प्रियंका वाड्रा द्वारा अपमानित नीलम मिश्रा ने दल बल सहित छोड़ी कांग्रेस
एक होती है नूरा कुश्ती इस कुश्ती में दो भिड़ने वाले पहलवान आपस ही में तय कर लेते हैं की कोई भी चित्त नहीं होगा या फिर कौन चित्त होगा। हम नूरा कुश्ती पहले भी समाजवादी परिवार में होती देख चुके हैं। अब गठबंधन और कांग्रेस में भी नूरा कुश्ती ही चल रही है। अभी हाल ही में बदोही में भी यही कुश्ती एक बार फिर दोहराई गयी, जहां जिले की कांग्रेस अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने कांग्रेस छोड़ दी ओर गठबंधन के उम्मीदवार के हित में जुट गयी। इसे कहते हैं तेल गिरा तो कड़ाही में। एक ओर बात जो सामने आ रही है वह है नामदारों का अपने कार्यर्ताओं के प्रति रवैया। अभी सैम पित्रोदा के दिल्ली में सिक्ख कत्लेआम पर दिये गए ब्यान “हुआ तो हुआ” थमा नहीं की प्रियंका वादरा आ महिलाओं के लिए दिया गया यह बयान। जानते हैं पूरा मामला
भदोही: लोकसभा चुनाव 2019 के छठवें चरण में रविवार को सात राज्यों की 59 सीटों पर मतदान हुआ. इस दौरान उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की कांग्रेस अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने पूर्वी यूपी की प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. नीलम मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने भदोही से एक बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है. इस बारे में जब हमने प्रियंका गांधी से बात की तो उन्होंने कई अपमानजनक बातें कहीं.
आरोप है कि शुक्रवार को यहां हुई चुनावी सभा के बाद उन्होंने प्रियंका से शिकायत की थी कि भदोही से पार्टी के प्रत्याशी रमाकांत यादव लगातार जिला कांग्रेस कमेटी की उपेक्षा कर रहे हैं। यहां तक कि रैली में पार्टी पदाधिकारियों को घुसने तक नहीं दिया जा रहा है।
इसपर प्रियंका गांधी ने कथित रुप से नीलम मिश्रा क सबके सामने डांटना शुरु कर दिया और कहा कि ‘अगर आप लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं तो करते रहिए’।
नीलम मिश्रा ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से शनिवार को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि भदोही से रमाकांत यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. वह बाहरी व्यक्ति हैं और हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा झटका था. नीलम ने दावा किया कि इस बारे में एक बैठक के दौरान हमने प्रियंका गांधी से बात करने की कोशिश भी की थी. लेकिन, प्रियंका गांधी नाराज हो गईं और हमारे लिए कई अपमानजनक बातें कहीं.
बताते चलें कि रमाकांत यादव को चुनाव आयोग का नोटिस भी मिल चुका है. चुनाव आयोग ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जनता को बताने के लिए कहा था, जिसके लिए उम्मीदवारों को छोटे या बड़े अखबारों में इसे प्रकाशित करवाना था, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार रमाकांत यादव ने इसकी अनदेखी की थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला निर्वाचन आयोग ने यादव को नोटिस भेजा था
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