छोटी छोटी गलतियाँ बहुत बार बड़े गुनाहों से ज़्यादा नुकसानदेह हो सकती हैं। आए दिन अपनी लापरवाही के चलते खबरों में रहने वाली चंडीगढ़ पुलिस अक्सर यह साबित करती रहती है कि वह अपने काम मे कितनी संजीदा और सक्षम है। हाल ही में www.demokraticfront.com की नज़र में चण्डीगढ़ पुलिस के सूचना विभाग और डी॰ एस॰ पी॰ ( सेंट्रल) के कार्यालय से हुई एक मामूली सी मानी जाने वाली कोताही। इसे चण्डीगढ़ पुलिस की लापरवाही कहें या कि सोची समझी कारगुज़ारी एक तरफ तो इस शिकायत का निपटारा कर दिया गया दूसरी ओर सूचना अधिकारी की ओर से डी एस पी को लिखे पत्र में कहा गया है कि जो भी उनके कार्यलय से जानकारी दी गई है वह सही नहीं है
सूत्रों के अनुसार महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर रंजीता मेहता जो कि पंचकूला के सैक्टर 16 में रहती हैं ने पिछले दिनों चंडीगढ़ पुलिस से आर टी आई एक्ट 2005 के तहत शिकायत सँख्या pw 201806229 dt 23/04/19 की सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन किया था जिसका जवाब सम्बन्धित विभाग द्वारा दिया तो गया परन्तु गलत नाम के साथ गलत पते पर जो कि डाक विभाग द्वारा चंडीगढ़ पुलिस को वापिस भेज दी गई। पहला पत्राचार 13 मई 2019 और…
यह शिकायत रंजीता मेहता और उनके पति अभि मेहता ने पंचकूला के ही सेक्टर 16 निवासी एस के वोहरा के खिलाफ 23 अप्रैल 2018 को दी थी जिसमें उन्होंने वोहरा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

पुलिस हेड क्वार्टर के अनुसार उक्त शिकायत का अभी निस्तारण नहीं हुआ जबकि डी एस पी ने इसका 30 अक्टूबर 2018 को अपनी ओर निपटा कर फ़ाइल एस एम पी को भेज दी थी वहाँ भी इस शिकायत का निपटारा 1 नवम्बर 2018 को कर दिया गया था ।
चंडीगढ़ पुलिस की इसे लापरवाही कहें या किसी तरह से मामले में कोई बदलाव करने की कोशिश ये तो वही जाने लेकिन एक ही मामले में शिकायत संख्या की गलती , सूचना अधिकार के तहत सूचना के आवेदनकर्ता के नाम और पते की गलती कोई सही सन्देश नहीं देता
आपको बता दें कि वोहरा ने भी रंजीता और अभी मेहता के खिलाफ एस एस पी को शिकायत दी है जो कि अभी सेक्टर 3 के पुलिस स्टेशन और पुलिस कंप्लेंट ऑथॉरिटी के पास लम्बित है।
सूचना मुहैय्या करवाते समय पुलिस ने यह भी नहीं सोचा कि शिकायतकर्ता या दूसरे व्यक्ति जिसके विरुद्ध शिकायत है पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसी मामले में पुलिस जांच में हुई और कमियों की जल्दी ही www.demokraticfront.com रिपोर्ट देगा