जापान में नेस वाडिया को मादक पदार्थ रखने के जुर्म में 2 साल की सज़ा

नेस वाडिया हमेशा से ख़बरों में बने रहे हैं तकरीबन गलत कारणों से। इस बार वह 25ग्राम ‘कैनबिस रेसिन’ नामक मादक पदार्थ के कारण। पहले वह अपनी महिला मित्र ओर बॉलीवुड अदाकारा प्रीति जिंटा के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के आरोपों में कोर्ट तक जा चुके हैं। नेस को अपने 283 साल परने व्यापारी घराने का अपने पिता के बाद वारिस माना जा रहा था लेकिन सन 1736 में स्थापित इस समूह का यह अधिकार 2011 में जेह वाडिया को दे दिया गया। नेस को एक कम महत्वपूर्ण लेकिन मुनाफेदार कंपनी ‘बॉम्बे बूमराह’ का निदेशक बनाया गया जहां वह अपने प्राश्रिमिक को लेकर सरकार के आगे अनुचित गुहार लगते रहे हैं।

नई दिल्ली: वाडिया समूह के वारिस तथा आईपीएल टीम किंग्स-XI के मालिक नेस वाडियाको जापान की एक अदालत ने कथित रूप से मादक पदार्थ रखने के आरोप में दो साल की सजा सुनाई है. ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वाडिया वहां छुट्टियां बिताने गये थे और उन्हें मार्च के शुरू में उत्तरी जापान के होकाइडो द्वीप के न्यू चिटोस हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया. वाडिया की जेब से 25 ग्राम मादक पदार्थ ‘कैनबिस रेसिन’ मिला था. इस खबर पर वाडिया समूह के प्रवक्ता ने कहा कि नेस वाडिया भारत में हैं.

प्रवक्ता ने कहा कि यह फैसला स्पष्ट है. यह सजा निलंबित है.  ऐसे में फिलहाल नेस वाडिया को समूह के भीतर और बाहर अपनी जिम्मेदारियां निभाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. खबरों में कहा गया है कि सापोरो जिला अदालत ने वाडिया को दो साल की सजा सुनवाई है. सजा को हालांकि पांच साल के लिए निलंबित रखा गया है.

वाडिया को 20 मार्च को सजा सुनाई गई.  उससे पहले वह हिरासत में रहे. हालांकि, हिरासत की अवधि के बारे में पता नहीं चला है. नेस वाडिया समूह की प्रमुख कंपनियों बांबे डाइंग, बांबे बुरमाह ट्रेडिंग कॉरपोरेशन आदि में निदेशक हैं.  

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