सिद्धू के इस्तीफे कि मांग वाले पोस्टर अब लुधियाना में

पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अपने एक पुराने बयान को लेकर चर्चा में हैं. लुधियाना की दीवारों पर पोस्टर लगाकर पूछा गया है कि नवजोत सिंह सिद्धू कब राजनीति से संन्यास ले रहे हैं. सनद रहे पाकिस्तान से आने के बाद से सिद्धू स्वयं को मुख्य मंत्री अमरिंदर सिंह के समकक्ष मानने लग पड़े थे। यहाँ त कि उन्होने अमरिंदर सिंह को फौजी कप्तान बताया था, ओर अपना कप्तान रहल गांधी ही को माना था। राहुल गांधी ने भी लोक सभा चुनावों के प्रचार के दोरान सिद्ध द्वारा पंजाब के मुहया मंत्री कि अवहेलनाको नज़रअंदाज़ किया था। जिससे सिद्धू के बदबोलेपन को और बल मिला।

कैप्टन और सिद्धू के बीच खींचतान नयी नहीं है। यह उलझाव चुनावी रैलियों में और प्रखर हो कर आया, जब सिद्धू ने पंजाब में अपने गले कि बीमारी का बहाना बना कर कैप्टन साथ के साथ मंच सांझा करने में असमर्थता दिखाई और अगले ही दिन बिहार में रैलियों में ताबड़तोड़ भाषण दिये। कैप्टन ने पंजाब में कांग्रेस कि लाज बचा कर रहुल को संदेश दिया कि पंजाब के वही कप्तान हैं। यही बात सिद्ध को और भी अधिक अखर गयी। कैप्टन ने भी बदले कि कार्यवाही में सिद्ध का विभाग बादल दिया, अब रहल कैप्टन को कुछ भी नहीं कह पाये। सिद्ध ने अपना विभाग नहीं संभाला तो कैप्टन ने बिजली विभाग भी अपने मातहत रह लिया। आज कल सिद्धू दंपति दिखाई स्नाई नहीं पड़ रहे। शायद जल्दी ही कोई घोषणा हो।

नई दिल्ली : पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अपने एक पुराने बयान को लेकर चर्चा में हैं. लुधियाना की दीवारों पर पोस्टर लगाकर पूछा गया है कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) कब राजनीति से संन्यास ले रहे हैं. दरअसल, सिद्धू ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमेठी में कहा था कि इस सीट से राहुल गांधी (Rahul gandhi) कभी भी चुनाव हार ही नहीं सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. राहुल गांधी अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं. सिद्धू के इसी भाषण को आधार बनाकर पोस्टर लगाया गया है, जिसमें पूछा जा रहा है कि वह राजनीति से कब संन्यास ले रहे हैं.

अंग्रेजी और पंजाबी में लगाए गए पोस्टरों में लिखा है, ”तो आप राजनीति कब छोड़ रहे हैं…समय आ गया है अब आप बात रखें…हम आपके इस्तीफे की प्रतीक्षा कर रहे हैं’.  

यहां आपको बता दें कि राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 55 हजार 120 वोटों से हराया है. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को 408,651 वोट मिले थे जबकि बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी को 300,748 वोट मिले थे. तब कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री को 1,07,000 वोटों के अंतर से हराया था. राहुल गांधी अमेठी से लगातार तीन बार सांसद रहे. उन्होंने 2009 में यह सीट 3,50,000 से भी ज्यादा मतों से जीती थी. कांग्रेस अध्यक्ष यहां से पहली बार 2004 में चुन कर संसद पहुंचे थे.

मालूम हो कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और यहां के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तनातनी वाले रिश्ते बने हुए हैं. हाल ही में सीएम कैप्टन ने सिद्धू का मंत्रालय बदल दिया है. कई ऐसे मौके आए हैं जब अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बयान में अंतर देखा गया है

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