‘‘देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच वर्ष में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. हम आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ढाई जिलों तक सीमित करने में सफल रहे हैं.’’ मोदी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नामांकन के पश्चात देश में सियासी तूफान उबल पड़ा है। जिनके आलाकमान जमानत पर बाहर घूम रहे हैं और जो दो- दो जगहों से चुनाव लड़ रहे हैं वह भी साध्वी के चुनाव लड़ने पर तंज़ कस रहे हैं। कहीं प्रवक्ताओं पर जूता फेंका जा रहा है तो कहीं प्रवक्ताओं को डराया धमकाया जा रहा है। ऐसे में अच्छी खबर है की एक – दो घटना के अलावा चुनाव का दूसरा दौर भी शांति से सम्पन्न हुआ। ऐसे में प्रधान मंत्री मोदी अमरौली में अपनी चुनावी सभा को धन्यवाद सभा कह दें तो क्या अचरज है?

अमरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ‘‘ढाई’’ जिलों तक सीमित करने में कामयाब रही है और देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच साल में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. पीएम मोदी ने गुजरात के अमरेली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात में जो कुछ सीखा, उससे उन्हें 2017 में चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के दौरान मदद मिली.

उन्होंने देश में पहले हुए बम विस्फोट के विभिन्न मामलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच वर्ष में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. हम आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ढाई जिलों तक सीमित करने में सफल रहे हैं.’’

बालाकोट हवाई हमला
बालाकोट हवाई हमले के बाद भारत से संपर्क साधने की कोशिश संबंधी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर मोदी ने कहा कि नेता को ‘‘फोन उठाने के लिए हमसे सार्वजनिक रूप से अनुरोध करना पड़ा.’’

उन्होंने देश में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सरदार सरोवर परियोजना 40 वर्ष पहले पूरी हो गई होती तो गुजरात बहुत बेहतर जगह होती. मोदी ने कहा कि कांग्रेस को 2014 में आजादी के बाद सबसे कम सीटों पर जीत मिली और 2019 में वह सबसे कम लोकसभा सीटों के लिए लड़ रही है, लेकिन तब भी वह सत्तारूढ़ पार्टी बनने का ‘‘सपना देख’’ रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में बनी सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का मकसद दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अनादर करना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह कोई चुनावी रैली नहीं है, बल्कि यह मेरे लिए गुजरात के लोगों को धन्यवाद देने की रैली है क्योंकि मैं यहीं निखरा.’’

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