शिक्षको , मुख्याध्यापक और प्रबंधन की राजनीति के परवान चढ़ती शिक्षा का जीता जागता उदाहरण देखने को मिला आज जैनेन्द्र पब्लिक स्कूल में जहाँ शिक्षिकाएं और विद्यार्थी स्कूल के प्रवेश द्वार पर सुबह से हंगामा कर रहे थे। इस प्रदर्शन का कारण बताया जा रहा है कि सुबह कुछ शिक्षिकाओं को स्कूल में प्रवेश करने से रोका गया उनका साथ कुछ विद्यार्थियों ने भी दिया और मुख्याध्यापिका रेनु शर्मा के खिलाफ जमकर रोष जताया।
शिक्षिका सौम्या बजाज जो की इस प्रदर्शन की नेत्री हैं ने कहा कि मुख्याध्यापिका रेनु शर्मा को प्रबन्धन को गलत सूचनाएं पहुंचा कर भ्रमित कर रही हैं । इस वर्ष स्टाफ की वेतनवृद्धि न होना इस रोष प्रदर्शन का मुख्य कारण है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कम शिक्षित अध्यापक नौकरी पर रखे गए हैं। वह कुछ विशेष शिक्षको के खिलाफ यदा कदा कार्यवाही करके अपनी शक्तियों का अनुचित प्रयोग कर रही हैं।
उपस्थित छात्रों जिनमे स्कूल से पास हो चुके छात्र भी थे ने बताया कि पानी और साफ शौचालय जैसी कमियाँ स्कूल में आम हैं।
स्कूल के बाहर भारी पुलिस सुरक्षादल भी प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में स्वयं को असक्षम पा रहा था इसका कारण है प्रदर्शन करने वालों में आगे बच्चे थे और शिक्षक पीछे। ऐसा भी हो सकता है इस दौरान अपनी माँगो और रोष के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया गया हो ।
स्थिति को नियंत्रित करने और शिक्षिकाओ से बात करने के लिए एस डी एम सेतिया स्वयं मौके पर आए और बच्चों के अभिभावक भी अपने बच्चों को लेने स्कूल पहुंच गए ।
इन आरोपों को लेकर जब रेणु शर्मा से बात की गई तो उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि स्कूल के अनुशासन को देखते हुए इन अधियापिकाओ को अंदर आने से रोका गया क्योंकि गत दिवस कल घोषित दसवीं का परिणाम लेने आने वाले छात्रों का इस्तेमाल कर के स्कूल से बच्चों को कक्षाओं से जबरन बाहर निकाल कर एक तरह से हड़ताल का माहौल बनाया गया जो कि गलत है अपनी मांगों को लेकर छात्रों का प्रयोग करना गलत है।
प्रबन्ध समिति अध्यक्ष तरुण जैन बावा जो कि लुधियाना में रहते हैं से फोन पर सम्पर्क करने की परन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया।