Tuesday, December 24

ममता की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रहीं अभी डाक्टरों की हड़ताल थमी भी नहीं थी कि टीएमसी के एक विधायक और 12 पार्षद भी अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो गए।

कोलकाता: लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी पश्चिम बंगाल की राजनीति में तेजी से अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रही है. लोकसभा चुनावों में उसने ममता बनर्जी की तमाम कोशिशों के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया. उसके बाद राज्य में बीजेपी और टीएमसी लगातार आमने सामने हैं. टीएमसी नेताओं का बीजेपी में आना लगातार जारी है. सोमवार को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को तब और तगड़ा झटका लगा जब उनके एक विधायक ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके साथ ही 12 पार्षद भी बीजेपी से जुड़ गए.

नौपारा से तृणमूल के विधायक सुनील सिंह सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गए. उनके साथ 12 काउंसिलिर भी बीजेपी के पाले में आ गए हैं. इस कार्यक्रम में बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल रॉय, बीजेपी सांसद दिलीप घोष मौजूद थे. इससे पहले ममता बनर्जी को तब झटका लगा था जब दार्जिलिंग नगर निगम में करीब डेढ़ दर्जन पार्षद पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद निगम मे बीजेपी की सरकार बन गई थी.

इससे पहले निकाय चुनाव में भाटपारा में नगर पालिका में बीजेपी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2014 के चुनावों में बीजेपी के पास सिर्फ 2 सांसद थे. पश्चिम बंगाल में दो साल बाद यानी 2021 में विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के पास अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है.

ममता बनर्जी ने 2011 में वामदलों के 30 साल के शासन को खत्म कर पश्चिम बंगाल की सत्ता पर कब्जा जमाया था. इसके बाद 2016 में वह राज्य की सत्ता पर फिर से जीतकर आई थीं. लेकिन बीजेपी के उभार के साथ ही उनकी जमीन सिकुड़ने लगी. ममता बनर्जी के कई बड़े नेता बीजेपी के साथ जुड़ चुके हैं. ऐसे में आने वाले चुनावों में बंगाल में एक दिलचस्प राजनीतिक लड़ाई देखने को मिल सकती है.