भोपाल: भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर दिए बयान को वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि जो मैंने कहा वो मेरी व्यक्तिगत पीड़ा थी, जो मैंने सुनाई. साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे शब्दों से दुश्मनों को बल मिलता है तो मैं अपना बयान वापस लेती हूं और उस सैनिक को जो आतंकवादी से गोली से मरा है मैं उसका सम्मान करती हूं. प्रज्ञा ने अपने बयान में कहा कि मुंबई एटीएस प्रमुख शहीद हेमंत करकरे दुश्मन देश की गोलियों से मारे गए. निश्चित रूप से वह शहीद हैं.” साध्वी प्रजा ने आतंकी हमले में शहीद हुए मुम्बई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा था, “मैंने उनको सर्वनाश होने का शाप दिया था.”
बीजेपी ने भी झाड़ लिया था प्रज्ञा के बयान से पल्ला
इससे पहले, बीजेपी ने साध्वी के बयान से किनारा कर लिया था. बीजेपी ने कहा कि यह उनकी निजी राय है जो सालों तक उन्हें मिली शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की वजह से हो सकती है. बीजेपी ने इसके कारण शुरू हुए विवाद को हल्का करने का प्रयास करते हुए एक बयान में कहा, “बीजेपी का मानना है कि करकरे बहादुरी के साथ आतंकवादियों से लड़ते हुए मारे गए. बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है.”
आईपीएस एसोसिएशन ने की थी बयान की निंदा
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन आईपीएस एसोसिएशन ने साध्वी के बयान की निंदा की थी. करकरे के बारे में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन आईपीएस एसोसिएशन ने ट्वीट में कहा, “अशोक चक्र से सम्मानित आईपीएस, दिवंगत श्री हेमंत करकरे, ने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया. एक उम्मीदवार द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान की हम निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि हमारे सभी शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाए.”