गंगा दशहरा 2019

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गंगा दशहरा का पर्व 12 जून 2019 यानी बुधवार के दिन मनाया जाएगा। गंगा दशहरा के दिन ही ईक्षवाकू वंश के राजा भागीरथ के प्रयास से मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थी। मां गंगा की इस दिन विधिवत पूजा का विधान है। ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि के दिन यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गंगा दशहरा के दिन दान और स्नान को अधिक महत्व दिया जाता है। अगर आप भी गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करना चाहते हैं और आपको गंगा की पृथ्वी पर उत्पत्ति, गंगा जल के फायदे और गंगा दशहरा पर स्नान के महत्व के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं गंगा जल के फायदे और गंगा दशहरा पर स्नान के महत्व के बारे में…

गंगा का भूलोक पर उतरना

  • राजा दशरथ के पूर्वजों में राजा सगर हुए थे। सगर के पिता का नाम असित था। वे अत्यंत पराक्रमी थे। हैहय, तालजंघ, शूर और शशबिन्दु नामक राजा उनके शत्रु थे। उनसे युद्ध करते-करते राज्य त्यागकर उन्हें अपनी दो पत्नियों के साथ हिमालय भाग जाना पड़ा। वहां कुछ काल बाद उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी दोनों पत्नियां गर्भवती थीं। उनमें से एक का नाम कालिंदी था। कालिंदी की संतान नष्ट करने के लिए उसकी सौत ने उसको विष दे दिया। कालिंदी अपनी संतान की रक्षा के निमित्त भृगुवंशी महर्षि च्यवन के पास गयी। महर्षि ने उसे आश्वासन दिया कि उसकी कोख से एक प्रतापी बालक विष के साथ (स+गर) जन्म लेगा। अत: उसके पुत्र का नाम सगर पड़ा।
  • सगर अयोध्या नगरी के राजा हुए। वे संतान प्राप्त करने के इच्छुक थे। उनकी सबसे बड़ी रानी विदर्भ नरेश की पुत्री केशिनी थी। दूसरी रानी का नाम सुमति था। दोनों रानियों के साथ राजा सगर ने हिमवान के प्रस्त्रवण गिरि पर तप किया। प्रसन्न होकर भृगु मुनि ने उन्हें वरदान दिया कि एक रानी को वंश चलाने वाले एक पुत्र की प्राप्ति होगी और दूसरी के साठ हज़ार वीर उत्साही पुत्र होंगे। बड़ी रानी के एक पुत्र और छोटी ने साठ हज़ार पुत्रों की कामना की। केशिनी का असमंजस नामक एक पुत्र हुआ और सुमति के गर्भ से एक तूंबा निकला जिसके फटने पर साठ हज़ार पुत्रों का जन्म हुआ। असमंजस बहुत दुष्ट प्रकृति का था। अयोध्या के बच्चों को सताकर प्रसन्न होता था। सगर ने उसे अपने देश से निकाल दिया। कालांतर में उसका पुत्र हुआ, जिसका नाम अंशुमान था। वह वीर, मधुरभाषी और पराक्रमी था।
  • राजा सगर ने विंध्य और हिमालय के मध्य यज्ञ किया। सगर के पौत्र अंशुमान यज्ञ के घोड़े की रक्षा कर रहे थे। जब अश्ववध का समय आया तो इन्द्र राक्षस का रूप धारण कर घोड़ा चुरा ले गये। सगर ने अपने साठ हज़ार पुत्रों को आज्ञा दी कि वे पृथ्वी खोद-खोदकर घोड़े को ढूंढ़ लायें। जब तक वे नहीं लौटेंगे, सगर और अंशुमान दीक्षा लिये यज्ञशाला में ही रहेंगे। सगर-पुत्रों ने पृथ्वी को बुरी तरह खोद डाला तथा जंतुओं का भी नाश किया। देवतागण ब्रह्मा के पास पहुंचे और बताया कि पृथ्वी और जीव-जंतु कैसे चिल्ला रहे हैं। ब्रह्मा ने कहा कि पृथ्वी विष्णु भगवान की स्त्री हैं वे ही कपिल मुनि का रूप धारण कर पृथ्वी की रक्षा करेंगे। सगर-पुत्र निराश होकर पिता के पास पहुंचे। पिता ने रुष्ट होकर उन्हें फिर से अश्व खोजने के लिए भेजा। हज़ार योजन खोदकर उन्होंने पृथ्वी धारण करने वाले