पंचकूला, 22 मई:
जिला विधिक सेवा प्राधिरण द्वारा आज एडीआर सेंटर न्यायिक परिसर पंचकूला में मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। विधिक सेवा प्राधिरण के पैनल के अधिवक्ताओं के लिये आयोजित यह कार्यशाला पंजाव एवं हरियाणा उच्च न्यायलय हरियाणा द्वारा मानव तस्करी रोकने के लिये मानवता बिक्री के लिये नहीं है परियोजना के तहत की गई।
मुख्य न्याय दंडाधिकारी विवेक गोयल ने इस मौके पर बताया कि इस परियोजना के तहत मानव तस्करी और वााणिज्यिक यौन शोषण के पीडितों को कानूनी सहायता, सरंक्षण तथा पूनवार्स के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि योजना का मुख्य उदेश्य समाज से ऐसे बुरे तत्वों को हटाना है जो महिलाओं और बच्चों की तस्करी की गतिविधियों में शामिल है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इसके लिये अपने स्तर पर अन्य विभागों का सहयोग भी ले सकते है ताकि इस परियोजना को प्रभावी और सार्थक रूप से जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके ।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के माघ्यम से विदेशों से लडकियों का आयात,नाबलिग लडकियों की प्रकिया,वेश्यावृति के लिये नाबालिगों की खरीद,बिक्री व आवागमन जैसी गतिविधियों से जुडे कानूनी मुददों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिये सरकारी तंत्र में उपलब्ध सुविधाओं व योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि मई मास के दौरान 27 मई से 31 मई तक जीतपुरा, बरवाला, बरोनाखुर्द, टिब्बी माजरा, बरसौला, भोज थारटी, इंदिरा कलोनी और खरक मंगोली गांवों में ये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को मानव तस्करी रोकने और बाल यौन उत्पीड़न की समस्या से निपटने के कानूनी प्रावधानों व इस समस्या से पीड़ितों के पुर्नवास की योजनाओं की जानकारी दी जायेगी।