Saturday, December 21

जिस याचिका को न्यायालय के सतर पर ही खारिज हो जाना चाहिए था उसे चुनाव आयोग त पहुंचाया गया। अगर याचिकाकारता की मानें तो भारत की आधी आबादी सोमवार और शुक्रवार का व्रत रखती है, इस लिहाज से सोमवार एवं शुक्रवार को भी चुनावों के नियमों में ढील दी जानी चाहिए। यह तो अच्छा हुआ की चुनाव आयोग ने तुष्टीकरण की नीति नहीं अपनाई।
एक य‍ाच‍िका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग वोट‍िंग के समय को सुबह 7 बजे की बजाए अलसुबह साढ़े 4 या 5 बजे से कर दे.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग से कहा कि ‘लू’ और रमजान को ध्यान में रखते हुये लोकसभा चुनाव के शेष चरणों का मतदान शुरू होने का समय सुबह सात बजे से पहले सवेरे पांच बजे करने के बारे में वह आवश्यक आदेश जारी करे. इस मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. इससे पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष इस सिलसिले में एक याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया गया.

पीठ ने कहा था, ‘ चुनाव आयोग को आवश्यक आदेश जारी करने का निर्देश दिया जाता है. उपरोक्त संदर्भों में रिट याचिका का निपटारा किया जाता है.’ यह याचिका अधिवक्ता मोहम्मद निजामुद्दीन पाशा और असद हयात ने दायर की थी. इसके जरिए चुनाव के शेष चरणों में मतदान का समय सुबह सात बजे के बजाय दो से ढाई घंटे पहले, सुबह साढ़े चार या पांच बजे से करने का अनुरोध किया गया.

याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के तहत पांचवें, छठे और सातवें चरण के मतदान के लिए मतदान का समय दो से ढाई घंटे पहले करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. शेष तीन चरणों के तहत क्रमश: छह मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होना है. याचिका में कहा गया है कि चुनाव के इन शेष चरणों के दौरान देश के कई हिस्सों में ‘लू’ चलने की परिस्थितियां मौजूद होंगी और रमजान का महीना भी रहेगा.

याचिका में कहा गया है कि रमजान का महीना छह मई से शुरू होने की संभावना है, जिस दिन पांचवें चरण का मतदान है. रमजान के दौरान मुसलमान रोजा रखते हैं. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में सोमवार को आयोग को एक ज्ञापन दिया था लेकिन आयोग ने इसका जवाब नहीं दिया. इसमें यह भी कहा गया है कि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में प्रचंड ‘‘लू’’ चलने की चेतावनी दी है. इस दौरान चुनावी राज्यों – मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, झारखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में तापमान सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा हो जाता है.

याचिका में कहा गया है कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते मुसलमानों का घरों से बाहर निकलना और वोट देने के लिए कतार में खड़े रहना मुश्किल होगा. साथ ही सुबह की नमाज और सहरी करने के बाद ज्यादातर लोग (रोजा रखने वाले) आराम करते हैं.