मध्य प्रदेश में बिजली पानी कि कमी का कारण भाजपा कार्यकर्ता हैं: कमलनाथ

कमलनाथ के मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री पद की शपथ लेते ही प्रदेश में कांग्रेस की वापसी हुई और लोगों की मानें तो साथ ही वापसी हुई कांग्रेस के पुराने प्रशासनिक व्यवस्था की। मध्य प्रदेश से मूलभूत दैनिक सुविधाओं के जनमानस से दूर होने की। अब बिजली गुल रहती है ओर नालों से पानी गायब। बाद बात यह कि मुख्य मंत्री इन सबका ठीकरा अपने निकम्मे प्रशासनिक अधिकारियों के बदले भाजपा कार्यकर्ताओं पर फोड़ते हैं। यदि प्रदेश में प्रशासन भाजपा कार्यकर्ताओं के ही हाथ में है तो यों न ………

छिंदवाड़ा:लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 सीटों के लिए मतदान जारी है. इन सबके बीच मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने भी छिंदवाड़ा में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस दौरान एक अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो गई. दरअसल, जिस समय सीएम कमलनाथ वोट डाल रहे थे, उस दौरान अचानक ही पोलिंग बूथ पर बिजली गुल हो गई. इसके बाद कमलनाथ ने मीडिया के कैमरों की रोशनी में वोट डाला. कमलनाथ अपने पूरे परिवार के साथ वोट डालने पहुंचे थे. वहीं, कमलनाथ जैसे ही पोलिंग बूथ से बाहर आए, बिजली आ गई.

मतदान के बाद मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता इस बार सच्चाई का साथ देगी. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली गुल करने का काम बीजेपी के लोगों ने किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग कहीं बिजली गुल करके और कहीं लाइन खराब करके कांग्रेस को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा के बाद अब प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी चुनाव प्रचार करना मेरी जिम्मेदारी है. बता दें कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ चुनावी मैदान में हैं.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इन दिनों बिजली व्यवस्था काफी बदहाल हो गई है. लोगों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि 15 साल पहले का कांग्रेस शासन वापस आ गया है. बता दें कि दिग्विजय सिंह के शासनकाल में राज्य में मूलभूत सुविधाओं का काफी अभाव था. उस समय बिजली-पानी-सड़क के मुद्दों पर ही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था.

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