आज दो बातें साफ हो गईं एक, सिद्धू है तो रार है। दूसरे, अमृतसर में दशहरा मेला हत्याकांड में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से डॉ॰ सिद्धू का दोष है, ऐसा डॉ॰ सिद्धू के अनुसार कांग्रेस मानती है। सिद्धू को भाजपा में रहते भाजपा से रार थी, अमृतसर सीट से जेटली को हरवाने के बावजूद भाजपा ने सिद्ध को राज्यसभा में ससम्मान बिठाया परंतु सिद्धू की आँखों में पंजाब का मुख्यमंत्री पद तैर रहा था। अब वह पंजाब में मंत्रिपद संभाले हुए हैं परंतु सीएम की कुर्सी पर बैठे कैप्टन उनकी “चोखेर बाली” (आँख की किरकिरी) बने हे हैं। उधर ममता मोदी को प्रधानमंत्री नहीं मानती इधर सिद्ध कैप्टन को मुख्यमंत्री। उन्होने कहा भी था ’राहुल गांधी सबसे बड़े कैप्टन हैं‘
चंडीगढ़: नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कुछ दिन पहले दिए गए बयान का गुरुवार को यह कहते हुए समर्थन किया कि वह ‘‘कभी झूठ नहीं बोलेंगी.” नवजोत कौर सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी पर अमृतसर से लोकसभा टिकट नहीं दिए जाने का आरोप लगा कर विवाद खड़ा कर दिया था. पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से जब उनकी पत्नी के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी नैतिक रूप से इतनी मजबूत हैं कि वह कभी झूठ नहीं बोलेंगी. यही मेरा जवाब है.”
कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने 14 मई को आरोप लगाया था कि अमरिंदर सिंह एवं पार्टी के पंजाब मामलों की प्रभारी आशा कुमारी ने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें अमृतसर संसदीय क्षेत्र से टिकट न मिले. चंडीगढ़ लोकसभा सीट से भी टिकट चाह रहीं कौर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने दावा किया है वह अपने दम पर कांग्रेस को राज्य की 13 संसदीय सीटें दिला पाने में सक्षम हैं.
उन्होंने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा था, “कैप्टन साहब और आशा कुमारी सोचते हैं कि मैडम सिद्धू (नवजोत कौर) सांसद का टिकट पाने के योग्य नहीं हैं. अमृतसर से मुझे टिकट इस आधार पर नहीं दिया गया कि अमृतसर में दशहरा के मौके पर हुए ट्रेन हादसे (पिछले साल अक्टूबर में जिसमें 60 लोग मारे गए थे) की वजह से मैं जीत नहीं पाऊंगी.
कैप्टन एवं आशा कुमारी ने कहा था कि मैडम सिद्धू जीत नहीं सकती हैं.” क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री के बीच अंदर ही अंदर सुलग रहा यह गुस्सा पूर्व में कई मौकों पर सामने आया है.