अभ हाल ही में कांग्रेस नेता रौशन बेग ने मीडिया को संबोधित करते हुए यहां कहा, ‘‘यदि राजग सरकार में लौटता है तो मैं विनम्रता से मुस्लिम भाइयों से अनुरोध करता हूं कि वे परिस्थिति से समझौता करें.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब मुसलमानों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लेना चाहिये, बेग ने कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो जरूर. कांग्रेस ने राज्य में सिर्फ एक मुसलमान को टिकट दिया है.
नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस के नेता और विधायक रोशन बेग पार्टी द्वारा नोटिस दिए जाने पर एक बार फिर से भड़क गए. रोशन बेग ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुझे कारण बताओ नोटिस भेजा है. लेकिन, मैं इसे पढ़ने की भी जहमत नहीं उठाऊंगा क्योंकि मुझे पता है कि ये आदेश उन लोगों द्वारा ही दिया गया है, जिनकी अक्षमताओं को मैंने बताया था. दरअसल, रोशन बेग ने मंगलवार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव, पूर्व सीएम सिद्धारमैया और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल पर गंभीर आरोप लगाए थे.
रोशन बेग के बयान के बाद कांग्रेस महासचिव वेंकटराव वाई घोरपड़े ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता रोशन बेग के पार्टी छोड़ने को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं. उन्होंने सोमवार को कांग्रेस पर मुस्लिमों को नजरअंदाज करने आरोप भी लगाया था. उन्होंने कहा था, ‘कर्नाटक में कांग्रेस ने ईसाइयों को एक भी सीट नहीं दी, मुस्लिमों को सिर्फ एक सीट पर टिकट दिया गया. उनको नजरअंदाज किया गया है. मैं इस सबको लेकर परेशान हूं. हमारा इस्तेमाल किया गया है.’ बेग से जब यह पूछा गया था कि क्या आने वाले कुछ दिनों में आप कांग्रेस छोड़ सकते हैं? तो उनका कहना था कि अगर आवश्यक हुआ तो जरूर ऐसा होगा.
अब उनकी व्यथा का विश्लेषण करते हैं, बेग अपनी पार्टी यानि कांग्रेस के बड़े नेता और मुस्लिम चेहरा हैं। बार बार पिछले 55 सालों का हिसाब मांग रहे लोगों की आवाज़ सुन उन्हे झटका लगा, दीख पड़ा की म्सलमान पिछले 70 सालों से मात्र एक “वोट बैंक” बन कर रह गया है। उन्हे कभी सांप्रदायिक ताकतों का डर दिखाया जाता है तो कभी खुद उन पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा दिया जाता है। आज़ादी के बाद ही से कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति के चलते उनका इस्तेमाल तो बहुत किया लेकिन उन्हे उनके हक कभी न दिए। आज हिंदुस्तान की सबसे तेज़ बढ़ती आबादी यदि है तो वह मुसलमानों की है। और दलितों के बाद यदि कोई पिछड़ा वर्ग है तो वह भी मुसलमानों का है। कांग्रेस ने हमेशा भाजपा का डर दिखाया जो पिछले 5 सालों में खत्म तो नहीं हुआ हाँ कम ज़रूर हो गया है। अब बेग साहब कहते हैं की कांग्रेस के साथ जुड़े रह कर धोखा खाने से बेहतर उस कमल को थाम लो जो मुसलमानों के साथ तुष्टीकरण की नीति नहीं अपनाता, जब बैंक खाते खुलते हैं तो वह जात पात देख कर नहीं खुलते, जनधन योजना सिर्फ कुछ हिंदुओं तक सीमित नहीं है उसी तरह भाजपा झूठी उम्मीद भी नहीं बँधाती।
रविवार को एग्जिट पोल के आंकड़ों में कांग्रेस को झटका लगने के बाद रोशन बेग ने सोमवार को ही कांग्रेस छोड़ने संबंधी बात का हवा दी थी. उन्होंने मुस्लिमों से अपील की थी अगर एनडीए सत्ता में वापस आता है तो हालातों से समझौता कर लें. ऐसे हालात में मुस्लिम बीजेपी और एनडीए से हाथ मिला लें. हम किसी एक पार्टी के लिए वफादार नहीं रह सकते.