तेजस्विनी अनंत कुमार ने मांगी कानूनी मदद
अनंत कुमार के पश्चात उस रिक्तता को भरने और भाजपा कार्यकर्ताओं की मन:स्थिति देखते हुए तेजस्विनी अनंत कुमार को भाजपा का कर्नाटक प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया। तभी से सोशल मीडिया में उनके दुष्प्रचार की घटनाएँ बढ़ गईं जिनके लिए उन्हे कानूनी मदद की भी आवश्यकता पड़ी। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हो रहीं कुमार ने कहा, ‘‘व्हाट्सएप समूह सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर पर्चे साझा किए जा रहे हैं कि मैं लोगों से नोटा पर वोट डालने को कह रही हूं.’’
बेंगलुरू: कर्नाटक भाजपा की उपाध्यक्ष तेजस्विनी अनंत कुमार ने सोमवार को उन अफवाहों को खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा था कि वह ‘‘लोगों से नोटा का बटन दबाने को कहा रही हैं.’’ कुमार ने कहा कि इस बयान में उनके नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है. कुमार को दक्षिण बेंगलुरू सीट से बीजेपी ने टिकट नहीं दी है. उन्होंने कहा कि जनता से वह हमेशा ‘‘भाजपा को वोट देने और फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की अपील करती हैं’’. उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी है क्योंकि यह उनके खिलाफ ‘झूठे आरोप’ हैं.
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हो रहीं कुमार ने कहा, ‘‘व्हाट्सएप समूह सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर पर्चे साझा किए जा रहे हैं कि मैं लोगों से नोटा पर वोट डालने को कह रही हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सच्चाई से कोसों दूर है. मेरे नाम का दुरुपयोग हो रहा है और यह मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने का प्रयास है.’’
यह रेखांकित करते हुए कि वह भाजपा परिवार का हिस्सा हैं और उसी से आती हैं कुमार ने अपने पति दिवंगत केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार और भाजपा के संबंधों का हवाला दिया. अनंत कुमार दक्षिण बेंगलुरू सीट से छह बार सांसद और भाजपा सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे थे. कुमार ने कहा, ‘‘अब मुझे भी पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया गया है. मैंने ऐसा कभी नहीं किया, कोई मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है.’’
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