हिंसा से पहले शिमला जाते हुए इस नामचर्चा घर में एक बार राम रहीम भी रुके थे। गौरतलब है कि सेक्टर 23 नामचर्चा घर पंचकूला हिंसा के बाद सील कर दिया गया था। कुछ माह पूर्व इसकी सील हटा दी गई थी और उसके बाद डेरा अनुयायियों के आने-जाने का सिलसिला शुरु हो गया।
पंचकूला:
डेरा सच्चा सौदा की ओर से रविवार को सेक्टर 23 में धार्मिक समागम का आयोजन किया गया। इस समागम के जरिये चुनावी माहौल में डेरा सच्चा सौदा द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश की गई है, क्योंकि आज जिला पंचकूला के इस समागम में पंचकूला एवं कालका दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों से लोगों को बुलाया गया था। इस समागम में लगभग 12 से 15 हजार लोग पहुंचे, जिन्होंने अपनी संख्या से यह बताने की कोशिश की कि भले ही डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम जेल में चले गये हों, लेकिन डेरे के प्रति उनकी आस्था में कोई कमी नहीं आई। लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां डेरे से संपर्क साधने में जुटी हुई है और कांग्रेस एवं भाजपा भी डेरे का समर्थन चाहती है, लेकिन समर्थन देने के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
सेक्टर 23 नामचर्चा घर में 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुये दंगों के बाद आज पहली बार सार्वजनिक तौर पर इतना बड़ा आयोजन किया गया। जिसमें सत्संग एवं नामचर्चा की गई। पंचकूला के जिम्मेदार अनिल भंगीदास ने बताया कि नामचर्चा की शुरूआत धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा नाम के साथ की गई। विनती शब्द लगाकर भजन-कीर्तन शुरू किए। जिसमें शाह सतनाम महाराज की शब्दवाणी को भजनों के माध्यम से गाया गया। नामचर्चा का समापन लंगर के साथ किया गया। अनिल भंगीदास ने बताया कि इस दौरान गरीब लोगों को राशन दिया गया और साथ ही कुछ लोगों को स्टेशनरी का सामान दिया गया। हर वर्षगांठ पर गरीबों को सहायतार्थ सामान दिया जाता है। अनिल ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल धार्मिक था, चुनाव को लेकर जो फैसला लिया जाना है, वह सिरसा से ही होगा और डेरे से जो भी आदेश होगा, उसका सभी मिलकर पालन करेंगे। इस अवसर पर लवली, नरेश भल्ला, कमल, मोहन लाल, चरण सिंह, अजैब सिंह, रवि कुमार, राम सरण, हंसराज भी उपस्थित थे।