Saturday, December 21

केंद्र में भाजपा नीत एनडीए की सरकार को वापीसी के साथ ही गांधी-वाड्रा परिवारों में भय व्याप्त हो गया है। जहां एक ओर राहुल गांधी इस्तीफा इस्तीफा खेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर वाड्रा भी कानूनी दांवपेच चला कर खुद को देश से बाहर ले जाना चाहते हैं, 23 तारीख के बाद अचानक ही अपनी बड़ी आंत की परेशानी का पता चला है। हैरानी ई बात है की जब भारत विश्व में हैल्थ हब बना हुआ है, विदेशों से लोग भारत में इलाज करवाने आते हैं तो गांधी वाड्रा परिवारों को विदेश में इलाज करवाने की क्या सूझती है। आज सुबह ही ईडी द्वारा एजेएल की सम्पत्तियों के अधिग्रहण की खबर आई है तभी से काँग्रेस में बहुत बेचैनी है।

भारत में बड़े बड़े राजनेता भी सरकारी हस्पताल aiims इत्यादि में इलाज करवाते हैं इस परिवार के लोग अमेरिका स्वीडन एतयादी के हस्पतालों का रुख़ करते हैं। ईडी ने वाड्रा के विदेश प्रवास पर आपत्ति उठाई है लेकिन उन्हे एस नहीं करना चाहिए, वाड्रा को विदेश जाने देना चाहिए बस जमानत पर वह सभी खाते और संपत्तियाँ ले लेनी चाहिए और वहाँ से दिन प्रतिदिन की मेडिकल रिपोर्ट मंगानी चाहिए।

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा की दिल्ली की एक अदालत में दायर उस अर्जी का बुधवार को विरोध किया जिसमें उन्होंने विदेश यात्रा की अनुमति मांगी है. 

वाड्रा ने दिया था स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला

वाड्रा ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए ब्रिटेन और दो अन्य देशों की यात्रा की अनुमति मांगी है. वाड्रा ने अदालत के समक्ष अपने चिकित्सकीय रिकार्ड भी रखे हैं ताकि प्रवर्तन निदेशालय उनकी पुष्टि कर सके.

क्या है पूरा मामला?

धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक मामले की जांच का सामना कर रहे वाड्रा को एक अप्रैल को निर्देश दिया गया था कि वे उस अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएं जिसने उन्हें कई शर्तों के साथ अग्रिम जमानत प्रदान की थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर में 19 लाख पाउंड कीमत की एक सम्पत्ति खरीद मामले में धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे हैं.