अपनी हार को देख कर कांग्रेस बौखला गयी है : ज्ञान चंद गुप्ता
आज पंचकुला में भाजपा ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जिसमें भाजपा ई तरफ से पंचकुला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने अपने विचार सांझा किए। आज मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होने कटारिया और सैलजा के बीच कड़े मुयाबले की बात को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी हार को देख कर बौखला गयी है। और उन्होने कहा कि कांग्रेस प्रायोजित ढंग से गुंडा गर्दी पर भी उतर आई है।
गुप्ता ने लोक तंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात करने कि आज़ादी कि बात कि और कांग्रेस पर आरोप लगते हुए कहा कि वह दूसरों कि सभाओं में अपने दो चार आदमी भेज कर हुड़दंग मचवाती है ओर फिर विडियो बना कर उसे वाइरल करवा देती है। गुप्ता के अनुसार यह लोकतंत्रिय प्रणाली नहीं है।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होने कुमारी सैलजा पर आरोप लगते हुए कहा कि
- पिछले 16 सालों में पंचकुला कि उन्नति के लिए उन्होने कौन से कार्य किए हैं?
- पिछले 6 साल के अंदर कुमारी सैलजा राज्यसभा कि सांसद के तोर पर सांसद निधि के 30 करोड़ रुपयों में से पंचकुला के विकास पर क्या खर्चा?
- सांसद निधि का 95% उन्होने सिरसा और हिसार के लिए इस्तेमाल किया तो वह अब पंचकुला किस मुंह से वोट काटने (मांगने) आयीं हैं?
अंत में उन्होने सैलजा के झूठ से पर्दा हटाते हुए कहा कि जिस NIFT का सैलजा जी श्रेय ले रहीं हैं वह समृति ईरानी जी के कार्यकाल में पास हुआ और उन्होने ही उसका शिलान्यास किया लेकिन सैलजा इसे अपने खाते में गिनवा रहीं हैं।
बेशक पिछले 2014 लोकसभा चुनाव में कटारिया को 50 फीसदी से भी अधिक वोट मिले थे। मगर पिछले चुनावों में सैलजा चुनावी मैदान में नहीं थीं। उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वर्ष 2004 के चुनाव में कुमारी सैलजा ने कटारिया को मात दी थी। तब चुनाव में सैलजा को 4,15,264 मत मिले थे जबकि कटारिया को 1,80,329। इसी तरह 2009 चुनावों में सैलजा को 3,22,258 मत पड़े थे जबकि कटारिया को 3,07,688। वहीं 2014 के चुनाव में रतनलाल कटारिया को 6,12,121 मत पड़े जबकि उनके खिलाफ मैदान में उतरे कांग्रेस के राजकुमार वाल्मीकि को 2,72,047 मत मिले थे।
अंबाला लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को ज्यादा सफलता मिली है। एक-एक बार जनता पार्टी (1977) और बसपा (1998) ने जीत हासिल की है। दो प्रत्याशियों भाजपा के सूरजभान (1967, 1977, 1980 व 1996) और कांग्रेस के रामप्रकाश (1971, 1984, 1989 व 1991) को जीत मिली। कांग्रेस के चुन्नी लाल (1951 व 1962) और कुमारी सैलजा (2004 व 2009) और भाजपा के के रतनलाल कटारिया (1999 व 2014) भी दो-दो बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल कर चुके हैं।
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