Sunday, December 22

नेशनल कान्फ्रेंस के नेता ओमर अब्दुल्लाह के सुर आज कुछ बदले बदले से लगे। आज उनहोने अमित शाह की काश्मीर यात्रा के बारे में कोई तंज़ या तल्ख टिप्पणी नहीं की। मोदी अमित के धुर विरोधी जाने जाने वाले ओमर के बदले सुरों के पीछे क्या राज़ हो सकता है। सोचो – सोचो

श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जम्मू कश्मीर की यात्रा से केंद्र को राज्य की जमीनी हकीकत को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी और इसके प्रति उसे अपना दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने ट्वीट किया,‘केन्द्रीय गृह मंत्री की जम्मू कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा के बाद, मुझे उम्मीद है कि स्थिति की जमीनी हकीकत को बेहतर ढंग से समझा जायेगा और राज्य के प्रति रूख में बदलाव किये जाने की जरूरत है।’

शाह इस समय जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर है। वह बुधवार को यहां पहुंचे थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सुरक्षा बलों से कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाएं और राज्य में आतंकी फंडिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

Amit Shah's J&K visit may help Centre understand ground situation better: Omar Abdullah

जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने राज्य सरकार और केंद्र के शीर्ष अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए. इस बैठक में राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी मौजूद थे. 

आतंकी गतिविधियों पर शिकंजा कसने का निर्देश
शाह के दो दिवसीय दौरे के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए राज्य के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि गृह मंत्री ने राज्य में आतंकी गतिविधियों पर शिकंजा कसने को कहा है. 

सुब्रह्मण्यम ने गृह मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, ‘आतंकवादियों और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए. आतंकी फंडिंग के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. कानून का शासन लागू होना चाहिए.’

शाह ने की जम्मू कश्मीर पुलिस की तारीफ 
उन्होंने उग्रवाद और आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के प्रयासों की सराहना की और निर्देश दिया कि प्रदेश सरकार को अपने पुलिसकर्मियों की शहादत पर उनके गांवों में उचित तरीके से याद करते हुए सम्मान देना चाहिए.

शाह ने बैठक में कहा, ‘प्रमुख सार्वजनिक स्थलों का नाम शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर होना चाहिए.’  गृह मंत्री ने एक जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की.’