विरूपाक्ष नामक दिग्गज को देखा। उसका सम्मान कर फिर वे आगे बढ़े। दक्षिण में महापद्म, उत्तर में श्वेतवर्ण भद्र दिग्गज तथा पश्चिम में सोमनस नामक दिग्गज को देखा। तदुपरांत उन्होंने कपिल मुनि को देखा तथा थोड़ी दूरी पर अश्व को चरते हुए पाया। उन्होंने कपिल मुनि का निरादर किया, फलस्वरूप मुनि के शाप से वे सब भस्म हो गये। बहुत दिनों तक पुत्रों को लौटता न देख राजा सगर ने अंशुमान को अश्व ढूंढ़ने के लिए भेजा। वे ढूंढ़ने-ढूंढ़ते अश्व के पास पहुंचे जहां सब चाचाओं की भस्म का स्तूप पड़ा था। जलदान के लिए आसपास कोई जलाशय भी नहीं मिला। तभी पक्षीराज गरुड़ उड़ते हुए वहां पहुंचे और कहा कि ‘ये सब कपिल मुनि के शाप से हुआ है, अत: साधारण जलदान से कुछ न होगा। गंगा का तर्पण करना होगा। इस समय तुम अश्व लेकर जाओ और पिता का यज्ञ पूर्ण करो।’ उन्होंने ऐसा ही किया।
  • सगर के बाद उनके पौत्र अंशुमान राजा हुए थे। अंशुमान अपने पुत्र दिलीप को राज्य-भार सौंप कर गंगा को पृथ्वी पर लाने की चिंता में ग्रस्त थे। उन्होंने घोर तपस्या करते हुए शरीर त्याग किया। राजा दिलीप गंगा को पृथ्वी पर लाने का कोई मार्ग नहीं सोच पाये और बीमार होकर स्वर्ग सिधार गये।
  • भगीरथ पुत्रहीन थे। उन्होंने राज्यभार अपने मन्त्रियों को सौंपा और स्वयं गोकर्ण तीर्थ में जाकर घोर तपस्या करने लगे। ब्रह्मा के प्रसन्न होने पर उन्होंने दो वर माँगे—एक तो यह कि गंगा जल चढ़ाकर भस्मीभूत पितरों को स्वर्ग प्राप्त करवा पायें और दूसरा यह कि उनको कुल की सुरक्षा करने वाला पुत्र प्राप्त हो। ब्रह्मा ने उन्हें दोनों वर दिये, साथ ही यह भी कहा कि गंगा का वेग इतना अधिक है कि पृथ्वी उसे संभाल नहीं सकती। शंकर भगवान की सहायता लेनी होगी। ब्रह्मा के देवताओं सहित चले जाने के उपरान्त भगीरथ ने पैर के अंगूठों पर खड़े होकर एक वर्ष तक तपस्या की। शंकर ने प्रसन्न होकर गंगा को अपने मस्तक पर धारण किया। गंगा को अपने वेग पर अभिमान था। उन्होंने सोचा था कि उनके वेग से शिव पाताल में पहुँच जायेंगे। शिव ने यह जानकर उन्हें अपनी जटाओं में ऐसे समा लिया कि उन्हें वर्षों तक शिव-जटाओं से निकलने का मार्ग नहीं मिला।
  • भगीरथ ने फिर से तपस्या की। शिव ने प्रसन्न होकर उसे बिंदुसर की ओर छोड़ा। वे सात धाराओं के रूप में प्रवाहित हुईं। ह्लादिनी, पावनी और नलिनी पूर्व दिशा की ओर; सुचक्षु, सीता और महानदी सिंधु पश्चिम की ओर बढ़ी। सातवीं धारा राजा भगीरथ की अनुगामिनी हुई। राजा भगीरथ गंगा में स्नान करके पवित्र हुए और अपने दिव्य रथ पर चढ़कर चल दिये। गंगा उनके पीछे-पीछे चलीं। मार्ग में अभिमानिनी गंगा के जल से जह्नुमुनि की यज्ञशाला बह गयी। क्रुद्ध होकर मुनि ने सम्पूर्ण गंगा जल पी लिया। इस पर चिंतित समस्त देवताओं ने जह्नुमुनि का पूजन किया तथा गंगा को उनकी पुत्री कहकर क्षमा-याचना की। जह्नु ने कानों के मार्ग से गंगा को बाहर निकाला। तभी से गंगा जह्नुसुता जान्हवी भी कहलाने लगीं। भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर गंगा समुद्र तक पहुँच गयीं। भगीरथ उन्हें रसातल ले गये तथा पितरों की भस्म को गंगा से सिंचित कर उन्हें पाप-मुक्त कर दिया। ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर कहा—“हे भगीरथ, जब तक समुद्र रहेगा, तुम्हारे पितर देववत माने जायेंगे तथा गंगा तुम्हारी पुत्री कहलाकर भागीरथी नाम से विख्यात होगी। साथ ही वह तीन धाराओं में प्रवाहित होगी, इसलिए त्रिपथगा कहलायेगी।’’

गंगा जल के फायदे

1.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा जल के स्पर्श मात्र से ही किसी भी चीज का शुद्धिकरण हो जाता है।
2.गंगा जल कई प्रकार की औषोधियों में भी प्रयोग होता है।
3.शास्त्रों के अनुसार अगर किसी मरते हुए व्यक्ति के गंगा की बूंदे डालने से उसके सभी पाप धूल जाते हैं।
4. गंगा जल का विशेष गुण है। उसका कभी न खराब होना । गंगा जल सालों तक खराब नहीं होता
5.शास्त्रों के अनुसार पूजा में गंगा जल का विशेष प्रयोग किया जाता है।

गंगा दशहरा पर स्नान महत्व

गंगा दशहरा पर स्नान को विशेष महत्व दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पवित्र गंगा जी में डुबकी लगाने से मनुष्य अपने जीवन के सभी पाप और कष्ट से मुक्त हो जाता है। इसके अलावा गंगा दशहरा अगर आपको कोई ऐसा रोग है जो ठीक न हो और वह गंगा दशहरा के दिन कोई रोगी गंगा नदी में स्नान कर लेता है तो उसे उस रोग से मुक्ति मिल जाती है।

गंगा दशहरा पर किया गया स्नान मनुष्य के जन्म – जन्मांतर के पाप को धो देता है। माना जाता है अगर आप गंगा दशहरा के दिन किसी तीर्थ पर जाते हैं तो आपको इस दिन भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होगी।शास्त्रों में एक और चीज वर्णित है कि अगर आप गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते तो अपने नहाने के पानी में इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।

इस दिन किया गया स्नान मनुष्य के जन्मों के पाप को धो देता है। इस दिन अगर आप किसी तीर्थ पर भी जाते हैं तो आपको इसका लाभ अवश्य मिलेगा और अगर आप गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते तो अपने नहाने के पानी में इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।

भाजपा को वोट दिया है तो भाजपा से बिजली मांगो: congress

कमाल नाथ के चलते प्रदेश के हालात यह हो गए हैं कि लोग सोच रहे हैं कि काश एक बार फिर चुनाव हो जाएँ तो काँग्रेस का सूपड़ा ही साफ कर दें। ऐसी स्थिति मध्य प्रदेश में क्यों बन रही है? मध्य प्रदेश में गहराते बिजली संकट में ग्रामीणों को पड़ रही है दोहरी मार। वोट मिलने के लालच में कॉंग्रेस नेताओं ने इलाके में ट्रान्स्फ़ोर्मर लगवा बिजली चालू करवा दी लेकिन ज्यों ही हार का सामना करना पड़ा ट्रान्स्फ़ोर्मर हटवा दिये गए। गाँव वालों से ताकीद की गयी की भाजपा के वोट दिया है तो बिजली भी उनही से मांगो। यह है ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति।

मध्यप्रदेश के गुना के शिवपुरी लोकसभा एवं कोलारस विधानसभा के कंचनपुरा पोलिंग से हैरान कर देनी वाली न्यूज आ रही है। वोट मांगने के लिए पहले ट्रांसफार्मर लगाए, जनता को लुभाने के लिए, अब चुनाव हो जाने पर वोट न मिलने पर आदिवासी बस्ती में जो ट्रांसफार्मर लगवाये लगाए, वो अब रातो रात उखाड़ लिये गये है।

कांग्रेस नेता को वोट न मिलने पर आक्रोश में आकर आदिवासियों के ट्रान्सफमर ही उखाड़ लिए। जिससे आदिवासियों को बहुत मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताविक बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेता बिजली कंपनी के कर्मचारियों को लेकर आए और जो ट्रांसफार्मर लगैए थे, वो सब उखाड़ कर ले गए।

कांग्रेस नेता का कहना था कि तुम लोगों ने बीजेपी को मतदान दिया है। अब ट्रांसफार्मर भी बीजेपी बोलो लगवाने। आक्रोश में आये ग्रामीणों ने नेताओं पर हमला कर दिया। जिससे कांग्रेस नेता अपनी जीप और बाइक छोड़कर वहाँ से भाग निकले। eknumbernews.com की खबर के अनुसार कहा जा रहा है कि 250 आदिवासी परिवारों की इस बस्ती में विधानसभा चुनाव से पहले आचार संहिता लागू हो जाने के बाद ट्रांसफार्मर लगवाये गये थे।

आदिवासियों ने कोलारस विधानसभा के काँग्रेस उमीदवार एवं विधायक महेंद्र यादव से ट्रांसफार्मर लगवाने की मांग की थी। जो उन्होंने पूरी की थी। आचार संहित लागू होने के के बाद भी कांग्रेस नेता ने आदिवासी जगह पर ट्रांसफार्मर लगवा दिये थे। जिससे आदिवासियों के मन मे खुशी की लहर उठ गई थी।

इसके बाद इस आदिवासी पोलिंग से महेंद्र सिंह यादव को बंपर जीत मिली थी।  लोकसभा चुनाव में भी कंचनपुर पोलिंग से कांग्रेस यानी आदिवासी बस्ती ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मतदान नहीं दिया। इसी बजह से कांग्रेसी नेताओं ने वहाँ जाकर ट्रांसफार्मर निकलवा दिये।

सूत्रों के मुताविक कोलारस के पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव के कार्यकर्ता बिजली कंपनी के कर्मचारियों को लेकर ट्रांसफार्मर निकलवाने आए थे। आदिवासियों ने सरकारी कर्मचारियों से तो कुछ भी नहीं कहा। किंतु जब नेताओं ने वहाँ आकर अपशव्द बातें करने प्रारंभ कर दी तो आदिवासियों ने उन्हे चारो ओर से पकड़ लिया। खवरो के अनुसार वहाँ मौजूद कांग्रेस नेता अपनी जीप, बाइक और चप्पलें छोड़कर भाग निकले।

बिहार को एनडीए ने नहीं दिया उसका हक़ : संजय सिंह

एक पुरानी कहावत है की शादीशुदा लोगों की हर तकलीफ का इलाज कुंवारों के पास है। ठीक उसी तरह राजनैतिक शुचिता, गठबंधन धर्म, राजनैतिक सत्यनिष्ठा इत्यादि सभी के उपाय आम आदमी पार्टी के पास हैं। लोक सभा में बड़े बड़े दावे करने के बावजूद बुरी तरह हारने के बाद अब उनका दावा है कि वह विधान सभा में भाजपा काँग्रेस को हरा देंगे.

पटना: आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग जोर न पकड़ सके इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में ‘सम्मानजनक’ प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया.

पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए करते हुए आम आदमी पार्टी के बिहार प्रभारी संजय सिंह ने आरोप लगाया कि ऐसा हो सकता है राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग गति प्राप्त करने से रोकने के लिए जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया.

‘आप’ के राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा ‘‘मेरी पार्टी का नीतीश कुमार के साथ वैचारिक मतभेद है, फिर भी जदयू को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए था.’’ 

उन्होंने आरोप लगाया, “हम मानते हैं कि भाजपा राष्ट्रवाद के बारे में बोलती है लेकिन गुजरातवाद का अभ्यास करती है. प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) उस राज्य से हैं और इसलिए अंबानी और अडानी उनके पसंदीदा उद्योगपति हैं.’’ 

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करने वाली ‘आप’ अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सत्ता में लौटेगी.

आज का पांचांग

पंचांग 12 जून 2019

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः ज्येष्ठ़, 

पक्षःशुक्ल पक्ष, 

तिथिः दशमी सांय 06.27 तक, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रःहस्त प्रातः 11.51 तक है, 

योगः वरीयान रात्रि 03.38 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः वृष, 

चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालःदोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.27, 

सूर्यास्तः 07.15 बजे।

नोटः आज श्रीगंगा दशहरा पर्व है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।