Monday, December 23

पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पाँच साल शांत रहने के बाद एक बार फिर चुनावी सरगर्मियों में मुखर हुई हैं। केजरीवाल की 360 पन्नों वाली फ़ाइल भी गायब हो चुकी है। जो नाचीज़ चीज़ बन गया था अब उससे किसी को कोई डर नहीं रहा। धरना प्रदर्शन वाला मुख्य मंत्री राष्ट्रिय राजधानी को सम्पूर्ण राज्य आ दर्जा दिलवाने की बात उठा आर चुनावी समर जीतना चाहता है। राष्ट्रिय राजधानी का सम्पूर्ण राज्य का दर्जा अराजकता को बढ़ाने की ओर एक कदम है।
शीला दीक्षित ने कहा, ‘अगर केजरीवाल ने भारत के संविधान को अच्छे से पढ़ा होता और समझा होता तो वह पूर्ण राज्य के मुद्दे पर लोगों से बार-बार झूठ नहीं बोल रहे होते.’ 

नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रहने पर भाजपा और ‘आप’ पर हमला बोलते हुए सोमवार को कहा कि संविधान में संशोधन के बिना दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है और इसके लिए ‘आप’ को संसद में पूर्ण बहुमत की जरूरत है.

उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले अलग अलग इलाकों में प्रचार करते हुए दीक्षित ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे पर लोगों को ‘बेवकूफ’ बनाने का आरोप लगाया. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत हासिल करेगी.

मनोज तिवारी से है शीला दीक्षित का मुकाबला
शीला दीक्षित का मुकाबला प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और ‘आप’ की दिल्ली ईकाई के पूर्व संयोजक दिलीप पांडे से है. उत्तर पूर्व दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे पर केजरीवाल लोगों को ‘बेवकूफ’ बना रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘अगर केजरीवाल ने भारत के संविधान को अच्छे से पढ़ा होता और समझा होता तो वह पूर्ण राज्य के मुद्दे पर लोगों से बार-बार झूठ नहीं बोल रहे होते.’ 

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग करने का मतलब है भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ जाना है और ऐसा लगता है कि केजरीवाल को देश के संविधान के बारे में कुछ जानकारी नहीं है.’  सत्तारूढ़ ‘आप’ पूर्ण राज्य के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस पर हमला कर रही है. पार्टी ने इसे लोकसभा चुनाव में अहम मुद्दा बनाया है.

शीला दीक्षित ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा जो ‘आप’ संसद में बिना बहुमत के हासिल नहीं कर सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब शासन का मामला आता है तो ‘आप’ और भाजपा एक सिक्के के दो पहलू हो जाते हैं.