Wednesday, January 15

खट्टर सरकार के राज में जनता हुई बेहाल बिजली गुल-पानी गुल, हरियाणा हुआ खस्ताहाल

प्रदेश का दुर्भाग्य है कि आज भाजपा सरकार की संवेदनहीनता के कारण प्रदेश के लोग अपने रोजमर्रा के कामों को छोड़कर बिजली को लेकर आए दिन प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं। इस भीषण गर्मी में लोग बिन बिजली दुभर जीवन जी रहे हैं। केवल बिजली ही नहीं प्रदेश में पानी की कमी को लेकर भी लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन लोगों की समस्याओं से पुरी तरह बेख़बर व बेपरवाह भाजपा सरकार के लोग एसी कमरों में बैठ जानबूझकर प्रदेश के लोगों को इस भीषण गर्मी में झोंकने का काम कर रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण भाजपा सरकार द्वारा 6 बिजली कारख़ाने बंद कर प्रदेश को बिजली संकट में धकेलना है।

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भाजपा सरकार ने जानबूझकर प्रदेश को बिजली संकट में धकेला- हरियाणा में जनता बिजली की कमी से त्राहि-त्राहि कर रही है लेकिन सत्ता के घमण्ड में चूर भाजपा सरकार ने राज्य के 6 बिजली कारख़ाने बंद कर प्रदेश को बिजली संकट में धकेला हुआ है।

प्रदेश में बिजली आपूर्ति के शेड्यूल बिगड़ने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है – पूरे प्रदेश में जनता बिजली के अघोषित कटों से भारी तंग व परेशान है, लेकिन प्रदेश सरकार जनता के दुखों से पूरी तरह बेपरवाह है। प्रदेश के लगभग सभी शहरों और गावों में बिजली आपूर्ति के शेड्यूल बिगड़ने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है और जनता कई-कई घंटे तक बिजली कट झेलने पर मजबूर है। अघोषित बिजली कटों से पानी की सप्लाई बाधित हो रही है और लोगों की परेशानी दोगुनी हो रही है।

प्रदेश के अपने संसाधनों से कुल 4849.8 मेगावाट बिजली उत्पादन और हिस्से में से केवल 3128 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है- सच्चाई यह है कि राज्य में बिजली कि कोई कमी नहीं है और बिजली को लेकर जनता की परेशानियाँ के लिए केवल व केवल प्रदेश सरकार का कुप्रबंधन और नालायकी ज़िम्मेदार है। प्रदेश के अपने संसाधनों से कुल 4,849.8 मेगावाट बिजली उत्पादन और हिस्से में से केवल 3,128 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है, जो भाजपा सरकार की उदासीनता का मुंह बोलता उदाहरण है। यह राज्य की जनता के साथ सीधा धोखा है, जिसके लिए जनता इन्हे माफ़ नहीं करेगी।

भाजपा सरकार की साजिश के तहत कम हो रहा बिजली का उत्पादन- खट्टर सरकार ने पिछले पाँच साल में बिजली उत्पादन नहीं बढाया। अब गर्मी के मौसम में बिजली कि ज़रूरत बढ़ जाने के बावजूद प्रदेश के पानीपत स्थित 6 बिजली कारखाने बंद कर रखे हैं जिनकी क्षमता 830 मेगावाट है, इनमें से चार को “डैमेजड” बताकर और दो को सुचारू मानने के बावजूद ‘नो डिमांड’ बताकर बंद किया हुआ है। इसके अलावा खेदड में स्थापित बिजली संयंत्र में क्षमता से 400 मेगावाट यूनिट बिजली कम पैदा की जा रही है और यह बिजली उत्पादन भी केवल 15 दिन पहले शुरु किया गया है।