पिता विधायक और पुत्र सांसद हो तो किस परिवार को अच्छा नहीं लगेगा? अब जब 91 वर्षीय पंडित सुखराम ने राहुल गांधी से आशीर्वाद ले ही लिया तो आश्रया को सांसद बनाने से कौन रोक सकता है। भाजपा के मंत्री होने के नाते अनिल शर्मा बेटे के पक्ष में वोट नहीं मांग सकते थे, परंतु उन्होने मंडी से अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा के लिए प्रचार करने को भी माना कर दिया। अब मामला इस्तीफे तक पहुँच चुका है।
शिमला (मोहित प्रेम शर्मा) : लोकसभा चुनावों के बीच हिमाचल प्रदेश में बीजेपी सरकार को बड़ा झटका लगा है. राज्य की सत्तासीन सरकार में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा ने मंत्री दे दिया है, हालांकि वह विधायक बने रहेंगे.
सीएम के बयानों से आहत हुए अनिल शर्मा
इस्तीफा देने के बाद अनिल शर्मा ने कहा कि वह सीएम जयराम ठाकुर के बयानों से काफी आहत हुए हैं, जिसके कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा, ‘कुछ बातों का जवाब बाद में दूंगा, धीरे-धीरे पत्ते खोलूंगा.’
अनिल के बेटे आश्रय कांग्रेस से लड़ रहे हैं चुनाव
अनिल शर्मा काफी दिनों से धर्मसंकट में थे. गौरतलब है कि अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा कांग्रेस से मंडी सीट पर सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं. बेटे के बारे में बोलते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि उनमें जज्बा है, लेकिन मैं उनके लिए प्रचार करने नहीं जाउंगा.
किसी के लिए नहीं करूंगा प्रचार
इससे पहले उन्होंने कहा था, ‘‘मैं मंडी सीट पर न तो अपने बेटे के लिए प्रचार करूंगा और न ही बीजेपी उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा के लिए.’’ एक दिन पहले ही ठाकुर ने उनसे यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या वह अपने पद से इस्तीफा देकर अपने बेटे के लिए प्रचार करेंगे या फिर बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करेंगे.