बैकओप्स ने राहुल को पीछे धकेला
बेकॉप्स कंपनी बनाने के मामले में बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस इन गंभीर आरापों पर जवाब दे.
नई दिल्ली: ब्रिटेन और देश में बैकॉप्स नाम की कंपनी बनाने के मामले में राहुल गांधी पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, पहले भी जब इस तरह के मामले सामने आए, तब कांग्रेस की ओर से कोई जवाब नहीं आया. अरुण जेटली ने कहा, राहुल गांधी ने देश में 2002 में बैकॉप्स नाम की कंपनी खोली. इसके जरिए रक्षा सौदे की दो कंपनियां बनाई गईं.
अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 28 मई 2002 को भारत में एक कंपनी बनती है बैकऑप्स प्राइवेट लिमिटेड. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके डायरेक्टर बनते हैं. 21 अगस्त 2003 में ब्रिटेन में भी इसी नाम से एक कंपनी बनती है. उसके डायरेक्टर राहुल गांधी और एक अमेरिकी नागरिक बनते हैं. इसका नाम उलरिक मैकनाइट है.
21 अगस्त 2003 में ब्रिटेन में इसी नाम से कंपनी बनती है. उसके डायरेक्टर राहुल गांधी बनते हैं. इसमें उनका एक और साथी भी साझीदार है. इस कंपनी के कोई मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट नहीं हैं. ये एक तरह से लाइजनिंग करने वाली कंपनी है. यानी हम प्रभाव से आपका काम कराएंगे और बदले में पैसा लेंगे. ये इसका उद्देश्य था. अरुण जेटली ने कहा, चुप रहने का अधिकार किसी क्रिमिनल केस में मुलजिम को होता है, राजनीतिक नेताओं को ये अधिकार उपलब्ध नहीं है.
2009 में राहुल गांधी ने कंपनी से इस्तीफा दिया
जेटली ने राहुल गांधी और प्रिंयका गांधी पर बैकआप्स कम्पनी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस कम्पनी में राहुल गाधी की भागीदारी पर सवाल खडे किए. उन्होंने कहा कि ये कम्पनी लाईजिनिंग का काम करती है, जिसका काम पैसे लेकर काम कराना था. इस कंपनी मे राहुल गांधी के 65 प्रतिशत शेयर थे, मगर 2009 मे राहुल गांधी इस कम्पनी से निकल जाते हैं और राहुल का इस कम्पनी से बाहर निकलने का कारण क्या होता है ये समझा जा सकता है. मगर इनके पूर्व सहयोगी इस कम्पनी के जरिये काम करते हैं. जेटली ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूँ कि राहुल गांधी और कांग्रेस इसका जवाब देगे.
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