Saturday, December 21

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) को पत्र लिखकर पूछा है कि शनिवार को चुनाव आयुक्त से मिलने आए पार्टी प्रमुख एन चन्द्रबाबू के प्रतिनिधिमंडल में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को कैसे शामिल किया गया था. चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि जब नायडू मुलाकात के लिए आए तो उनके साथ हरि प्रसाद नामक एक व्यक्ति भी था, जिन्होंने कई बार ईवीएम के कामकाज के बारे में विभिन्न तकनीकी मुद्दों को उठाया और दावा किया कि उन्हें इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता हासिल है.

पत्र में कहा गया कि बैठक के दौरान फैसला किया गया कि चुनाव आयोग की तकनीकी टीम प्रसाद को इस संबंध में विस्तृत जानकारी देगी. पत्र में कहा गया कि बाद में पता चला हरिप्रसाद 2010 में ईवीएम की कथित चोरी के एक आपराधिक मामले में शामिल था, जिसमें उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

टीडीपी के कानूनी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गया, “यह पूरी तरह से अजीब बात है कि किस तरह ऐसी पृष्ठभूमि वाले तथाकथित तकनीकी विशेषज्ञ को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिनिमंडल का हिस्सा बनने दिया गया.”

गौरतलब है कि शनिवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा जिसमें आरोप लगाया गया कि गुरुवार को राज्य में मतदान के दौरान बड़ी संख्या में ईवीएम में खराबी पाई गई थी और सुरक्षा के अभाव में हिंसक घटनाएं हुईं थी.