लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम से पहले कुछ Exit Poll ने बीजेपी को आगे दिखाया है तो कुछ ने दावा किया है कि एनडीए पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगा. यूपीए और एनडीए की इस दौड़ में उन दलों पर सबसे ज्यादा नजरें रहेंगीं, जिन्होंने अब तक एनडीए और यूपीए दोनों से दूरी बना रखी है. उन्होंने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं. एनडीए को इन दलों से उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि इन दलों ने अभी तक की संप्रग की सारी कोशिशों को ठेंगा दिखा दिया है।
- नवीन पटनायक की तारीफ खुद पीएम मोदी कर चुके हैं.
- जगन उस खेमे हिस्सा नहीं बनेंगे, जहां चंद्रबाबू नायडू होंगे.
- केसीआर की महत्वाकांक्षा केंद्र में बड़ी भूमिका निभाने की है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम घोषित होने ही वाले हैं. उससे पहले आए Exit Poll ने सभी दलों की धड़कनों को बढ़ा दिया है. हालांकि कुछ Exit Poll ने बीजेपी को आगे दिखाया है तो कुछ ऐसे भी पोल हैं, जिसमें दावा है कि बीजेपी नीत एनडीए पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगा. ऐसे में यूपीए ने भी सरकार बनाने के लिए कमर कसकर तैयारी शुरू कर दी है. यूपीए और एनडीए की इस दौड़ में उन दलों पर सबसे ज्यादा नजरें रहेंगीं, जिन्होंने अब तक एनडीए और यूपीए दोनों से दूरी बना रखी है. उन्होंने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं.
बीजेपी के लिहाज से ये दल इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि इन्होंने यूपीए की ओर से की गई कोशिशों को ठेंगा दिखा दिया है. इन्होंने यूपीए को कोई भी आश्वासन नहीं दिया है. यहां तक कि एक दल ने तो यूपीए नेताओं से बात भी नहीं की है. हम बात कर रहे हैं, ओडिशा में बीजेडी के नेता नवीन पटनायक, वाइएस कांग्रेस के नेता जगन रेड्डी और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की.
नवीन पटनायक एनडीए को पहले ही संकेत दे चुके हैं
सबसे पहले बात नवीन पटनायक की. ओडिशा की राजनीति के शिखर नेता. पिछले 2 दशक से वह राज्य की सत्ता में सबसे ऊपर की कुर्सी पर विराजमान हैं. इतने दिनों में उन्हें चुनौती देने वाला कोई भी नेता सामने नहीं आया है. उन्होंने वर्ष 2000 में सीएम की कुर्सी संभाली थी. इस बार के चुनावों में उन्हें बीजेपी ने चुनौती दी है. हालांकि अब भी उन्हें ज्यादातर Exit Poll 10 से 15 सीटें देते हुए दिख रहे हैं. नवीन पटनायक ने एनडीए को समर्थन का संकेत दे दिया है. उन्होंने कहा जो सरकार हमारे हितों का ध्यान रखेगा हम उसके साथ जाने के लिए तैयार हैं.
अब बात आंध्र प्रदेश में तेजी से लोकप्रिय हुए पूर्व मुख्यमंत्री वाइ एस राजशेखर रेड्डी के बेटे जगन मोहन की. वह भी एनडीए को समर्थन दे सकते हैं. यूपीए की ओर से जब शरद पवार ने उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने पवार का फोन ही नहीं उठाया. ऐसे में बीजेपी को जगन से समर्थन मिलने का पूरा भरोसा है.
यूपीए ने TRS से संपर्क किया, लेकिन नहीं मिला कोई भरोसा
यूं तो केसीआर खुलकर कह चुके हैं कि वह न तो कांग्रेस के साथ जाएंगे, न ही बीजेपी के साथ. लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने यूपीए को यह कहते हुए झटका दे दिया है कि उन्हें लगता है कि केंद्र में एनडीए की ही सरकार बनेगी. यूपीए ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव को त्रिशंकु संसद बनने की सूरत में सरकार गठन के लिये अपने साथ लाने के लिये उनसे संपर्क किया है.
टीआरएस ने कहा-एनडीए की ही सरकार बनेगी
टीआरएस के सूत्रों ने कहा कि संप्रग ने महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और राकांपा प्रमुख शरद पवार के जरिये राव से संपर्क किया है. हालांकि इस पर राव की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को लगता है कि राजग की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि यह (राजग) हो सकता है कि एग्जिट पोल की भविष्यवाणी के करीब न हो. इसमें कुछ सीटें कम हो सकती हैं, लेकिन यह सरकार बनाएगा. लोगों का मूड राजग की ओर है। हमें यह स्वीकार करना चाहिये.”