नई दिल्ली। राजनीति में निष्ठाऐं बदलने की कहावत से चार कदम आगे बढ़कर आज दलित नेता Udit Raj ने निष्ठा बदलने के बाद मर्यादाओं की सारी सीमा भी लांघ दी। ये अलग बात है कि जिस लोकसभा टिकट के लिए Udit Raj बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए तो टिकट उन्हें कांग्रेस ने भी नहीं दिया।
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में टिकट नहीं मिलने पर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए दलित नेता उदित राज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर विवादित बयान दिया है। उदित राज ने कहा कि बीजेपी ने दलित वोट हासिल करने के लिए एक अयोग्य नेता को राष्ट्रपति के पद पर बैठा दिया। गूंगे बहरे आदमी को राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दे दी।
उदित राज ने कहा कि वे राष्ट्रपति पद की गरिमा पर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर कोविंद की योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में भाजपा दलित महिला और मुस्लिम विरोधी है। भाजपा नेता जेएनयू में कंडोम का पता कर सकते हैं तो फिर पुलवामा में 300 किलो आरडीएक्स का पता करने में उनकी इंटेलिजेंस क्यों विफल हो गई। उदित राज ने यह भी कहा कि वे अपने राम मंदिर के बौद्ध नगरी होने को लेकर किए गए दावे को अभी भी कायम हैं।
उन्होंने पीएम मोदी पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया। पीएम मोदी अंबेडकर के नाम पर दलित की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा को दलित नेता नहीं, केवल दलित वोट चाहिए। बीजेपी में गूंगे बहरे दलित नेता को ऊपर पहुंचाया जाता है। भाजपा गूंगे बहरे दलित नेता चाहते हैं। इसी वजह से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया गया है।