पीलीभीत में एक चुनावी सभा में वरुण गांधी ने कहा, भले लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए सपा बसपा गंठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि भले ही यह लोग एक हो गए हों. लेकिन नीचे के लोग नाराज हैं.
मुलायम ने रामभक्तों पर गोली चलवाकर पाप किया, इसलिए उनके बेटे ने धक्के मारकर बाहर निकाला
प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए वरुण ने कहा की आज तक किसी भी प्रधान मंत्री ने भारत को वह यश नहीं दिलाया जो मोदी के शासन काल में मिला।
“वाजपेयी जी एक सामान्य परिवार से थे, लेकिन कभी गरीबी को खारिज करते हुए नहीं देखा था। मोदी जी एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं। उनके गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को किसी भी प्रकार के संदेह से नहीं देखा जा सकता,” पीलीभीत में वरुण
पीलीभीत: यूपी में सुल्तानपुर के सांसद और लोकसभा चुनाव 2019 में पीलीभीत से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी वरुण गांधी ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो रहेमुलायम सिंह पर जुबानी हमला बोला है. मुलायम सिंह इस बार भी मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं. उन पर निशाना साधते हुए वरुण गांधी ने कहा, मुलायम सिंह यादव ने राम भक्तों पर गोली चलाकर पाप किया जिसका नतीजा यह निकला कि अंत मे उनके ही बेटे ने धक्के मारकर रोड पर निकाल दिया.
पीलीभीत में मायावती के लिए वरुण गांधी ने कहा कि मायावती ने पूरे जिन्दगी टिकट बेचे हैं. वरुण गांधी ने अपने व अपनी मां मेनका गांधी के टिकट मिलने पर कहा कि बीजेपी ने पूरे देश में केवल एक परिवार को ही दो टिकट दिए हैं. जबकि मांगने वाले 10 से 20 परिवार थे किसी को नही दिया.
सपा बसपा गंठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि भले ही यह लोग एक हो गए हों. लेकिन नीचे के लोग नाराज हैं. यूपी में महागठबंधन के सवाल पर वरुण गांधी ने कहा, यह कौन से खेत की मूली है.
वरूण गांधी ने यह बयान पीलीभीत के रम्पूरा फकीरे गांव में एक जनसभा के दौरान दिया. वरुण गांधी पीलीभीत से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी हैं. वरुण इस समय सुल्तानपुर से सांसद हैं जबकि उनकी मां मेनका गांधी पीलीभीत से सांसद हैं. इस बार बीजेपी दोनो मां बेटे के टिकट बदल दिए हैं. वरूण गांधी को पीलीभीत से टिकट दिया गया है, जबकि मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दिया है. टिकट मिलने के बाद वरूण गांधी पीलीभीत में एक दिन में दो दर्जन से ज्यादा सभाए कर रहे हैं.
वरुण गांधी 2009 में भी पीलीभीत से चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि उस समय वह अपनी विवादित टिप्पणियों के कारण चर्चा में आए थे. इसके बाद वह 2014 में अपने पिता की परंपरागत सीट सुल्तानपुर आ गए. लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई