफरत और गुस्से का इस्तेमाल करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार अगर स्पीकर हमें पांच मिनट का समय देती थीं तो इस बार यह दो मिनट भी हो सकता है, लेकिन इन दो मिनटों में भी हम उस बात को रखेंगे जिसमें कांग्रेस पार्टी विश्वास करती है. हम संविधान की रक्षा को सबसे आगे रखेंगे.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ वरिष्ठ नेताओं के चुनाव हारने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अगर कुछ पुराने चेहरे चुनाव जीते होते तो मुझे खुशी होती क्योंकि पिछली बार 5-10 ऐसे लोग थे जिन्होंने हमारा शानदार ढंग से सहयोग किया. अगर आज वो हमारे साथ नहीं हैं तो मुझे बहुत दुख है। पंरतु वे वैचारिक रूप से हमारे साथ खड़े हैं.

पंचकुला के आस पास दिन दिहाड़े जारी है अवैध खनन

अशोक वर्मा, पंचकुला:
मुख्यमंत्री के समक्ष पंचकूला क्षेत्र में चल रही अवैध माइनिंग की पोल खुल गई अब देखना यह है कि किस किस पर गाज गिरेगी । माइनिंग व्यापारी ही सम रूप से अवैध खनन करते हैं। इसमें दिलचस्प बात यह है कि सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नेता ही इन कार्यों में संलिप्त हैं।

भूरीवाला में कचरा प्रबन्धन प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री पंचकूला आ रहे थे उस समय भानु में एक ट्रक जो कि अवैध खनन का माल ले जा रहा था काफिले के सामने आ गया अपने को परेशानी में देखकर ट्रक चालक मौके से फरार हो गया।

आखिर कहां से व किसके इशारे पर पंचकूला में हो रही है अवैध माइनिंग, और इसमें  किस किस का हाथ है? : योगेश्वर शर्मा
आम आदमी पार्टी का कहना है  कि अब तो हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी अपनी आंखों से पंचकूला में चल रही अवैध माइनिंग का नजारा देख लिया है। ऐसे में हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचार की पोल खुद मुख्यमंत्री के सामने भी खुल गई है। ऐसे में सावाल उठता है कि आखिर कहां से व किसके इशारे पर यह अवैध माइनिंग हो रही है, ओर इसमें किस किस का हाथ है? कितना माल किसके क्रेशर पर जाता है ? सरकार इस पर सख्त कारवाई करे। पार्टी का कहना है कि अब मुख्यमंत्री को यह तय करना है कि भ्रष्टाचारियों को बख्शना है या उन पर सख्त कारवाई करनी है। 

पिछले दिनों आबकारी विभाग द्वारा अवैध खनन का माल ले जाते करीब दस ट्रक कब्जे में लिए गए थे जिस पर एक सौ अठारह प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था। जबकि ट्रक मालिक प्रदीप शर्मा का कहना है कि विभाग उन पर अवैध ढंग से सौ प्रतिशत थोप रहा है जो की गलत है। उन्होंने मांग की कि विभाग कानून के हिसाब से अठारह जमा अठारह का जुर्माना लगा सकता है । अपनी मांग को लेकर उन्होंने आबकारी विभाग के अतिरिक्त आयुक्त विद्या सागर का पंचकुला के पी डब्लयू डी गेस्ट हाउस के बाहर घेराव किया । विद्या सागर वहाँ एक कार्यालय की बैठक में भाग लेने गए थे।

अतिरिक्त आयुक्त से बातचीत के बाद घेराव खत्म कर दिया गया और घेराव करने वालो और मीडिया को बताया गया कि यह एक छोटा सा मामला है जो निपटा लिया गया है। ऐसा प्रदीप शर्मा और अतिरिक्त आयुक्त विद्या सागर ने कहा।

विडियो में आबकारी उपायुक्त विद्यासागर भी दिखाई पड़ रहे हैं

बात हास्यास्पद यह है कि अवैध व्यापार करने वाला व्यक्ति विभाग द्वारा लगाई जाने जुर्माने को अवैध ठहरा रहा है।
इस संवाददाता द्वारा अगली कार्यवाही के बारे में जब अतिरिक्त उपायुक्त से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे।

