Saturday, December 21

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा. पार्टी ने 2014 मे इन सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं विपक्षी दल बीजेपी से ये सीटें छीनना चाहेंगे. यह चरण बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम है.  

नई दिल्ली: देश में सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण के साथ गुजरात, केरल, गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, असम, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा जहां पार्टी ने 2014 मे जीत हासिल की थी. इसलिए यह चरण बीजेपी के लिए काफी अहम है.

तीसरे चरण में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों दलों के प्रमुख चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव में उतर हैं. वह गांधीनगर से पार्टी के प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस चरण में केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में इनमें से 16 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, जबकि अन्य सीटें बीजद (6), माकपा (7), राकांपा (4), समाजवादी पार्टी (3), शिवसेना (2), राजद (2), एआईयूडीएफ (2), आईयूएमएल (2), लोजपा (1), पीडीपी (1), आरएसपी (1), केरल कांग्रेस-एम (1), भाकपा (1), स्वाभिमानी पक्ष (1), तृणमूल कांग्रेस (1) और निर्दलीय (3) की झोली में गई थीं.

गुजरात में बीजेपी की परीक्षा
इस बार बीजेपी की परीक्षा उसका गढ़ रहे गुजरात में होगी. प्रदेश की सभी 26 लोकसभा सीटों पर अज मतदान होगा. इसके अलावा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की परीक्षा होगी जहां पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. बीजेपी ने इस चरण में मतदान वाली सीटों पर 2014 में गुजरात की सभी 26 सीटों, कर्नाटक की 14 में से 11 सीटों और उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से आठ पर, छत्तीसगढ़ की सात में से छह सीटों पर, महाराष्ट्र की 14 में से छह सीटों पर, गोवा की दोनों सीटों पर और असम, बिहार, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की एक-एक सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के कारण बीजेपी इस बार भी गुजरात की सभी सीटों पर जीत हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठी है. लेकिन, कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को कड़ी चुनौती थी, इसलिए कांग्रेस भी 10 से 15 सीटों पर इस बार जीत की उम्मीद कर रही है. गुजरात के तीन युवा नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने में मदद की थी, लेकिन इस बार वे चुनाव की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पाटीदार नेता पटेल पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन दंगा से संबंधित मामले में अभियुक्त होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाए, जबकि ठाकोर ने इसी महीने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. 

तय होगी यादव परिवार की किस्मत
समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे मैनपुरी, बदायूं और संभल लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होने जा रहा है और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन होने के बाद इन क्षेत्रों में सपा की संभावना को मजबूती मिली है. यह भी एक राय है कि कांग्रेस भी बीजेपी का ही वोट काटेगी. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से अपने भतीजे व सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं और वह सपा-बसपा गठबंधन के विरोध में लोगों को वोट करने कह रहे हैं. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं.

कर्नाटक में बीजेपी को मिल रही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती
कर्नाटक में मंगलवार को जिन 14 सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन उसे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. उधर, बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भी तीसरे चरण में यादव बहुल इलाके में कड़ी चुनौती मिल रही है. 

महाराष्ट्र में तीसरे चरण में बारामती, माधा, कोल्हापुर और सतारा समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गढ़ में मतदान हो रहा है. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव मैदान में हैं. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपनी सभी मौजूदा सांसदों को बदल दिया है. पार्टी को प्रदेश में 15 साल बाद पिछले साल सत्ता में वापस आई कांग्रेस से चुनौती मिल रही है. 

मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष
बिहार में इस चरण में जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहा है उनमें से बीजेपी को 2014 में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी और पार्टी इस बार भी इनमें से एक ही सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) तीन सीटों पर और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, महागठबंधन में शामिल आरजेडी तीन सीटों पर जबकि कांग्रेस और विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. मुख्य मुकाबला मधेपुरा में है जहां वर्तमान सांसद पप्पू यादव (पिछली बार राजद के टिकट पर) इस बार अपने ही दल जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ आरजेडी उम्मीदवार शरद यादव चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एनडीए में शामिल जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं. मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष है. 

क्या पुरी में खिलेगा कमल
ओडिशा के पुरी लोकसभा क्षेत्र में भी त्रिकोणीय संघर्ष है जहां तीन प्रमुख दलों के प्रवक्ताओं के बीच लड़ाई है. वर्तमान सांसद और बीजू जनता दल (बीजद) प्रवक्ता पिनाकी मिश्र का मुकाबला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से है, जबकि कांग्रेस के मीडिया सेल अध्यक्ष सत्यप्रकाश नायक भी चुनावी मैदान में हैं. असम में चार लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होगा जहां कांग्रेस और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर बीजेपी के विरोध का लाभ मिलने की उम्मीद है.

केरल में राहुल गांधी वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों में से आठ पर पार्टी ने 2014 में जीत दर्ज की थी और उसके सहयोगियों ने भी कुछ सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी भी केरल में चार सीटों पर जीत की उम्मीद लगा रही है. पश्चिम बंगाल में बहुकोणीय संघर्ष है जहां तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस अपने-अपने दावे ठोंक रहे हैं.