हिंदी के उत्थान के लिए सरकारी और बौद्धिक प्रयास आवश्यक : एस के जैन

पुरनूर, पंचकूला

हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में आज एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे देश के विभिन्न राज्यों से पत्रकारों, समाज सेवियों, कला और खेल क्षेत्र की प्रतिभाओ ने भाग लिया।

” पत्रकारिता- वर्तमान दिशा और दशा ” पर आयोजित संगोष्ठी में

Editor, demokraticfront S.K. Jain

वरिष्ठ लेखक औऱ www.demokraticfront.com के सम्पादक एस के जैन ने हिंदी भाषा के महत्व और आवश्यकता पर बात करते हुए कहा कि हिंदी की अवहेलना बहुत ही निंदनीय है और इसके उत्थान के लिए सरकारी और बौद्धिक स्तर पर कार्य करना अतिआवश्यक है।
समाजसेवी , राष्ट्रवाद और आंदोलनकरी व्यक्तित्व के रूप में जाने जाने वाले पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद के वंशज पंडित सुजीत आज़ाद ने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम में कलम उठाने वालों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता कलम ब्रिटिश साम्राज्य पर भारी पड़ी इसीलिए इसके दमन के लिए हर सम्भव प्रयास किये गए। लेकिन इतिहासकारों ने राजनीति के चलते केवल कुछ नेताओं को महिमामण्डित किया और पत्रकारिता के योगदान का ज़िक्र भी नहीं किया।

हिंदी पत्रकारिता के उद्गम से आज तक के सफर पर बात करते हुए पत्रकार और राज नेता प्रो.वरिंदर सिंह चौहान ने पत्रकारिता के साहस पर रोशनी डालते हुए कहा कि ब्रिटिश सामाज्य के दौरान अनेको बार समाचार पत्रों और पत्रकारों का दमन करने की कोशिश की गई परन्तु पत्रकारिता ने हर बार सिर उठाया और अपने कर्तव्य का पालन किया जो आज तक भी जारी है।

पुनीत अरोरा मुख्यमंत्री हरियाणा के सोशल मीडिया समन्वयक

हरियाणा जॉर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष संजय राठी ने जहां सभागार में मौजूद पत्रकारों का उनके काम के लिए सराहना की वहीं उन्होंने सरकार का पत्रकारों के प्रति उदासीन रवैये की कड़ी आलोचना की। उन्होंने ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में अस्क्रेडिक्शन समिति की एक भी बैठक नहीं हुई और न ही समिति का पुनः गठन नहीं किया गया।

नेशनल जॉर्नलिस्ट वेलफेयर बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य पत्रकार संगठनों के पदाधिकारी और किसान विकास संगठन के संजय राय ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को शुभकामनाएं दीं और पत्रकारीता की मौजूदा स्थिति पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर समाचार क्यारी के ब्यूरो चीफ संजय शर्मा को राष्ट्रीय किसान विकास यूनियन का हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष चुना गया।
हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के अध्यक्ष राणा ओबरॉय ने कहा पत्रकारिता चौथा स्तम्भ है इसे अपनी ज़िम्मेदारी को बहुत ध्यान से निभाना चाहिए।

सुधा भारद्वाज हिन्दी पत्रकारिता पर अपने विचार रखते हुए

समाज सेवी सुधा भारद्वाज ने हिंदी के महत्व के विषय में बात करते हुए कहा आज के दौर में अपनी राष्ट्र भाषा की अवहेलना होते देख बहुत दुख होता है । जबकि हिंदी समाचारपत्रों द्वारा हिंदी भाषा को आज भी सर्वोपरि रखा जा रहा है यह एक सराहनीय कदम है।

समाचार क्यारी के प्रमुख सम्पादक राजेश शर्मा ने पत्रकारो को सम्बोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता एक मिशन है न कि पेशा । इसे पैसा कमाने का साधन न मान कर स्वयं को राष्ट्र और समाज के प्रति उत्तरदायी समझकर कार्य करना चाहिए।

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में खास मुकाम हासिल करने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। संघ लोक सेवा आयोग की आई ए एस की परीक्षा में उच्च रैंक पाने और हरियाणा का नाम रौशन करने वाली विधित डावर, को सम्मानित किया गया। इनके अलावा अन्य विभूतियों को भी पगड़ी पहना कर और स्मृति चिन्हों प्रदान कर सम्मानित किया गया।